देशभर में बैंक कर्मचारी हड़ताल (बैंक हड़ताल) कर रहे हैं। जिससे बैंकिंग सेवाओं पर बड़ा असर पड़ सकता है। बैंक यूनियनों ने यह हड़ताल सप्ताह में केवल 5 दिन काम करने की मांग को लेकर की है। जिसे पहले ही आरबीआई हरी झंडी दे चुका है। मगर इसे अभी भी पूर्ण रूप से लागू नहीं किया गया। इसके साथ ही स्टाफ की कमी और बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसी मांग की जा रही है। चलिए जानते हैं इस हड़ताल का उद्देश्य क्या है? और इससे बेकिंग सेवाओं पर क्या असर पड़ने वाला है।
क्यों हो रही है बैंक हड़ताल
बैंक कर्मचारी पिछले साल से ही यह मांग कर रहे हैं कि बैंक में कार्य दिवस केवल पांच दिनों का ही होना चाहिए। जैसा अन्य कार्पोरेट कार्यालयों और अधिकांश सरकारी कार्यालयों में हो रहा है। बैंक कर्मचारियों की इस मांग को आरबीआई ने स्वीकार भी कर लिया था। मगर एक साल खत्म होने को आया लेकिन अभी भी इसे बैंकिंग कार्य प्रणाली में लागू नहीं किया गया। अभी भी कर्मचारियों को पहले की तरह ही काम करना पड़ रहा है। इसके बाद हजारों बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल की घोषणा की है। जिससे बैंक से जुड़ी सेवाएं बाधित होगी।
इसके अलावा भी अन्य कई मांगे उठाई जा रही है।
- स्टाफ की कमी – बैंकों में कर्मचारियों की भारी कमी है, जिससे मौजूदा स्टाफ पर काम का दबाव बढ़ रहा है।
- वेतन संशोधन – बैंक कर्मचारियों का वेतन लंबे समय से अपडेट नहीं हुआ है, जिससे वे असंतोष में हैं।
- सुरक्षा उपायों की मांग – बैंक कर्मचारियों पर लगातार बढ़ रहे हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा कड़े करने की जरूरत है.
यूएफबीयू के प्रवक्ता ने क्या कहा
यूएफबीयू (United Forum of Bank Unions) के प्रवक्ता का कहना है कि पहले से डिजिटल बैंकिंग सेवई 24*7 उपलब्ध रहती है। ऐसे में बैंकिंग क्षेत्र में भी अन्य कार्पोरेट कार्यालयों की तरह 5 दोनों का ही कार्य दिवस सप्ताह लागू करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यह हड़ताल केवल कर्मचारियों की भलाई के लिए ही नहीं, बल्कि बैंकिंग सेवाओं को बेहतर करने के लिए भी जरूरी है। आगे कहते हैं कि अगर बैंक प्रबंधन और सरकार हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लेते हैं तो भविष्य में और बड़े आंदोलन किए जाएंगे।