आज जो आप डिग्री लिए घूम रहे हैं, शायद 2030 तक उसकी वैल्यू आधी रह जाएगी। यह सुनने में डरावना जरूर लगता है, लेकिन यह भविष्य की सच्चाई है। जो अब बहुत दूर नहीं है। बीते कुछ सालों में जिस तेजी से टेक्नोलॉजी बदली है, उसने काम करने के तरीके, नौकरियाँ और लोगों की काबिलियत के मापदंड भी बदल दिए हैं। जहां पहले लोग नॉलेज इकोनॉमी (Knowledge Economy) को प्राथमिकता देते थे, वहीं अब लोग ह्यूमन इकोनॉमी (Human Economy) की तरफ बढ़ रहे हैं। यानी अब इंसान की सोच, समझ, इमोशन और फैसला करने की क्षमता ही असली वैल्यू मानी जा रही है।
2030 में वह नहीं जीतेगा जो AI से लड़ रहा है और उसे अपना दुश्मन समझ रहा है। बल्कि वह जीतेगा जो एआई का बॉस बनकर उसे कमांड देगा। अगर आज आप खुद को AI से ऊपर की स्किल्स के लिए तैयार कर लेंगे तो यह आपका रिप्लेसमेंट नहीं बन सकेगा। Khabardaari.com के इस लेख में हम बात करेंगे ऐसी स्किल्स के बारे में जो 2030 तक सबसे ज्यादा काम आएगी और इन्हें AI भी रिप्लेस नहीं कर सकेगा।
AI Collaboration & Prompt Engineering
एआई कोलैबोरेशन एंड प्रॉन्प्ट इंजीनियरिंग भविष्य में एआई का आधार होगी। कंटेंट लिखने से लेकर कोडिंग, डिजाइन और एनालिसिस तक हर जगह AI काम आएगा। लेकिन फर्क वहां पड़ता है जहां इंसान एआई के साथ काम करना जानता है ना कि सिर्फ उससे सवाल पूछना।
AI कोलैबोरेशन का मतलब भी है कि आप एआई को किसी टूल की तरह नहीं बल्कि अपने मेंबर के रूप में इस्तेमाल करोगे। 2030 में नौकरी पाने के लिए सिर्फ यह कहना काफी नहीं होगा कि आपको एआई इस्तेमाल करना आता है। बल्कि यह साबित भी करना होगा कि आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बेहतर से बेहतर रिजल्ट निकलवाना जानते हैं। तभी आप एआई की दौड़ में सबसे आगे और दूसरे लोगों से अलग होंगे।
Critical Thinking & Judgment
AI बहुत तेजी से डाटा को प्रोसेसिंग करता है। लेकिन अभी तक एआई इतना सक्षम नहीं हुआ है कि वह हर बार यह फैसला कर सके कि क्या सही है और क्या गलत है? यही जगह है जहां इंसान की क्रिटिकल थिंकिंग की स्किल काम आएगी। 2030 तक एआई के पास और भी ज्यादा मात्रा में डेटा होगा। जिसके कारण एआई के लिए क्रिटिकल थिंकिंग की स्थिति और ज्यादा पेचीदा हो जाएगी।
यानी भविष्य में यह स्किल भी अहम होगी कि… AI से मिली जानकारी को परखना, सही सवाल करना और सही और सटीक आउटपुट निकालना।
जबकि जजमेंट का मतलब है स्थिति को समझकर फैसला लेना। AI से आपको कई अलग-अलग ऑप्शन मिलेंगे। लेकिन किस ऑप्शन को चुना जाए, यह फैसला इंसान ही तय करेगा। यह स्किल खासकर बिजनेस, मीडिया, कानून और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में बहुत जरूरी होगी। क्योंकि AI का एक गलत निर्णय सैकड़ों लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ सकता है।
Emotional Intelligence (EQ) & Empathy
2030 तक दुनिया की ज्यादातर मशीनें इंसानों से भी कई गुना बेहतर और स्मार्ट होंगी। लेकिन फिर भी इंसान और मशीन में अगर कोई चीज अलग होगी तो वह है भावनाएं। जो सिर्फ इंसानों के पास हो सकती है। इमोशनल इंटेलिजेंस का मतलब यही है कि अपनी और दूसरे की भावनाओं को समझना, उन्हें मैनेज करना और सही तरीके से जवाब देना।
आने वाले समय में वर्क प्लेस में लीडरशिप, कस्टमर रिलेशनशिप और टीमवर्क जैसी चीजें इमोशनल इंटेलिजेंस पर ही टिकी होंगी। यह एक ऐसी स्किल होगी जिसे कोई भी एआई पूरी तरह से कॉपी नहीं कर सकता। यानी अगर आप इमोशनल इंटेलिजेंस और एंपैथी में माहिर है तो कोई भी मशीन, रोबोट या एआई टूल आपकी जगह नहीं ले सकता।
Cognitive Flexibility
यानी हालात के हिसाब से खुद को ढाल लेना। 2030 तक जॉब प्रोफाइल में काफी कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। नई टेक्नोलॉजी आएगी और पुरानी टेक्नोलॉजी आउटडेटेड होती जाएगी। ऐसे में केवल वही लोग इंडस्ट्री में टिक पाएंगे जिन्हें कुछ भी नया सीखने से कोई ऐतराज नहीं होगा और लगातार अपने आप को अपडेट करने के लिए तैयार होंगे।
Storytelling & Personal Branding
2030 में सिर्फ अच्छा काम करना ही काफी नहीं होगा, बल्कि आपको अपने काम को सामने वाले के सामने सही और साफ सुथरे तरीके से पेश करना भी आना चाहिए होगा। स्टोरी टेलिंग वह स्किल है जो आपके काम, आइडिया और वैल्यू को दूसरे लोगों तक पहुंचाने का काम करती है। फिर चाहे नौकरी ढूंढना हो, बिजनेस बनाना हो, लोगों से कनेक्ट होना हो या फिर फ्रीलांसिंग करना हो। आपको स्टोरी टेलिंग अच्छे से आनी चाहिए, तभी आप दूसरे लोगों से अलग होंगे।
तो आज के इस लेख में हमने जाना कि 2030 में कौन-कौन सी स्किल सबसे ज्यादा काम आएगी और यह किस तरह से इंडस्ट्री को प्रभावित करेगी। अगर यह लेख आपको अच्छा लगे तो कमेंट सेक्शन में जरूर बताना और अपने करीबियों के साथ भी शेयर करें, ताकि वे भी अपने आप को भविष्य के लिए तैयार कर सके।












