मराठी बनाम राष्ट्रवाद: 26/11 हीरो कमांडो प्रवीण कुमार ने उठाए ठाकरे परिवार पर सवाल

By: महेश चौधरी

Last Update: July 7, 2025 12:08 PM

praveen kumar teotia vs raj thackeray
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महाराष्ट्र में मराठी भाषा का विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब इसमें पूर्व मार्कोस कमांडो प्रवीण कुमार तेवतिया ने भी हस्तक्षेप किया है। जो 26/11 के आतंकी विरोधी अभियान में शामिल थे। कमांडो प्रवीण कुमार ने राज ठाकरे के परिवार पर सीधा निशाना लगाते हुए सवाल उठाया है. वह कहते हैं..जब मुंबई पर आतंकी हमला हुआ था तब राज ठाकरे के समर्थक कहां थे? चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

मैंने ताज होटल को बचाया, तब मराठी योद्धा कहां थे? – प्रवीण कुमार तेवतिया

प्रवीण कुमार ने ANI के साथ बातचीत करते हुए कहा कि जब 2008 में मुंबई पर 26/11 का आतंकी हमला हुआ था। उस समय उद्धव ठाकरे और उनके समर्थकों का कोई अता-पता नहीं था। उस रात मैंने आतंकियों से जंग लड़ी और ताज होटल को बचाया। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मुझे महाराष्ट्र और इस देश से बेहद लगाव है। जिसके लिए मैंने खून बहाया है। उस वक्त राज ठाकरे के तथाकथित मराठी योद्धा कहां थे? जब मुंबई पर आतंकी हमले हो रहे थे। प्रवीण कुमार ने अपनी किताब “26/11 ब्रेव्हार्ट: माई एनकांउटर विद टेरेरिस्ट दैट नाइट” का जिक्र करते हुए उस दर्दनाक मंजर के बारे में बताया ।

भाषा की राजनीती नहीं चलेगी

पूर्व मार्कोस कमांडो प्रवीण कुमार ने यह साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह से महाराष्ट्र या मराठी विरोधी नहीं है। बल्कि उन्हें मराठा योद्धाओं पर गर्व है। प्रवीण कहते हैं की देश में भाषा को लेकर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। हमें देश में बढ़ रही बेरोजगारी, कृषि संकट, शिक्षा, स्वास्थ्य और आतंकी हमलों जैसे गहन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। हमें इन विषयों पर काम करनी चाहिए न की जनता को भाषा या क्षेत्र के आधार पर बांटना चाहिए।

ठाकरे परिवार पर साधा निशाना

राज ठाकरे का परिवार हमेशा ही मराठी भाषा के विवाद में सबसे आगे रहा है। जिन्होंने राज्य की सरकारी स्कूलों में भी मराठी भाषा को लागू करने पर पूरा जोर दिया है। इस पर चर्चा करते हुए प्रवीण कुमार कहते हैं कि 26/11 जैसे आतंकी हमलों में जान की बाजी लगाने वाले बहादुर सैनिक UP और बिहार जैसे राज्यों से थे। जिन्होंने क्षेत्रीय राजनीति और भाषा के अंतर को हमेशा अनदेखा किया है। प्रवीण कुमार के इन कटाक्ष बयानों पर फिलहाल ठाकुर परिवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मगर यह भाषा का विवाद लंबा खिंच चला जा रहा है।