खेत की मेड़ पर लगाएं ये 5 पेड़, 10 साल बाद बना देंगे आपको करोड़पति – कई पीढ़िया करेगी आपके गुणगान

By: महेश चौधरी

Last Update: December 29, 2025 12:43 PM

plant farming in india
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आज के समय में खेती केवल फसल उगाने तक सीमित नहीं है। समझदार किसान उस जमीन से भी कमाई कर रहे हैं, जिसे पहले बेकार माना जाता था। खेत की मेड़ यानी वह जगह जहां आमतौर पर केवल घास उगती है। अगर सही से प्लानिंग की जाए तो केवल मेड़ से आप उतना पैसा बना सकते हैं, जितना खेती करके भी नहीं कमाया जाता और खेती जितना खर्च और मेहनत भी नहीं लगेगी।

सोचिए, एक बार मेहनत थोड़ा सा धैर्य और फिर जिंदगी भर मोटी कमाई। यह कोई रातों-रात अमीर बनने की स्कीम नहीं बल्कि सही इन्वेस्टमेंट है। जो आपको भविष्य में दौलतमंद बना सकती है। आज के इस लेख में हम आपको ऐसे ही 5 पेड़ों के बारे में जानकारी देंगे। जिन्हें खेत की मेड़ पर लगाकर कुछ ही सालों में एक सस्टेनेबल इनकम सोर्स बनाया जा सकता है।

खेत की मेड़ पर लगाएं ये 5 पेड़

चंदन का पेड़: खेत की मेड़ पर चंदन का पेड़ आसानी से लगाया जा सकता है। हालांकि इसे सहारा देने के लिए दूसरे पेड़ भी लगाने होंगे। चंदन को हमेशा से सोना उगाने वाला पेड़ कहा गया है। इसकी लकड़ी, तेल, पाउडर और जड़ सब कुछ बाजार में अच्छी कीमत में बिकता है। उत्तर प्रदेश के रहने वाले शशि सिंह ने अपने चंदन के पेड़ की खेती का अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने करीब 10 एकड़ जमीन में चंदन का पेड़ लगाया हुआ है। प्रत्येक पेड़ से करीब 50 किलो लकड़ी प्राप्त की जा सकती है। यह लकड़ी बाजार में 30 हजार से 3 लाख रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती है। 

    चंदन का पेड़ 10 से 15 सालों में पूरी तरह से तैयार हो जाता है। जबकि 8 से 10 साल बाद ही इसकी लकड़ी की कीमत मिलना शुरू हो जाती है। शुरुआती 3 से 4 साल तक इसकी अच्छी देखभाल करनी पड़ती है। इसके बाद यह पौधा अपने आप ही खड़ा हो जाता है। यानी 3 साल की मेहनत के बाद आप जिंदगी भर अच्छी कमाई का जरिया बना सकते हैं।

    महोगनी (Mahogany) महोगनी के पौधे को फर्नीचर की दुनिया का राजा कहा जाता है। इसका इस्तेमाल महंगे फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियां और इंटीरियर डिजाइन में काफी ज्यादा होता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है यह दीमक और नमी से काफी हद तक सुरक्षित रहता है। महोगनी का पौधा लगाना आसान है यह खेत की मेड़ पर भी अच्छी तरह से उग जाता है। लगभग 10 से 12 साल में पेड़ कटाई के लिए तैयार हो जाता है। जैसे-जैसे पेड़ बड़ा होता जाता है उसकी कीमत भी बढ़ती जाती है। इसकी लकड़ी बाजार में अच्छी कीमत पर बिकती है। बड़ी साइड के पेड़ से लाखों रुपए तक की कमाई हो सकती है। 

    इसके अलावा महोगनी का फल भी अतिरिक्त आय दे सकता है। जिसका उपयोग हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल और लीवर से जुड़ी बीमारियों की दवाओं में किया जाता है।

    मालाबार नीम (Malabar Neem Farming) मालाबार नीम की खेती भी किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इसकी वजह है इस पेड़ का तेजी से बढ़ना और कम समय में तैयार हो जाना। अगर आपको कुछ ही सालों में पेड़ों की खेती करके अच्छी कमाई करनी है तो मालाबार नीम सबसे अच्छा विकल्प है। इसकी लकड़ी का इस्तेमाल प्लाईवुड, फर्नीचर पैकेजिंग बॉक्स और पेपर इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा होता है। मात्र 20 से 30 रुपए प्रति पीस के हिसाब से यह पौधा नर्सरी में आसानी से मिल जाता है। मालाबार नीम 5 से 7 साल में ही कटाई के लिए तैयार हो जाता है। कम लागत में तैयार होने वाला यह पौधा बाजार में हमेशा डिमांड में रहता है। जिसकी औसत कीमत 4000 से 11000 रुपये प्रति टन रहती है।

    सागवान (Teak Tree Farming) यह काफी मजबूत और टिकाऊ होती है। सागवान की लकड़ी लग्जरी फर्नीचर, दरवाजों और खिड़कियों के साथ-साथ नाव और बड़े जहाजों में भी इस्तेमाल किया जाती है। सागवान का पेड़ धीरे-धीरे जरूर बढ़ता है, लेकिन इसकी कीमत समय के साथ कई गुना हो जाती है। एक सागवान का पेड़ 15 से 20 सालों में पूरी तरह से तैयार होता है। लेकिन 10 से 12 साल बाद ही इसकी लकड़ी बेचने के लिए तैयार हो जाती है। शुरुआत में थोड़ा खर्चा ज्यादा लगता है, लेकिन एक बार यह पेड़ मेड़ पर खड़ा हो जाए तो सालों साल पैसा मिलता रहता है।

    पॉपुलर (Poplar Tree Farming in India): पॉपुलर का पेड़ उत्तर भारत में काफी ज्यादा लोकप्रिय है। इसकी लकड़ी माचिस की तीली, प्लाईवुड, पैकेजिंग बॉक्स और पेपर मिलों में इस्तेमाल की जाती है। यह पेड़ केवल 4 से 6 सालों में ही कटाई के लिए तैयार हो जाता है। यानी अगर आप कम समय में कमाई चाहते हैं तो पॉपुलर का पेड़ लगा सकते हैं। इसकी मार्केट में डिमांड हमेशा बनी रहती है। यह पेड़ फसल के साथ भी आसानी से उगा सकते हैं। कम लागत, कम समय और लगातार डिमांड के चलते यह किसानों को सबसे ज्यादा सुरक्षित विकल्प लगता है।

    निष्कर्ष: अगर आप खेती के साथ-साथ मेड़ पर सही पेड़ लगाते हैं तो यह आगे चलकर आपके लिए अतिरिक्त कमाई का साधन बनेगा। जहां फसल में हर साल लाखों रुपए खर्च और कड़ी मेहनत की जरूरत पड़ती है, वहीं पेड़ों की खेती में केवल तीन से चार सालों की मेहनत लगती है और जिंदगी भर कमाई होती है।