Elon Musk Starlink Satellite: लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने की चाहत रखने वाले एलन मस्क की स्पेस X कंपनी में भाग दौड़ शुरू हो गई है। ताजा रिपोर्ट की मानें तो कंपनी ने हाल ही में 20 Starlink Satellite को लॉन्च किया था जो बिना किसी कारण के क्रैश हो गए हैं। जिसकी जानकारी एलन मस्क ने अपने X अकाउंट पर दी है। आईए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
Elon Musk के 20 Starlink Satellite हुए क्रैश
स्पेस द्वारा लांच किए गए हाल ही में 20 से ज्यादा Satellite के क्रैश होने से स्पेस एक्स में भाग दौड़ शुरू हो गई है। यह Starlink Satellite नए नवेले थे। जिनको हालही मे लॉन्च किया था।
ताजा जानकारी के मुताबिक गुरुवात रात को फॉलकन 9 लॉन्च के कुछ में बाद रॉकेट का दूसरा चरण का इंजन अपने आवश्यक बर्न को पूरा न कर सका। जिसको उपग्रह में छोड़ा गया था।
निचला ऑर्बिट, उपग्रहों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है। क्योंकि वायुमंडलीय दबाव के कारण आग लगने की स्थिति और नीचे की ओर खींचने से पहले अपनी गुरुत्वाकर्षण सीमा को पार कर ऊंचाई बढ़ाने होगी। जो किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
स्पेस अक्ष द्वारा जानकारी दी गई है कि अब तक पांच उपग्रह से संपर्क बनाए जा चुका है। जो अपने आयन थ्रस्टर्स के इस्तेमाल से उन्हें ऑर्बिट की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
गड़बड़ी की जांच में जुटी टीम

स्पेस अक्ष की एक साथ 20 Starlink Satellite का क्रैश हो जाना एलन मस्क के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। यह घटना किसी रेयर किस्म की गड़बड़ी की ओर संकेत करती है। Starlink Satellite क्रैश होने के बाद से ही स्पेश X की टीम इसके कारणों का पता लगाने में जुट गई है। टीम लगातार कारणों का पता लगाने के लिए ताजा डाटा का रिव्यू कर रही है।
संभावित कारण यह हो सकते हैं
हालांकि Space X की ओर से सैटेलाइट क्रैश के कारणों को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। मगर अंदेशा लगाया जा रहा है कि यह क्रैश अनचाही डिसबैलेंसिंग के चलते आया है।
68 Satellite को किया था सफलतापूर्वक लॉन्च
जानकारी के लिए बता दें हाल ही में हुई Satellite क्रैश का Elon Musk के सामने यह पहला मामला है। इससे पहले साल 2024 में ही स्पेस अक्ष द्वारा लगभग 68 के करीब सेटेलाइट लांच की जा चुकी है जो 100% सफल रही है।
हजारों सैटेलाइट का समूह

जानकारी के लिए बता दे यह सभी Starlink Satellite इंटरनेट तारामंडल परियोजना के माध्यम से छोड़ी गई थी। एक Starlink में हजारों सैटेलाइट का समूह होता है। Starlink Satellite अन्य सैटेलाइट की अपेक्षा में कम आर्बिट में होती है।
हाई स्पीड इन्टरनेट की मिलेगी सुविधा
Starlink Satellite के माध्यम से देश दुनिया में हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही उन इलाकों में जहां इंटरनेट की कोई सुविधा नहीं है। वहां भी Starlink Satellite के माध्यम से इंटरनेट चलेगा।
इन सेटेलाइट के माध्यम से 25 से 220 mbps की स्पीड मिलेगी। वर्तमान में यूजर से लगभग 100 एमबीपीएस की स्पीड का इस्तेमाल करते हैं। Starlink की ओर से किए गए दावे के मुताबिक अपलोड स्पीड वर्तमान में 5 से 20 एमबीपीएस के मध्य रहती है। जिसे Starlink Satellite के माध्यम से काफी हद तक बढ़ाया जाएगा।
Elon Musk के Starlink Satellite प्रोजेक्ट को भारत में भी मिली मंजूरी

दूरसंचार मंत्रालय ने स्टार लिंक के उपग्रह संचार सेवाओं के लिए स्वीकृति दे दी है। जिसका कंपनी को लगभग 3 साल से इंतजार था। इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि भारत में भी स्टार लिंक सैटेलाइट द्वारा हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध होगी।
हाल ही में देश के कई हिस्सों में स्टारलिंक उपग्रह की आसमान बड़ी रैली देखने को मिली है। यह सभी उपग्रह एक लंबी कतार में एक समान रूप से आसमान में भ्रमण करते नजर आते हैं।
निष्कर्ष: यह लेख Elon Musk की कंपनी Space X द्वारा लांच किए गए 20 Starlink Satellite के क्रैश होने की खबर को कवर करता है। सैटेलाइट क्रेश के कारणों का फिलहाल कोई खुलासा नहीं हुआ जिसके लिए टीम डाटा को रिव्यू कर रही है।