जब भी ट्रैफिक पुलिस गाड़ी रोकती है, तो ज्यादातर लोग घबरा जाते हैं या बिना कोई सवाल पूछे ही जुर्माना भर देते हैं। या फिर ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को बिना वजह रिश्वत देकर बचने की कोशिश करते हैं. जिससे घूसखोरी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे समय में आपके पास भी कुछ कानूनी अधिकार हैं? जिनका हर कोई इस्तेमाल करें तो भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसा जा सकता हैं. चलिए जानते हैं ट्रैफिक पुलिस गाड़ी रोक ले तो क्या करना चाहिए और आपके पास कौन-कौनसे अधिकार है।
ट्रैफिक पुलिस गाड़ी रोक ले तो क्या करना चाहिए?
जब भी पुलिस आपकी गाड़ी रुकाती है तो सबसे पहले आपको घबराना बिल्कुल भी नहीं है। पुलिस अधिकारी से बातचीत करते समय पूरी तरह से संयम रखें और सम्मानजनक तरीके से बात करें। अधिकारी के साथ किसी भी तरह की अभद्रता या गाली गलौज के साथ बातचीत नहीं करें। अगर आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, आपने शराब पी रखी है या हेलमेट नहीं लगा रखा तो कानूनी रूप से आपको जुर्माना देना होगा। हालांकि इससे पहले तक भी आपके पास कई अधिकार सुरक्षित है। जिनके बारे में आपका जानना बहुत जरूरी है।
पहचान और कारण जानना आपका अधिकार है
अगर ट्रैफिक पुलिस आपको रोकती है, तो सबसे पहले आप अधिकारी से उनका नाम, बैज नंबर और पहचान पत्र मांग सकते हैं। साथ ही, आपको यह जानने का भी पूरा अधिकार है कि आपको क्यों रोका गया है. क्या यह सामान्य जांच है या आपने कोई ट्रैफिक नियम तोड़ा है। यदि अधिकारी जानकारी देने से मना करता है, तो आप उसकी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
हिरासत, रिकॉर्डिंग और वकील से बात करने का अधिकार
अगर पुलिस जबरदस्ती या अनुचित व्यवहार कर रही है तो आपके पास बातचीत को रिकॉर्ड करने का पूरा अधिकार है, बशर्ते इससे उनके काम में हस्तक्षेप न हो। जरूरत पड़ने पर आप किसी वकील या सीनियर अधिकारी को कॉल भी कर सकते हैं।
डिजिटल दस्तावेज और चालान का अधिकार
अब आपको गाड़ी में ड्राइविंग लाइसेंस, RC, बीमा या पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी रखने की जरूरत नहीं है। आप डिजिलॉकर या mParivahan ऐप के जरिए डिजिटल दस्तावेज़ दिखा सकते हैं। साथ ही, किसी भी जुर्माने को लेकर ट्रैफिक पुलिस आपसे जबरन कैश नहीं मांग सकती। आप चालान की मांग करें और सरकारी पोर्टल या कोर्ट के जरिए भुगतान कर सकते हैं।