हाल ही में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में नया इतिहास रचा गया है। राज्य में इसरो (ISRO) ने पहली बार सफलतापूर्वक रॉकेट और सैटेलाइट लॉन्च करने का परीक्षण किया है। यह परीक्षण कुशीनगर जिले के जंगलीपट्टी गांव के पास नदी के किनारे किया गया, जो अब तक वैज्ञानिक उपलब्धियों से दूर माने जाने वाले इलाके के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस प्रयोग की सफलता इसरो की ओर से भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं में ग्रामीण भारत की भागीदारी को भी रेखांकित करता है। चलिए इसके बारें में विस्तार से जानते हैं।
ISRO ने पहली बार रॉकेट से किया उपग्रह लॉन्च
14 जून 2025 को शाम 5:14:33 बजे उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के तमकुहीराज तहसील के जंगलीपट्टी गांव से इसरो ने रॉकेट लॉन्चिंग का सफल परीक्षण किया है। यह पहली बार है जब इसरो ने रॉकेट के माध्यम से उपग्रह को लॉन्च करने का प्रयास किया था। जो पूरी तरह से सफल रहा।
ISRO वैज्ञानिक अभिषेक सिंह लॉन्चिंग के समय के साथ बताते हैं कि रॉकेट लॉन्च के बाद लगभग 1.1 किलोमीटर ऊंचाई तक गया और इसके बाद उसने एक उपग्रह (पेलोड) बाहर फेंका। जो लगभग 5 मीटर नीचे आया और इसके बाद पैराशूट सक्रिय हुआ। उपग्रह लॉन्चिंग केंद्र से 400 मीटर के दायरे में जमीन पर उतरा है। इसके बाद यह परीक्षण सफल घोषित हुआ है। यह प्रशिक्षण आने वाले मिशनों में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जिसके माध्यम से युवाओं द्वारा बनाए गए लगभग 900 उपग्रहों का परीक्षण करने में मदद मिलेगी।
युवाओं की बढ़ेगी अंतरिक्ष में रूचि
इसरो के इस ऐतिहासिक सफल परीक्षण को लेकर इन-स्पेस के संवर्धन निदेशालय के निर्देशक विनोद कुमार बताते हैं कि यह मिशन काफी महत्वपूर्ण है। पहली बार उत्तर प्रदेश की धरती से रॉकेट के जरिए उपग्रह प्रक्षेपित किया गया है। इस मिशन का उद्देश्य केवल तकनीकि परीक्षण नहीं है, बल्कि देश के बच्चों में अंतरिक्ष तकनीकी को लेकर रुचि जगाना भी है। ताकि वे अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी अपना योगदान दे।