भागलपुर के रहने वाले मयंक ने फ़ोन पे डिजिटल पेमेंट प्लेटफार्म में निकाली खामी। मयंक एक एथिकल हैकर है. जो अपनी स्किल के दम पर इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के दौर में ऐसे कारनामें कर रहा है, जिनके बारे में सुन हर कोई हैरान है. दरासल मयंक ने फ़ोन पे में एक ऐसा बग ढूंढ निकाला है, जिसके जरिये वो किसी भी फ़ोन पे यूजर के अकाउंट में लॉगिन कर सकता है. और उसकी सभी निजी जानकारी देख सकता था. मयंक इससे पहले भी नासा और गूगल जैसी कई बड़ी कंपनियों और संस्थाओ में खामियाँ निकाल चूका है. आइये इसके बारे में विस्तार से बात करते है।
फ़ोन पे लेटेस्ट न्यूज़
भागलपुर के रहने वाले मयंक को UPI से लेद-देन के दौरान विचार आया की ऑनलाइन लेनदेन कितना सुरक्षित है, और इसपर कितना भरोसा किया जाना ठीक है. इसके जवाब की तलाश में मयंक ने फ़ोन पे की सुरक्षा की नींव हिला डाली। दरासल मयंक ने हालही में फ़ोन पे में एक बड़ी खामी खोज निकाली है. जो बिना OTP और पॉसवर्ड के भी मयंक को किसी भी फ़ोन पे यूजर के खाते का एक्सेस दे सकती है. जिसका पता लगते ही मयंक ने बिना देरी के फ़ोन पे टीम को सूचना दी.
लगभग 5 दिनों के अंतराल के बाद मयंक को फ़ोन पे की और से ईमेल आया जिसमें कम्पनी ने उसके द्वारा रिपोर्ट की गया खामी की गहराई से जाँच करने के बाद पाया की वो एक वैलिड बग है. जो फ़ोन पे के यूजर्स के डाटा को लीक कर सकता है. समय रहते मयंक ने इसका पता लगा लिया है.
जिसके बदले कम्पनी ने मयंक का धन्यवाद करते हुए कुछ गिफ्ट्स भी दिए और बग बाउंटी राशि भी दी. हालाँकि इसका खुलासा नहीं किया गया की बाउंटी राशि के तौर पर मयंक को कितना पैसा दिया गया है. मगर मयंक के लिए सम्मान मायने रखता है.
Hall of Fame Mayank
जब कोई एथिकल हैकर या साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट किसी भी कम्पनी के सर्वर में कोई बग यानि कमजोरी पता कर कम्पनी को रिपोर्ट करता है तो उसे कम्पनी की और से सम्मानित किया जाता है. साथ ही उसे कम्पनी की ऑफिसियल साइट पर ऐड किया जाता है. जिसे हॉल ऑफ़ फेम भी कहते है. इससे रिपोर्ट करने वाले एथिकल हैकर को सम्मान मिलता है. और वो अपने आगे के करियर में भी इसका रिफरेन्स लगा सकता है.
गूगल में भी निकाली थी कमी
ये कोई पहली बार नहीं है की मयंक ने किसी कम्पनी के एप्लीकेशन या सर्वर में कोई कमी निकाली हो. मयंक पेशे से एक एथिकल हैकर है. जिसमें पिछले साल गूगल में भी खामी का पता लगाया था. गूगल की इस कमी के द्वारा मयंक किसी भी व्यक्ति की ईमेल का बिना अनुमति के इस्तेमाल कर सकता था.
इतना ही नहीं उसकी ईमेल से किसी को भी ईमेल कर सकता था. गूगल में इस बग की रिपोर्ट देने के बाद गूगल ने मयंक को iphone और अन्य कई गैजेट्स गिफ्ट किये थे.
नासा का डाटा लीक होने से बचाया
गूगल में खामी निकालने के बाद मयंक ने नासा की वेबसाइट पर भी टेस्टिंग करना शुरू किया। कुछ दिनों की गहरी खोज के बाद मयंक ने नासा की ऑफिसियल साइट में एक ऐसा बग निकाला जिसके द्वारा वो किसी भी एम्प्लॉय की ईमेल ID और पासवर्ड या यूजर ID और पासवर्ड देख सकता था. जिसके इस्तेमाल से वो वेबसाइट में लॉगिन कर कोई भी बदलाव करने जितनी पावर हासिल कर सकता था.
नासा की साइट में इतने बड़े बग का पता लगाना मयंक के लिए काफी दिमाग वाला काम था. जिसके बदले मयंक की काबिलियत की सराहना की गई. और रिवॉर्ड भी दिया गया.
बग रिपोर्ट कैसे कैरे
किसी भी कम्पनी के किसी भी प्रोडक्ट्स या सर्विस में बग मिलने पर उसे सम्बंधित कम्पनी को रिपोर्ट कर एक अच्छा रिवॉर्ड प्राप्त कर सकते है. जब किसी एथिकल हैकर को बग मिलता है. तो वो कम्पनी की ऑफिसियल ईमेल के माध्यम से कम्पनी को इसकी जानकारी देता है.
साथ ही कई कंपनियों द्वारा ऑफिसियल साइट पर बग रिपोर्ट करने का सेक्शन भी दिया जाता है. उसके माध्यम से भी डायरेक्ट बग रिपोर्ट किया जा सकता है. देश में फ़ोन पे, पेटम, गूगल और अन्य सभी कम्पनियाँ बग बाउंटी प्रोग्राम शुरू की हुई है. जो टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों को करियर बनाने और अपनी स्किल्स को परखने की अनुमति देते है.
एथिकल हैकर मयंक के बारे में
मयंक भागलपुर की बूढ़ानाथ के रहने वाले है. बचपन से ही इनका मन टेक्नोलॉजी में काफी ज्यादा लगता था. मयंक ने रूचि के अनुसार आगे चलकर एथिकल हैकिंग जैसे क्षेत्र में अपना करियर शुरू किया। जो आज काफी पॉपुलर हो चुके है. ये फ़िलहाल कलिंगा यूनिवर्सिटी से BCA की पढ़ाई कर रहे है.
निष्कर्ष : टेक्नोलॉजी से जुड़े इस लेख में हमने फ़ोन पे में खोजी गई खामी की जानकारी दी है. जिसका सोर्स गूगल और न्यूज़ मीडिया है. ध्यान रहे किसी भी साइट या ऍप्लिकेशन्स में खामी मिलने पर उसे सम्बंधित कम्पनी को रिपोर्ट कर रिवॉर्ड प्राप्त किया जा सकता है. लेकिन खामी का दुरपयोग करना अपराध की श्रेणी में आता है.