Reliance Bonus Share: मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बोनस शेयर देने की घोषणा कर दी है। बता दे, 29 अगस्त को हुई एनुअल मीटिंग में निवेशकों को बोनस शेयर देने का ऐलान किया गया था। जिस पर 5 सितंबर को हुई बैठक में मुहर लगा दी गई है। कंपनी अपने इन्वेस्टर्स को 1/1 के रेश्यो में बोनस शेयर देगी। इसके बाद कंपनी का ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल 50,000 करोड रुपए का हो जाएगा। जो वर्तमान में 15,000 करोड़ का है। बोनस शेयर क्या है ? और यह स्प्लिट शेयर से कैसे अलग है? आईए इस बारे में विस्तार से जानकारी लेते हैं।
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रिलाइंस बोनस शेयर (Reliance Bonus Share)
रिलायंस ने अपने शेयर होल्डर्स को बोनस शेयर जारी करने की घोषणा करके निवेशकों को मालामाल कर दिया है। जिसको लेकर निवेशक काफी उत्साहित थे. हालांकि कंपनी ने इसकी रिकॉर्ड डेट का खुलासा नहीं किया है। मगर जल्द ही रिकॉर्ड डेट की भी घोषणा की जाएगी। कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज के पास रेगुलेटिंग फाइल में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में हुए फैसला का विवरण दिया गया है। जिसमें कंपनी अपने योग्य शेयर होल्डर्स को प्रति स्टॉक के बदले 1 अतिरिक्त स्टॉक बोनस के रूप में जारी करेगी।
पांच बार दे चुकी है Reliance Bonus Share
जानकारी के लिए बता दे, कंपनी ने अब तक पांच बार निवेशकों को बोनस शेयर दिया है। पहली बार साल 1983 में 6/10 के रेश्यो में बोनस शेयर इश्यू किया था। इसके बाद 1997, 2009 और 2017 में 1/1 के रेश्यो में बोनस शेयर जारी किया गया था। और अब 2024 में भी 1/1 के रेश्यो में शेयर जारी करने की घोषणा कर चुकी है। जो निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
बोनस शेयर की घोषणा के बाद कंपनी का शेयर टूटा
5 अगस्त को Reliance Bonus Share देने की घोषणा के बाद कंपनी के स्टॉक में लगभग 1.42% का तगड़ा डाउन ट्रेंड देखने को मिला। जिसके बाद स्टॉक लगभग 2,986 रुपए पर बंद हुआ है। और अगले दिन यानी आज भी स्टॉक ने लगभग 1.15% की गिरावट के साथ ओपनिंग की है। अभी शेयर 2,951 पर ट्रेड कर रहा है।
शेयर स्प्लिट और बोनस शेयर में क्या अंतर है?
बोनस शेयर और शेयर स्प्लिट यानी शेयर विभाजन दोनों ही निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जाता है।
शेयर स्प्लिट: इसमें कंपनी के शेयर का विभाजन किया जाता है। उदाहरण के तौर पर 1:2 में शेयर स्प्लिट होने पर एक स्टॉप की कीमत 50% कर दी जाती है. और निवेशकों के पास शेयर होल्डिंग क्वांटिटी को दोगुना कर दिया जायेगा। जिसमें किसी शेयर होल्डर के पास अगर 100 क्वांटिटी है, तो इसकी क्वांटिटी 200 हो जाएगी। मगर पोर्टफोलियो की कुल वैल्यू उतनी ही रहेगी। शेयर स्प्लिट तभी किया जाता है, जब किसी कंपनी का स्टॉक काफी ऊंची कीमत को छू लेता है। जिसके चलते छोटे निवेशक उसमें निवेश नहीं कर पाते। कंपनी 1/2 या 1/10 किसी भी फॉर्मेट में शेयर स्प्लिट कर सकती है।
शेयर बोनस: कंपनी अपने मुनाफे का एक हिस्सा शेयरधारकों को बोनस शेयर के रूप में वितरित करती है। उदाहरण के तौर पर कंपनी द्वारा 1/1 के रेश्यो में बोनस शेयर इश्यू किया जाता है, तो प्रति एक स्टॉक के बदले एक अतिरिक्त स्टॉक नि:शुल्क दिया जाएगा। इसमें निवेशकों के पोर्टफोलियो की कुल वैल्यू बढ़ जायेंगी। क्योंकि उन्हें कई स्टॉक नि:शुल्क कंपनी द्वारा दिए गए हैं।