जब से अमेरिका ने ईरान के तीन संदिग्ध परमाणु ठिकानों पर हमला करने के लिए अपने हाईटेक हथियार B-2 Spirit बॉम्बर का इस्तेमाल किया है, तब अमेरिका के इस घातक हाईटेक हथियार की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. B-2 Spirit बॉम्बर इतना एडवांस घातक हथियार है कि इसके बचाव के लिए पूरी दुनिया में कोई तोड़ ही नहीं है। राडार भी इसकी तेज रफ़्तार को नहीं पकड़ सकता। चलिए जानते हैं क्यों आज तक अमेरिका के आलावा कोई भी दूसरा देश B-2 Spirit जैसा स्टील्थ बॉम्बर नहीं बना पाया। और साथ ही साथ जानेंगे B-2 Spirit बॉम्बर कितना खतरनाख है।
क्यों कोई भी देश नहीं बना पाया B-2 Spirit बॉम्बर
B-2 Spirit बॉम्बर की सबसे बड़ी खूबी इसकी स्टील्थ तकनीक है. जो इसे दुनिया का सबसे महंगा बॉम्बर भी बनाती है। एक B-2 की कीमत लगभग 2.1 अरब डॉलर तक पहुँचती है। साथ ही इसे एक बार पूरी तरह से तैयार कर लेने के बाद लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए करोड़ो खर्च होते है. इसके रखरखाव में इतनी सावधानी और खर्च लगता है कि हर मिशन के बाद इसे खास हैंगर में रखकर तकनीकी जांच करनी पड़ती है। यही वजह है कि दुनिया के अन्य देश इस तरह का बॉम्बर बनाने से कतराते हैं।
दूसरा सबसे बड़ा कारण यह भी है की अमेरिका के आलावा दूसरें देशों के पास B-2 बॉम्बर की तकनीकी ही उपलब्ध नहीं है. B-2 बॉम्बर को इतनी जटिल और सुरक्षित तकनीक से बनाया है कि कोई भी देश आज तक इसकी तकनीक को चुराकर कॉपी (रिवर्स इंजीनियरिंग) नहीं कर सका।
नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन बी-2 बॉम्बर कितना पॉवरफुल है
B-2 Spirit को अमेरिकी कंपनी नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने तैयार किया है। जो इतना खतरनाक है कि दुश्मन का रडार भी इसकी गति को नहीं पकड़ सकता। इसके फ्यूल टैंक को एक बार पूरा भरने के बाद या लगभग 11,000 किलोमीटर की रेंज देता है। जो अपने साथ 13 टन तक बम या परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता रखता है। यह बमवर्षक विमान इतनी ऊंचाई से हमला करता है कि दुश्मन को भनक तक नहीं लगती और टारगेट तबाह हो जाता है। मौजूदा समय में अमेरिका के पास करीब 20 B-2 बॉम्बर है। जो किसी भी जंग का तख्तापलट सकते हैं।