National Quantum Computer Mission: भारत तेजी से क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। जिसमें भारतीय वैज्ञानिक और कई इंस्टिट्यूट इसमें भागीदारी निभा रहे हैं। ताजा खबरों की माने तो भारत जल्द ही अपना 100% स्वदेशी क्वांटम कंप्यूटर व्यवसायिक रूप से उपलब्ध करायेगा। भारत सरकार ने क्वांटम कंप्यूटर को जल्द से जल्द विकसित करने के लिए मिशन क्वांटम की शुरुआत कर दी है। जो खास तौर पर साइबर अटैक्स को काउंटर करने के लिए तैयार किया जा रहा है। यह सामान्य कंप्यूटर से काफी पावरफुल और खर्चीले होते हैं। मिशन क्वांटम को सहयोग करने के लिए लगभग 385 से ज्यादा प्रपोजल भारत सरकार को मिले है। जिसमें कई क्वांटम स्टार्टअप, इंस्टिट्यूट और वैज्ञानिक शामिल है। आईए जानते हैं आखिर क्वांटम कंप्यूटर क्या होता है और यह सामान्य कंप्यूटर से अलग क्यों है?
क्वांटम कंप्यूटर क्या होता है?
क्वांटम कंप्यूटर एक ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम करता है। जो क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों को समर्पित है। यह पारंपरिक कंप्यूटर से काफी अलग और ज्यादा फास्ट होते हैं। जो जीरो या एक (बिट्स) का उपयोग करते हुए एक साथ बड़ी मात्रा में डाटा को संशोधित करने का काम करता है। क्वांटम कंप्यूटर के निर्माण में क्वांटम या क्यूबिट्स का इस्तेमाल किया जाता है। जो एक साथ कई अवस्थाओं में हो सकते हैं। जैसे 0 और 1. जिसके चलते यह कई जटिल समस्याओं को तेजी से समय की बचत करते हुए हल करने में सक्षम होते हैं।
क्वांटम कंप्यूटर कैसे काम करता है?
जैसा कि क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित होता है। जिसमें यह मुख्य रूप से सुपरपोजिशन और एंटैंगलमेंट सिद्धांत को फॉलो करता है।
सुपरपोजिशन : इस सिद्धांत में क्यूबिट एक साथ कई अवस्थाओं में देखने को मिल सकते हैं, जैसे 0 और 1 अथवा दोनों। क्वांटम यांत्रिकी में सुपरपोजिशन सिद्धांत कंप्यूटर को एक ही साथ कई प्रकार की गणनाएं अथवा डाटा को संशोधित करने की अनुमति देता है।
एंटैंगलमेंट : इस सिद्धांत में क्यूबिट्स एक दूसरे से जुड़े कर काम करते हैं। भले ही वह कितनी ही दूरी पर स्थित हो। जब एक क्यूबिट की स्थिति में बदलाव होता है, तो दूसरा क्यूबिट भी अपने आप ही अपनी स्थिति को दूसरे के अनुकूल बदल लेता है।
भारत बना रहा है अपना पहला क्वांटम कंप्यूटर
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के माध्यम से भारत का अपना क्वांटम कंप्यूटर बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इस मिशन में क्वांटम स्टार्टअप्स को 10 से 50 करोड रुपए तक का फंडिंग भी उपलब्ध कराई जा रही है। बता दे, क्वांटम मिशन का उद्देश्य है, कि अगले तीन सालों में 20 से 50 क्यूबिट, जबकि अगले 5 सालों में 50 से 100 क्यूबिट और उसके बाद अगले 8 सालों में 50 से 1,000 क्यूबिट के बीच की गणना करने की क्षमता रखने वाला 100% स्वदेशी क्वांटम कंप्यूटर बनाना है।
मिशन क्वांटम के तहत चार क्षेत्रों में चार कंपनियां स्थापित की जाएगी। जिनमें कम्प्यूटिंग, संचार, सेंसिंग और मापन शामिल है। यह कंपनियां क्वांटम मिशन में अहम भूमिका निभायेगी। जिन्हें भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा संचालित किया जाएगा।
क्वांटम कंप्यूटर में क्यूबिट क्या होती है?
जिस प्रकार पारंपरिक कंप्यूटरों की मूल इकाई बिट होती है। ठीक उसी तरह क्वांटम कंप्यूटर में मूल इकाई के रूप में क्यूबिट का इस्तेमाल किया जाता है। जो बिट से काफी अलग और बेहतरीन होती है। बिट एक समय में केवल दो ही स्थितियों में हो सकती है, या तो जीरो या एक. जबकि क्यूबिट एक समय में जीरो और एक दोनों ही स्थितियां में हो सकती है। इस स्थिति को ही सुपरपोजिशन कहा जाता है। क्यूबिट ही वह कारक है, जो क्वांटम कंप्यूटर को शक्तिशाली बनाता है। और पारंपरिक कंप्यूटर से अलग पावर देता है।
क्वांटम कंप्यूटर किन देशों के पास है?
क्वांटम कंप्यूटर कोई नई चीज नहीं है। वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका क्वांटम कंप्यूटर के क्षेत्र में सबसे अग्रणी माना जाता है। जिसका इस्तेमाल गूगल, आईबीएम और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियां सालों से करती आई है। इसके अलावा चीन, यूरोप और कनाडा भी क्वांटम कंप्यूटर तक पहुंच बना चूके है।