आज की डिजिटल दुनिया में हम रोजाना हजारों फोटो, वीडियो, डॉक्यूमेंट और ऐप्स अपने मोबाइल या लैपटॉप में सेव करते हैं। एक क्लिक में लाखों TB डेटा सेव होना हमें बिल्कुल सामान्य लगता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है यह सुविधा हमें कैसे मिली? डाटा को सुरक्षित रखने की यह तकनीक एक दिन में नहीं बनी, कई सौ सालों का लंबा सफर है। Khabardaari.com के इस लेख में हम जानेंगे स्टोरेज डिवाइस का इतिहास क्या है? पहला स्टोरेज डिवाइस किसने बनाया था ? चलिए जानते हैं…
स्टोरेज डिवाइसेज़ का इतिहास क्या है?
| स्टोरेज डिवाइस | आविष्कारक का नाम | आविष्कार का वर्ष |
|---|---|---|
| पंच कार्ड (Punch Card) | हर्मन हॉलेरिथ (Herman Hollerith) | 1890 |
| मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tape) | फ्रिट्ज़ फ्ल्यूमर (Fritz Pfleumer) | 1928 |
| हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive – HDD) | आईबीएम (IBM – टीम) | 1956 |
| फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) | एलन शुगार्ट (Alan Shugart) | 1971 |
| कॉम्पैक्ट डिस्क (CD – Compact Disc) | फिलिप्स और सोनी (Philips & Sony) | 1982 |
| डिजिटल वर्सेटाइल डिस्क (DVD) | तोशिबा, सोनी, पैनासोनिक | 1995 |
| यूएसबी फ्लैश ड्राइव (USB Flash Drive / Pen Drive) | डोव मोरन (Dov Moran) | 1999 |
| सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSD – Solid State Drive) | तोशिबा (Toshiba) | 1989 |
| क्लाउड स्टोरेज (Cloud Storage) | अमेज़न (Amazon – AWS) | 2006 |
पहला स्टोरेज डिवाइस किसने बनाया था ?
दुनिया का पहला स्टोरेज डिवाइस पंच कार्ड को माना जाता है। जिसे हर्मन हॉलेरिथ (Herman Hollerith) ने 1890 में बनाया था। इस पंच कार्ड का इस्तेमाल अमेरिका की जनगणना में किया गया था। कार्ड में बने छोटे-छोटे छेद डाटा को दर्शाते थे। हालांकि आज के समय में यह तकनीक काफी पुरानी लगती है, लेकिन अपने समय में यह एक क्रांतिकारी आविष्कार था। इसी तकनीक ने आगे चलकर आधुनिक कंप्यूटर और स्टोरेज सिस्टम की नींव रखी।
मैग्नेटिक स्टोरेज की शुरुआत: पंच कार्ड के आविष्कार के लिए लगभग 50 साल बाद 1940 के दशक में डेटा स्टोरेज करने के लिए मैग्नेटिक टेप का आविष्कार हुआ। यह टेप दिखने में ऑडियो कैसेट जैसी दिखाई देती थी। जो पंच कार्ड की तुलना में ज्यादा डेटा सेव करने की क्षमता रखती थी। इसका इस्तेमाल सरकारी संगठन और बड़ी-बड़ी कंपनियां करने लगी थीं।
फ्लॉपी डिस्क, CD और DVD का दौर: 1970 से 1980 के दशक में फ्लॉपी डिस्क का चलन तेजी से बढ़ा। यह पोर्टेबल स्टोरेज का पहला लोकप्रिय रूप था। इसके बाद सीडी और DVD आई। जिनमें गाने, फ़िल्में और सॉफ्टवेयर स्टोर किए जाने लगे। एक समय इनका चलन इतना बढ़ गया था कि सॉफ्टवेयर खरीदने का मतलब CD और डीवीडी खरीदना माना जाने लगा। लेकिन इंटरनेट और नई तकनीकियों के आने के बाद यह धीरे-धीरे खत्म ही हो गए।
पेन ड्राइव SSD और क्लाउड स्टोरेज : 21वीं सदी में यूएसबी पेन ड्राइव और SSD ने स्टोरेज डिवाइसेज की परिभाषा की बदल डाली। आकार में छोटे और भारी मात्रा में डेटा स्टोर करने के साथ-साथ तेजी से प्रोसेस करने वाले यह डिवाइस आम चलन में आ गए।
हालांकि इससे भी आगे बढ़कर क्लाउड स्टोरेज ने स्टोरेज डिवाइस की मूल अवधारणा ही बदल दी। इसमें डेटा किसी डिवाइस में नहीं बल्कि इंटरनेट पर सुरक्षित सेव किया जाने लगा। जिसे दुनिया के किसी भी कोने से एक्सेस कर सकते हैं। इसने फिजिकल डिवाइसेज़ की जरूरत को भी लगभग खत्म ही कर दिया। पिछले 100 से 150 सालों में ही स्टोरेज डिवाइसेज़ में इतना बदलाव आ गया है। ऐसे में आपको क्या लगता है कि आने वाले समय में तकनीकी किस स्तर तक विकसित होगी? कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।












