सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद विवादों में घिरी लॉ छात्रा और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को आखिरकार अंतरिम जमानत मिल चुकी है। कोलकाता हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए जमानत दी है. साथ ही पुलिस को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। शर्मिष्ठा पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया था. जिसकी वजह से कोलकाता पुलिस ने उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था। अब यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। चलिए इसके बारें में शुरू से अंत तक विस्तार से जानते हैं।
वायरल वीडियो और विवाद की शुरुआत
14 मई 2025 को शर्मिष्ठा पनोली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बॉलीवुड हस्तियों, विशेष रूप से मुस्लिम अभिनेताओं, की चुप्पी पर सवाल उठाए। वीडियो में उन्होंने इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणियां कीं, जो एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली मानी गईं।
वीडियो के वायरल होने के बाद इसे सोशल मीडिया पर तीव्र आलोचना का सामना करना पड़ा। AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान सहित कई लोगों ने शर्मिष्ठा पर सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। उन्हें रेप और मौत की धमकियां भी मिलीं। व्यापक विरोध के बाद, शर्मिष्ठा ने वीडियो को हटा लिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बिना शर्त माफी मांगी, यह कहते हुए कि वह भविष्य में अपने पोस्ट में सावधानी बरतेंगी।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
शर्मिष्ठा की माफी के बावजूद, कोलकाता के गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ 15 मई 2025 को एक शिकायत दर्ज की गई। शिकायतकर्ता वजाहत खान कादरी रशीदी थे। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 196(1)(a) (धर्म के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देना), 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 352 (शांति भंग करने के लिए उकसाना), और 353(1)(c) (सार्वजनिक उपद्रव भड़काना) के तहत FIR दर्ज की।
पुलिस ने शर्मिष्ठा और उनके परिवार को कई बार नोटिस भेजने की कोशिश की, लेकिन वे अनुपलब्ध रहे। इसके बाद, कोलकाता की एक अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। 30 मई 2025 को कोलकाता पुलिस ने शर्मिष्ठा को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया और ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता ले आई। 31 मई को उन्हें अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई और उन्हें 13 जून 2025 तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
कोलकाता पुलिस ने दावा किया कि गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई और इसे “पाकिस्तान विरोध” से जोड़ने वाली सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को खारिज किया, यह कहते हुए कि कार्रवाई धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपों के आधार पर की गई।
जेल में स्थिति और वकील के दावे
शर्मिष्ठा के वकील, मोहम्मद शमीमुद्दीन, ने कोर्ट में दावा किया कि अलीपुर महिला सुधार गृह में शर्मिष्ठा के साथ उचित व्यवहार नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि जेल में साफ-सफाई की कमी है, शर्मिष्ठा को बुनियादी सुविधाएं जैसे अखबार और अलग बाथरूम नहीं मिल रहे हैं, और उन्हें अन्य बंदियों से धमकियां मिल रही हैं। वकील ने यह भी बताया कि शर्मिष्ठा गुर्दे की पथरी की बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके कारण उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति खराब है। उन्होंने सुरक्षा और गोपनीयता के लिए अलग कमरे और बाथरूम की मांग की। कोर्ट ने जेल प्रशासन से 4 जून 2025 तक इस मामले में रिपोर्ट मांगी।
शर्मिष्ठा पनोली को मिली जमानत
आख़िरकार 22 साल की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने माना कि भले ही शर्मिष्ठा ने आपत्तिजनक वीडियो बनायें हो, लेकिन गिरफ्तारी के बाद जिस तरह से उन्हें धमकियां और सोशल मीडिया पर नफरत का सामना करना पड़ा, पूरी तरह से गलत और अनुचित है। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि वे शर्मिष्ठा की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उन्हें किसी भी तरह की धमकी या शारीरिक नुकसान से बचाएं। इस फैसले के बाद शर्मिष्ठा ने भी कहा कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। उन्होंने पहले ही सोशल मीडिया पर माफी मांग ली थी, लेकिन उसके बावजूद गिरफ्तारी की गई।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तीव्र बहस छेड़ दी। कुछ लोगों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया, जबकि अन्य ने इसे हेट स्पीच के खिलाफ जरूरी कार्रवाई माना।
- बीजेपी और समर्थकों की प्रतिक्रिया: बीजेपी नेताओं जैसे अमित मालवीया और अभिनेत्री कंगना रनौत ने शर्मिष्ठा का समर्थन किया। मालवीया ने कहा कि शर्मिष्ठा ने वीडियो हटा लिया और माफी मांग ली, फिर भी उन्हें हिरासत में लिया गया, जो वोट-बैंक की राजनीति को दर्शाता है। कंगना ने इसे युवाओं की अभिव्यक्ति पर अंकुश बताया। निर्माता अशोक पंडित ने भी शर्मिष्ठा के समर्थन में लोगों से एकजुट होने की अपील की। डच राजनेता गीर्ट वाइल्डर्स ने भी एक्स पर उनकी रिहाई की मांग की।
- पुलिस और सरकार का रुख: कोलकाता पुलिस ने स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी हेट स्पीच और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आधार पर हुई, न कि देशभक्ति या व्यक्तिगत विश्वास के कारण। उन्होंने इसे राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बताया।
- शिकायतकर्ता पर विवाद: शर्मिष्ठा के खिलाफ शिकायत दर्ज करने वाले वजाहत खान कादरी के खिलाफ भी कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज की गई, जिसमें उन पर आपत्तिजनक भाषा और नफरत फैलाने का आरोप लगा। इसके बाद, उनके पिता सआदत खान ने दावा किया कि वजाहत 1 जून 2025 की रात से लापता हैं और परिवार को धमकी भरे कॉल आ रहे हैं।
निष्कर्ष
शर्मिष्ठा पनोली का मामला एक सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस का कारण बन गया है। उनके वीडियो ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी और हिरासत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम हेट स्पीच के बीच तनाव को उजागर किया। जेल में उनकी स्थिति और स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों ने मामले को और जटिल बना दिया है। यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बना हुआ था। आख़िरकार 22 साल की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है।