आतंकियों से लेकर सेना के जवानों तक AK-47 असॉल्ट राइफल हर किसी को पहली पसंद रही है। मगर अब AK-47 का भी अपग्रेडेड वर्जन AK-203 तैयार कर लिया गया है। जिसे भारतीय सेना अब इस्तेमाल भी कर रही है। AK-203 को भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है। जो Ak-47 से ज्यादा बेहतर मानी जा रही है। चलिए जानते हैं AK-47 VS AK-203 में कौन सी राइफल ज्यादा खतरनाक है और दोनों में क्या अंतर है।
AK-47 VS AK-203 : दोनों में क्या अंतर है
AK-203, AK-47 का ही अपग्रेड वर्जन है. जिसमें कई तकनीकी सुधार किए गए हैं। सबसे पहले बात करें वजन की, तो AK-203 काफी हल्की है. जिससे सैनिक इसे आसानी से ढो सकते हैं। इसके बैरल और डिज़ाइन में कई खास बदलाव किये गए है. जिससे इसकी सटीकता और ज्यादा हो गई है। सैनिकों के लिए इसे (AK-203) पकड़ने और इस्तेमाल करने में भी अधिक आरामदायक और अनुकूल है। फायरिंग स्पीड की बात करें तो AK-203 प्रति मिनट लगभग 600 राउंड फायर कर सकती है, जो कि AK-47 से कुछ राउंड अधिक ही है।
AK-47 VS AK-203: कौनसी राइफल है ज्यादा खतरनाक
जाहिर सी बात है एके-47 का अपग्रेडेड वर्जन एके-203 है। इसलिए एके-203 का खास महत्व है। AK-203 आधुनिक युद्ध में भी उपयुक्त मानी जा रही है। दोनों ही राइफल हर मौसम में बेहतर परफॉर्मेंस देती है। AK-47 काफी टिकाऊपन और भरोसेमंद हथियार है। मगर इस मामले में AK-203 एक कदम आगे देखी जा रही है।
AK-203 असॉल्ट राइफल की खूबियाँ
AK-203 एक मॉडर्न असॉल्ट राइफल है. जो 7.62×39 मिमी की गोलियां चलाती है। जो दूसरी किसी भी राइफल के मुकाबले दुश्मन को ज्यादा डैमेज देती है. इसमें फोल्डिंग स्टॉक, अटैचमेंट्स के लिए पिकाटिनी रेल, बेहतर मटेरियल और वजन में संतुलन जैसे फीचर्स हैं। इसकी कम मेंटेनेंस लागत और ऑपरेटिंग सिंप्लिसिटी (Operating Simplicity) इसे हर सैनिक की पसंद बना रही है।