13 जनवरी को प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 की शुरुआत हो चुकी है। जहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। पहली बार प्रयागराज में इतनी भारी संख्या में एक साथ श्रद्धालु एकत्रित हुए हैं। जिनमें आम श्रद्धालुओं से लेकर अखाड़ों के साधु-संत और संन्यासियों ने भी बढ़ चढकर उत्साह दिखाया है। अब तक केवल दो दिनों में ही 5 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में स्नान करके आध्यात्मिकता का अनुभव किया है। दूसरे पहलू में योगी सरकार पर भी एक बड़ी जिम्मेदारी है।
महाकुंभ मेला 15 जनवरी 2025
महाकुंभ 2025 का यह मेला काफी खास माना जा रहा है। ऐसा संयोग लगभग 144 सालों बाद बना है। जिसके चलते यह पूरे विश्व के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। महाकुंभ में दुनिया भर से करोड़ों लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा है। पहली बार प्रयागराज में इंसानों का ऐसा विराट स्वरूप दिखा है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मकर संक्रांति के अवसर पर सोशल मीडिया के जरिए महाकुंभ 2025 में शामिल लोगों का पवित्र अमृत स्नान के लिए अभिनंदन किया है। वे कहते हैं की भक्ति और आध्यात्मिक का अद्भुत संगम महाकुंभ में दिख रहा है। महाकुंभ की तस्वीरें शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है “प्रथम अमृतसर में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक अभिनंदन”
5 करोड़ लोगों ने लगाई त्रिवेणी संगम में डुबकी
13 जनवरी को महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही भारी संख्या में लोगों ने त्रिवेणी संगम में स्नान कर आध्यात्मिकता का अनुभव किया है। मेला प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 13 और 14 जनवरी केवल दो दिनों में ही लगभग 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पवित्र स्नान किया है। जबकि अगले 45 दोनों में यह आंकड़ा बढ़कर 40 से 45 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम
महाकुंभ 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न कराने की जिम्मेदारी योगी सरकार के जिम्मे है। यात्रियों की सुरक्षा से लेकर व्यवस्था के कड़े इंतजाम किये गए हैं। यात्रियों के सुलभ आगमन के लिए सड़क, रेलवे और हवाई मार्गों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आसपास के एयरपोर्ट को प्रयागराज से सीधे टर्मिनल के जरिए जोड़ा गया है। साथ ही टिकटों की संख्या भी दोगुनी कर दी गई है। महाकुंभ का 29 फरवरी को अंतिम शाही स्नान के साथ समापन किया जाएगा