हाल ही में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हाथ लगी है। सेना द्वारा चलायें गए इस 50 घंटे लम्बे ऑपरेशन में कम से कम 26 नक्सलियों को मार गिराया गया है। इस मुठभेड़ में मारा गया सबसे बड़ा नाम है बसवा राजू का है. जिसे माओवादी संगठन का प्रमुख नेता माना जाता था। उसकी पहचान नंबाला केशव राव के रूप में हुई है। बसवा राजू के एनकाउंटर से नक्सली संघठन को बड़ा झटका लगा है. चलिए जानते हैं आखिर बसवा राजू कौन है?
50 घंटे चली मुठभेड़ में 26 नक्सली ढ़ेर
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जानकारी दी की जवानों और नक्सलियों के बिच अबूझमाड़ और इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के घने जंगलों में करीब 50 घंटे तक जबरदस्त मुठभेड़ हुई. जवानों के साथ चार जिलों की पुलिस की संयुक्त टीम और जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के जवान शामिल थे। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस ऑपरेशन को माओवादी नेटवर्क पर बड़ा वार बताया है।
सेना का एक जवान भी शहीद
50 घंटे लंबी चली इस मुठभेड़ में कम से कम 26 नक्सलवादियों के मारे जाने की खबर है। इसके अलावा सेना का एक जवान भी शहीद हो गया है। जबकि एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल है। जिसका उपचार जारी है। इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी कामयाबी यह रही कि नक्सलवादी संगठन के सबसे बड़ी चेहरे बसवा राजू को एनकाउंटर में मार गिराया है। जिस पर एक करोड रुपए का इनाम था।
कौन था बसवा राजू?
बसवा राजू नक्सली संगठन का सबसे खतरनाक और रणनीतिक रूप से ताकतवर चेहरा था। जिसे आईईडी धमाकों और गुरिल्ला युद्ध रणनीति में महारत हासिल थी. उसने वारंगल आरईसी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और एमटेक के दौरान ही उसका झुकाव नक्सलवाद की ओर झुख गया। वह 2018 में माओवादी नेता गणपति की जगह संगठन का सुप्रीम कमांडर बना।
बसवा राजू कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था। 2003 में आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर अलीपीरी बम हमले का प्रमुख साजिशकर्ता वही था। इसके अलावा 2010 के दंतेवाड़ा हमले में उसकी भूमिका ने उसे सुरक्षा एजेंसियों की सबसे सर्च लिस्ट में शामिल कर दिया था। उस हमले में 76 CRPF जवान शहीद हुए थे।