आधार फोटो कॉपी देने का झंझट खत्म! अब सिर्फ मोबाइल ऐप से होगी पहचान की पुष्टि – जानिए पूरा सिस्टम

By: महेश चौधरी

Last Update: December 8, 2025 2:04 PM

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भारत में आधार कार्ड का इस्तेमाल दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। चाहे होटल में चेकिंग करना हो, किसी इवेंट में भाग लेना हो या किसी अन्य सरकारी सेवा का लाभ उठाना हो। आधार कार्ड सबसे महत्वपूर्ण और प्राथमिक दस्तावेज बन चुका है। लेकिन अब सरकार ने आधार कार्ड से जुड़ा एक बड़ा बदलाव लाने का ऐलान कर दिया है। सरकार के नए नियम के मुताबिक अब होटल, इवेंट आयोजकों और अन्य किसी संस्था को आधार कार्ड फोटो कॉपी लेने का अधिकार नहीं होगा। फोटोकॉपी के बजाय जरूरत पड़ने पर डिजिटल तरीके से आधार का सत्यापन करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह बदलाव प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लाया जा रहा है। ताकि आधार डाटा का गलत इस्तेमाल ना हो सके।

फोटोकॉपी की जगह अब ऐसे होगा आधार सत्यापन

अब तक जब भी आप किसी होटल इवेंट या किसी अन्य स्थान पर जाते थे तो आपको अपने आधार कार्ड की फोटो कॉपी देने की जरूरत पड़ती थी। यह प्रक्रिया कई बार परेशानी का कारण भी बनती थी। क्योंकि यह कागज पर आधारित था। जिसमें आधार डाटा को सुरक्षित रखना भी थोड़ा मुश्किल लगता है। साथ ही यह आधार अधिनियम के भी खिलाफ था। क्योंकि आधार अधिनियम के तहत आधार कार्ड की फोटोकॉपी रखना या उसे स्टोर करना अनुचित है। क्योंकि इससे यूजर का आधार से जुड़ा डाटा लीक होने की संभावना बनता है। 

सरकार ने आधार से जुड़े डाटा पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए एक नया नियम लागू किया है। जिसके तहत अब किसी भी व्यक्ति को अपना आधार फोटोकॉपी देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अब सुरक्षित और आसान तरीके से डिजिटल वेरिफिकेशन करके अपनी पहचान की पुष्टि कर सकेंगे। इस पूरी प्रक्रिया के लिए UIDAI ने एक खास तकनीकी विकसित की है। यह तकनीकी QR कोड स्कैन आधारित है। जिसे कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल ऐप के जरिए कर सकता है। यानी अब आधार केवाईसी डिजिटल तरीके से की जाएगी। जिससे आधार की फोटोकॉपी देने की जरूरत पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

क्यों लाया जा रहा है नया नियम?

यह नया नियम डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी के संरक्षण के तहत लाया जा रहा है। ताकि देश के नागरिकों के आधार कार्ड ताकि किसी भी दूसरे व्यक्ति की पहुंच को रोका जा सके। आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल होने से रोका जा सके। फोटोकॉपी कोई भी कहीं भी किसी भी गलत कार्य में इस्तेमाल की जा सकती है। इस पर रोकथाम लगाना बेहद जरूरी हो गया है। पेपर आधारित सत्यापन में किसी तरह की फेरबदल की जा सकती है, मगर डिजिटल वेरिफिकेशन में ऐसा करना लगभग नामुमकिन सा लगता है। इसलिए डिजिटल आधार वेरिफिकेशन एक जरूरत नहीं बल्कि मजबूरी बन गया था। 

कब से होगा नया नियम लागू?

आधार से जुड़े इस नए बदलाव को कब से लागू किया जाएगा इसको लेकर फिलहाल तारीख का ऐलान नहीं हुआ है। मगर UIDAI द्वारा जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा और इसे लागू करने की तिथि भी निर्धारित की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट से मुताबिक अगले 18 से 20 महीना में या पूरी प्रक्रिया इस्तेमाल होना शुरू हो जाएगी। जिसका उद्देश्य डिजिटल सत्यापन को बढ़ावा देना और कागज आधारित सत्यापन में के माध्यमों से होने वाले जोखिम को कम करना है।