क्या आप भी नए साल पर नया लैपटॉप खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं? अगर हां, तो यह खबर आपको थोड़ा परेशान कर सकती है, लेकिन समय रहते सही फैसला लेने में मदद भी करेगी। अक्सर हम दीवाली सेल या न्यू ईयर ऑफर का इंतजार करते हैं, लेकिन 2026 में यह इंतजार आपकी जेब पर बहुत भारी पड़ सकता है।
मार्केट एक्सपर्ट्स और ताजा टेक रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले साल लैपटॉप इंडस्ट्री में कीमतों का बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। ग्लोबल मार्केट में हो रहे बदलाव और कंपोनेंट्स की कमी इसके बड़े संकेत दे रहे हैं। आखिर क्यों अचानक महंगे हो जाएंगे आपके लैपटॉप? आइए विस्तार से जानते हैं उन 3 मुख्य कारणों के बारे में…
लैपटॉप और पीसी 2026 में इन 3 कारणों से होंगे महंगे
टेक इनसाइडर, कंज्यूमर रिपोर्ट्स और रेडिट यूजर्स के बीच लैपटॉप की कीमतों को लेकर चर्चाएं तेज है। एक रेडिट यूज़र ने कहा कि…
मैं Acer Nitro 5 खरीदने की सोच रहा हूं। जिसकी कीमत अभी 659 डॉलर है। क्या मुझे इसे अभी खरीदना चाहिए? या मध्य जनवरी 2026 का इंतजार करना चाहिए। क्योंकि भारत में गणतंत्र दिवस की बिक्री पर इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतों में काफी डिस्काउंट मिलता है। हालांकि मुझे यह भी डर है कि लैपटॉप महंगे हो सकते हैं। क्योंकि RAM की डिमांड और एआई चीजों के चलते डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है जिसके कारण यह महंगे भी हो सकते हैं।
दूसरे यूज़र ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि हां आने वाले कुछ ही महीनों में रैम और दूसरे पार्ट्स में भारी कमी देखने को मिल सकती है। जिसके कारण लैपटॉप की कीमतों में चढ़ाव आएगा।
असल में केवल रैम की वजह से ही नहीं बल्कि और भी कारणों से लैपटॉप की कीमतें बढ़ती नजर आ रही है।
मेमोरी चिप्स की कमी
आजकल हर कोई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर होता जा रहा है। जिसके कारण इसमें इस्तेमाल होने वाली मेमोरी चिप्स यानी DRAM और NAND फ्लैश की भारी डिमांड हो रही है। पिछले कुछ महीनो की कंज्यूमर रिपोर्ट के मुताबिक AI डेटा सेंटर तेजी से रैम और हार्ड हाई एंड स्टोरेज खपत कर रहे हैं। चैट GPT जैसे मॉडल, क्लाउड सर्विसेज और एंटरप्राइजिंग एआई सर्वर को सामान्य लैपटॉप की तुलना में कई गुना ज्यादा मेमोरी की आवश्यकता पड़ती है। जिसके कारण मेमोरी चिप्स ज्यादा से ज्यादा एआई कंपनियां के पास इस्तेमाल की जा रही है। क्योंकि मैन्युफैक्चर पहले एआई और डाटा सेंटर को प्राथमिकता दे रहे हैं।
जिसके कारण लैपटॉप बनानी वाली कंपनियां हाथ पर हाथ धरे रह जाती है। कुछ रिपोर्ट के मुताबिक DRAM और NAND की कीमतों में 40-50% तक की बढ़ोतरी पहले से ही देखी जा चुकी है। जो लैपटॉप की लागत को और ज्यादा बढ़ाएगी।
कंपोनेंट कॉस्ट भी बढ़ी
हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक SSD, RAM और दूसरे कंपोनेंट्स की कीमतें भी महंगी हो रही है। पहले जो 8GB रैम और 512 जीबी स्टैंडर्ड माना जाता था, अब वही कंफीग्रेशन कंपनियों के लिए एक चैलेंज बनता जा रहा है। लैपटॉप निर्माता कंपनियों Dell , HP और लेनोवा पहले से ही कम मार्जिन पर बजट लैपटॉप बेच रही थी। ऐसे में बढ़ती कंपोनेंट कास्ट को ना तो कंपनी खुद झेल पाएगी और ना ही कोई दूसरा विकल्प ढूंढ पाएगी। यानी बढ़ी हुई कीमतों का बोझ ग्राहकों की जेब पर ही पड़ने वाला है।
B2B कॉन्ट्रैक्ट्स खत्म
B2B कांटेक्ट खत्म होने के कारण भी लैपटॉप की कीमतें बढ़ने वाली है। दुनिया में RAM बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक माइक्रॉन ने कुछ समय पहले ही घोषणा की थी कि अब वह सीधे आम लोगों को और छोटे व्यापारियों को चिप नहीं बेचेगी। कंपनी प्रमुख सुमित सदाना ने कहा कि AI डेटा सेंटर की वजह से मेमोरी की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है और सप्लाई पूरी नहीं हो रही।
इसलिए बड़े ग्राहकों के साथ ही साझेदारी करने पर ध्यान दिया जा रहा है। फरवरी 2026 तक पुरानी सप्लाई चैन और समझौते पूरे होने की संभावना है। इसके बाद बाजार में चिप्स उपलब्ध नहीं होगी तो मांग बढ़ेगी और मांग बढ़ते ही कीमत बढ़ना स्वाभाविक है।












