एप्पल ने भारत में अपनी iPhone मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने पर मोहर लगा दी है। एप्पल ने यह बड़ा फैसला उस वक्त लिया है जब अमेरिका की ओर से टैरिफ रेट बढ़ाने की धमकी मिल रही है। एप्पल का यह कदम इस बात की ओर संकेत करता है कि दूसरी कंपनियों सहित एप्पल को भी भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाना ज्यादा फायदेमंद सौदा नजर आ रहा है। इससे सीधे रूप से भारत को भी बड़ा मुनाफा होगा।
अब भारत में बनेंगे iPhone (भारत मैन्युफैक्चरिंग हब की राह पर)
एप्पल चीन से अपनी निर्भरता कम करने के लिए अब भारत की ओर रुख कर रहा है। Apple ने भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का अंतिम रूप से फैसला कर लिया है। भारत 2025 के आखिरी तक दुनिया के 25% आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग करेगा। जो कुछ साल पहले तक लगभग 0% थी। इसके अलावा हालही में तमिलनाडु में Foxconn द्वारा लगभग 12,700 करोड रुपए का निवेश किया गया था। और Pegatron एवं Wistron जैसी बड़ी कंपनियां भी भारत में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने जा रही है।
ट्रंप की टैरिफ धमकी हुई बेअसर
डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर एप्पल ने अमेरिका में iPhones का निर्माण नहीं बढ़ाया तो 25% टैरिफ लगाया जाएगा। इसके बावजूद एप्पल ने भारत में निवेश जारी रखा है। इससे साफ है कि वैश्विक कंपनियां भारत को अब भविष्य का एक भरोसेमंद मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन मानने लगी हैं।
भारत की जीडीपी में होगा बड़ा योगदान
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में हो रहे तेज़ विकास का सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी साफ दिखाई देगा। भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण $300 बिलियन तक पहुंचे। जिसमें से $120 बिलियन का निर्यात हो। इससे लाखों लोगों को रोज़गार मिलेगा और देश की GDP में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी। विदेशी कंपनियों के भारत में आने से बेरोजगारी पर भी लगाम लगेगी।