आज के दौर में जब AI हर क्षेत्र में इंसान की जगह लेने की चर्चा में है, तो सवाल अब सिर्फ नौकरियों तक सीमित नहीं रहा। बहस यहां तक पहुंच गई है कि क्या AI भविष्य में धर्मगुरुओं की रिपलेस कर सकता है? इसी सवाल पर जब मशहूर आध्यात्मिक विचारक स्वामी सर्वप्रियानंद से पूछा गया, तो उनका जवाब न सिर्फ चौंकाने वाला था, बल्कि सोचने पर मजबूर करने वाला भी।
अमेरिका में हुई हालिया रिसर्च के बाद भारत के कई धार्मिक गुरु AI को लेकर टेंशन में नजर आ रहे हैं। आखिर ऐसा क्या है जो भक्ति, धर्म और टेक्नोलॉजी को आमने-सामने खड़ा कर रहा है? इस रिपोर्ट में हम उसी डर, बहस और सच्चाई को समझने की कोशिश करेंगे।
क्या AI बनेगा आपका आध्यात्मिक गुरु?
जरा सोचिए, कुछ साल बाद एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो, जो किसी भी प्रसिद्ध संत या धार्मिक गुरु की तरह बातें करे। वैसे ही शब्द, वैसे ही भावनाएं और वैसे ही विचार, जैसे एक असली धार्मिक गुरु के होते हैं। लोग उनसे सवाल पूछें और एआई हर सवाल का सटीक जवाब दे। सुनने में यह भविष्य की कहानी लगती है, लेकिन सच्चाई यह है कि आने वाले कुछ ही सालों में यह सब कुछ आम लगने लगेगा।
प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु स्वामी सर्वप्रियानंद बताते हैं कि अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी (टेक्सास विश्वविद्यालय, ऑस्टिन) में रिसर्च के दौरान उनके हजार घंटे के प्रवचनों को एक AI सिस्टम में डाला गया। इन प्रवचनों के आधार पर एआई मॉडल को ट्रेन किया गया। कुछ ही मिनटों बाद यह मॉडल ठीक उसी तरह से जवाब देने लगा जैसे स्वामी सर्वप्रियानंद देते थे। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल इंटरनेट से भी जुड़ा था, जो कुछ ही मिनटों में इंटरनेट से जानकारी लेकर ऐसे जवाब देता था, जैसे वह खुद ही एक असली धार्मिक गुरु हो। जवाब इतने गहरे और अच्छे थे कि खुद स्वामी सर्वप्रियानंद भी हैरान हो गए।
क्या धार्मिक गुरु का महत्व खत्म हो जाएगा ?
जिस हिसाब से एआई धार्मिक गुरु और ज्योतिषियों की जगह ले रहा है, यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में लोग AI को ही प्राथमिकता देंगे। मगर एक सवाल जो हर कोई पूछ रहा है.. क्या एआई धार्मिक गुरु का महत्व खत्म कर देगी? इसका जवाब है, नहीं कहना ज़्यादा उचित लगेगा।
स्वामी सर्वप्रियानंद बताते हैं कि ताइवान में वहां के सभी भिक्षु समय के साथ दुनिया से विदा हो चुके थे। आखिरी भिक्षु ने अपने प्रवचनों को एक छोटे रॉबर्ट में रिकॉर्ड कर दिया। कुछ समय बाद वह आख़िरी भिक्षु भी दुनिया से गुजर गया। इसके बाद लोग उस रोबोट से प्रवचन सुनने लगे। हालांकि लोग प्रवचन तो सुन सकते थे, लेकिन उन्हें पहले जैसा अनुभव नहीं मिल रहा था। यानी लोगों को केवल प्रवचनों के लिए नहीं भावनात्मक रूप से भी एक धार्मिक गुरु की आवश्यकता पड़ेगी। बाकी आपको क्या लगता है भविष्य में एआई ज्योतिषियों और धार्मिक गुरुओं को पूरी तरह से रिप्लेस कर देगा या नहीं? कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।












