अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने एक बार फिर इंडियन स्टॉक मार्केट में हलचल मचाने की कोशिश की है। इस बार हिंडनबर्ग ने किसी कंपनी को नहीं बल्कि सेबी चीफ माधवी पुरी बुच और उनके पति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म का कहना है, कि व्हिसलब्लोअर से मिले दस्तावेजों से यह जानकारी मिलती है, कि जिन ऑफशोर संस्थाओं का उपयोग अडानी मनी साइफनिंग घोटालों में किया गया था. उन संस्थानों में SEBI की अध्यक्ष की भी हिस्सेदारी पाई गई है।
हिंडनबर्ग का SEBI अध्यक्ष पर आरोप
हिंडनबर्ग की ओर से ट्वीट कर दी गई जानकारी में आरोप लगाया गया है, कि माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने साल 2015 में सिंगापुर में IPI + Fund 1 में अपना एक अकाउंट ओपन किया था. जिसमें दोनों ने लगभग 10 मिलियन डॉलर से भी अधिक राशि निवेश की थी। Hindenburg के मुताबिक इस ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना भी अडानी ग्रुप के एक इन्वेस्टर द्वारा ही की गई थी।
कंसल्टिंग फर्म के जरिए करोड़ों की कमाई का आरोप
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है, कि अदानी ग्रुप से जुड़े सभी ऑफशोर मॉरीशस फंड के खिलाफ सेबी ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। क्योंकि उनमें इन सभी की मिलीभगत थी। माधवी पुरी एक कंसलटिंग फर्म जिसका नाम अगोरा एड्वाइजरी है जिसमें वो 99% की स्टेकहोल्डर थी। मगर साल 2022 में सेबी चेयरपर्सन के रूप में नियुक्ति पाने से पहले उसने यह स्टॉक्स अपने पति के नाम ट्रांसफर कर दिए थे। इस कंसल्टिंग फर्म की फाइनेंसियल ईयर 2022 में लगभग 1.98 करोड़ की कमाई हुई थी। जो माधवी पुरी की होल टाइम मेंबर की सैलरी से लगभग 5 गुना ज्यादा है।
SEBI अध्यक्ष ने दी सफाई
हिंडनबर्ग द्वारा दी गई ताजा अपडेट और लगाए गए आरोपी को नाकारते हुए सभी SEBI चेयरपर्सन की ओर से सफाई दी गई है। सेबी अध्यक्ष ने बयान जारी करते हुए कहा है, कि यह सभी आरोप आधारहीन हैं। इनमें किसी प्रकार की सच्चाई नहीं है। हमारे सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स एक खुली किताब की तरह है। हमारी सभी फाइनेंशियल जानकारी पिछले साल ही सेबी को उपलब्ध करा दी गई थी।
माधवी पुरी बुच ने कहा कि हमें हमारे फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट का खुलासा करने में किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है। जिसमें वह सभी दस्तावेज भी शामिल है। जिनका जिक्र हिंडनबर्ग रिसर्च टीम द्वारा किया जा रहा है। माधवी बताती है, कि हिंडनबर्ग द्वारा अदानी ग्रुप पर पिछले साल जारी की गई रिपोर्ट के बाद उन्हें कारण बताओं नोटिस भेजा गया था। जिसके जवाब में अब वह चरित्र हनन करने की कोशिश कर रहा है।
18 महीने बाद उठा मामला
जानकारी के लिए बता दे, आज से करीब 18 महीने पहले हिंडनबर्ग रिपोर्ट द्वारा अदानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। जिसके बाद कंपनी के कई शेयर लगभग 60 से 70% तक गिर गए थे। जिसके चलते अदानी ग्रुप को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। इसके बाद सेबी ने हिंडनबर्ग टीम को कारण बताओं नोटिस भेजा था।