दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियों को करोड़ों अरबों का नुकसान करने वाली अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फॉर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर ने अब इसे बंद करने की घोषणा कर दी है। इसकी जानकारी फाउंडर नाथन एंडरसन ने अपने एक्स अकाउंट के जरिए दी है। हिंडनबर्ग ने सबसे बड़ा नुकसान अदानी ग्रुप का कराया था। अब इसके बंद होने की खबर के साथ अदानी ग्रुप के कई शेयर्स में तेजी भी आई है। आइये जानते हैं हिंडनबर्ग क्या करती थी? और हिंडनबर्ग क्यों बंद की जा रही है?
हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म क्या करती थी
हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म एक अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म है। जो देश दुनिया की ऐसी कंपनियों को टारगेट करती है, जिनमें मिस-मैनेजमेंट, घोटालेबाजी और अन्य कोई अनैतिक गतिविधि की जा रही हो. आसान शब्दों में यह फर्म कंपनी को नुकसान पहुंचाने वाली खबर को उजागर करने का काम करती थी।
नकारात्मक खबर सार्वजनिक करने से पहले उस कंपनी के स्टॉक को भारी मात्रा में शॉर्ट सेल कर देती थी। जैसे ही हिंडनबर्ग अपनी रिसर्च सार्वजनिक करती थी तो कंपनी के स्टॉक में तगड़ी गिरावट आती थी। जिसके चलते इसके शॉर्ट सेलर्स को मोटा प्रॉफिट होता था।
हिंडनबर्ग ने किन कंपनियों की रिसर्च की थी
- हिंडनबर्ग ने सबसे पहले साल 2019 में जूमिया टेक्नोलॉजी कम्पनी को लेकर की गई अपनी रिसर्च जारी की थी, जिसमें कंपनी पर ऑर्डर नंबर को बढ़ाकर बताने का आरोप लगाया गया। इसके कारण कंपनी के शेयर 50% तक गिर गए थे।
- फरवरी 2020 में फार्मासिलो को लेकर रिसर्च जारी की : कंपनी के सह-संस्थापक पर संदिग्ध भूमि सौदों में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके चलते कम्पनी के स्टॉक्स में 50% तक गिरे।
- स्क्वर्क्स कॉर्प (अप्रैल 2020) : कंपनी के कोविड टेस्टिंग किट के दावों को झूठा करार दिया गया। शेयर 99% तक गिर गए।
- निकोला (सितंबर 2020) : इलेक्ट्रिक ट्रक तकनीक की क्षमताओं को बढ़ा-चढ़ाकर बताने का आरोप लगाया। इसके कारण निकोला के शेयर 50% से ज्यादा गिरे।
- क्लोवर हेल्थ (फरवरी 2021): कंपनी पर आरोप लगा कि उसने निवेशकों को यह नहीं बताया कि वह अमेरिकी न्याय विभाग की जांच के दायरे में है। इसके कारण शेयर 14 डॉलर से गिरकर 7 डॉलर पर आ गए।
- लॉर्ड्सटाउन मोटर्स (मार्च 2021): इलेक्ट्रिक ट्रक बनाने वाली कंपनी पर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप। शेयर 50% से ज्यादा टूटे।
- इचान इंटरप्राइजेज (मई 2023) कंपनी की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठाए गए। यहां तक कि कंपनी की डिवीडेंड संरचना को पोंजी स्कीम बताया गया। जिसके कारण शेयर 50% तक टूटे।
- अडाणी ग्रुप (2023) : अदाणी समूह पर कॉर्पोरेट इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी का आरोप लगाया। जिसमें अडाणी ग्रुप के दायरें में आने वाली कंपनियों के स्टॉक्स को ओवर वैल्यूड घोषित किया गया. इसके बाद 2024 में भी कई गंभीर आरोप लगायें गए. कुल मिलकर हिंडनबर्ग के रिसर्च रिपोर्ट ने अडाणी को एशिया के सबसे लोगों की लिस्ट में पहले नंबर से 20वें नंबर पर पहुँचा दिया। सभी स्टॉक्स में 50 से 55% की गिरावट आई थी।
हिंडनबर्ग रिसर्च क्यों बंद हो रही है
हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन ने इस रिसर्च फर्म को बंद करने के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं किया है। वह कहते हैं कि यह बेहद निजी फैसला है। जो गहराई से सोच विचार करके लिया गया है। जिसके लिए कोई खास एक कारण या कोई विशेष खतरा भी नहीं है। हमने जिन उद्देश्यों के साथ या फर्म शुरू की थी, वे पूरे हो चुके हैं। जिसके साथ ही इसे बंद कर देने का फैसला लिया गया है।