इसलिए सरकार आपके PAN को आधार से जोड़ रही है – पढ़िए इनसाइड स्टोरी।

By: महेश चौधरी

Last Update: December 29, 2025 12:13 PM

aadhaar pan linking
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क्या पैन कार्ड और आधार कार्ड को जोड़ना सच में कागजी कार्यवाही है? या फिर आम लोगों की लेन-देन पर नजर रखने का सरकार का कोई नया तरीका है? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में आता है, जो नौकरी करता है, या बिजनेस करता है या फिर बैंक से डिजिटल पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करता है। सरकार का कहना है कि आधार और पैन कार्ड को लिंक इसलिए कराया जा रहा है ताकि टैक्स सिस्टम आसान हो सके। लेकिन कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सरकार लोगों के डेटा पर कंट्रोल पाने के लिए ऐसा कर रही है।

Khabardaari.com की इनसाइड स्टोरी में हम जानेंगे कि सरकार जनता से पैन कार्ड और आधार कार्ड को आपस में लिंक कराने के लिए इतना जोर क्यों दे रही है? क्या सच में सरकार अपने ही लोगों की जासूसी करना चाहती है? या यह सरकार की मजबूरी बन चुकी है.

PAN–Aadhaar Linking के पीछे की असली वजह

सरकार की सबसे बड़ी चिंता हमेशा से ही टैक्स चोरी की रही है। लोगों के पास इंडिविजुअल, कंपनी के नाम या फर्म के नाम से कई पैन कार्ड होते हैं। जिनका फायदा उठाकर वे अपनी आय को अलग-अलग पैन कार्ड्स में बांट देते हैं और टैक्स स्लैब से बच जाते हैं। इसके अलावा भी सिस्टम में कई तरह के लूपहोल्स हैं, जिनके जरिए लोग टैक्स चोरी करते हैं।

इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने आधार कार्ड और पैन कार्ड को लिंक करना जरूरी कर दिया है। क्योंकि पैन कार्ड सिर्फ एक अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर है। जिस पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता। वहीं आधार एक बायोमेट्रिक पहचान है। जिसमें आपकी उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का डेटा होता है। जो अपने आप में ही यूनिक होता है। 

सरकार का मानना है कि अगर पैन कार्ड और आधार कार्ड को जोड़ दिया जाए तो टैक्स गतिविधियां सीधे एक व्यक्ति से जुड़ जाएँगी। इससे न सिर्फ टैक्स चोरी रुकेगी, बल्कि शेल कंपनियों और बेनामी लेनदेन पर भी लगाम लगेगी।

इसी वजह से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पैन कार्ड आधार कार्ड को लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। एक्सपर्ट इसे टैक्स सुधार के लिए रीढ़ की हड्डी बता रहे हैं।

क्या सरकार लोगों की निगरानी करना चाहती है?

कुछ लोगों ने आधार और पैन कार्ड को लिंक करवाने पर बहस छेड़ दी है। उनके मुताबिक सरकार लोगों की निगरानी करना चाहती है। आलोचक कहते हैं कि जब आपकी कमाई, खर्च, निवेश और बैंकिंग पैटर्न एक ही ID से जुड़ जाते हैं तो सरकार के लिए सर्विलांस सिस्टम बन जाता है। जिससे वह हर आम आदमी पर आसानी से नजर रख सकती है। जैसे वे कितना कमा रहा है? कहां से कमा रहा है? और कहां खर्च कर रहा है?

पहले भी आधार की प्राइवेसी को लेकर सवाल उठते रहे हैं। मगर सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया ने अपने फैसले में आधार के इस्तेमाल को सीमित कर दिया था। हालांकि टैक्स और वित्तीय मामलों में इसे वैध माना गया है।

आधार पैन कार्ड लिंक नहीं कराया तो क्या होगा?

सरकार ने आधार और पैन कार्ड को लिंक करने के लिए 31 दिसंबर 2025 लास्ट डेट तय की है। अगर 1 जनवरी 2026 से पहले अपने आधार और पैन लिंक नहीं करवाया तो आपका पैन कार्ड इनऑपरेटिव हो सकता है। जिसके बाद आपकी बैंकिंग सेवाएं, शेयर मार्केट में निवेश, EMI डिडक्शन, इनकम टैक्स रिफंड और दूसरी वित्तीय सेवाएं (फाइनेंशियल सर्विसेज) बंद हो सकती है। जिसमें इन्वेस्टमेंट और प्रॉपर्टी खरीदना भी शामिल है। 1 जनवरी 2026 के बाद आधार-पैन लिंक करवाने पर आपको 1 हजार रुपए तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इसलिए समय रहते अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड आपस में लिंक करवाएं।