Torres Scam: करोड़ो के घोटाले का मास्टरमाइंड विदेश भागा, कम्पनी के बाहर लोगों की भीड़ जुटी, जानें कैसे फँसे लोग

महाराष्ट्र मुंबई में एक पोंजी स्कीम चलाने वाली चिट फंड कंपनी का भांडा फूटा है। मुंबई पुलिस ने कंपनी के दो निदेशकों और तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ निवेश के नाम धोखाधड़ी करने के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जब निवेशकों को पता चला कि उन्हें ठग लिया गया है, तो कंपनी के पते महाराष्ट्र मुंबई दादर इलाके में पहुंचे। निवेशकों ने भारी संख्या भीड़ जुटी है। वे अपने पैसे की मांग कर रहे हैं। आइये जानते हैं Torres Scam क्या है? और इसमें लोगों को किस तरह अपने जाल में फसाया गया है?

Torres Scam क्या है 

मुंबई के दादर इलाके की टोरेस ज्वेलरी स्टोर ने एक पोंजी स्कीम पेश की। जिसमें लोगों को वादा किया कि अगर वह मोइसैनाइट नाम का स्टोन (पत्थर), खरीदते हैं तो उन्हें हर सप्ताह उनके द्वारा निवेश की गई राशि पर 10% का रिटर्न दिया जाएगा। इस पत्थर को बेसकीमती बताकर लोगों को ऑनलाइन खरीदने की सिफारिश की गई। हालांकि इस पत्थर की बाजार में कीमत मात्र ₹500 थी। जिसे ऑनलाइन 1 लाख रुपए का दिखाकर कई निवेशकों को अपने जाल में फंसा लिया और उनसे करोड़ों रुपए का निवेश करवाया गया।

टोरेस स्कैम कैसे किया: निवेशकों का जीता भरोसा 

लोगों को उनके द्वारा निवेश की गई राशि पर हर सप्ताह 10% का ब्याज मिलने का संदेश भेजो जाने लगा और उन्हें ऑनलाइन इसका रिकॉर्ड (यूजर डैसबोर्ड) भी दिखाया गया। जिससे निवेशकों को भरोसा हो गया और वे ज्यादा पैसा कमाने के लालच में और ज्यादा निवेश करते गए। मगर दिसंबर 2024 के बाद से ही उन्हें कंपनी की ओर से मैसेज आना बंद हो गए और उनके द्वारा की जाने वाली कॉल्स को नजर अंदाज किया जाने लगा। 

टोरेस स्कैम कितने करोड़ का घोटाला है

टोरेस ज्वेलरी स्टोर के बाहर जुटी पीड़ितों की भीड़ ने बताया कि केवल 7 निवेशकों ने ही इस घोटाले में अपने 13.48 करोड रुपए गवा दिए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह पोंजी स्कीम लगभग 1 साल से संचालित की जा रही है तो यह आंकड़ा कितना बड़ा हो सकता है। फिलहाल इसमें हुए नुकसान के सटीक आंकड़े आना बाकी है।

Torres Scam किसने किया है 

टोरेस स्कैम में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है। जिसमें मुख्य रूप से कंपनी के सीईओ तौसीफ रियाज और CA अभिषेक गुप्ता और उनके कुछ साथियों का नाम मुख्य रूप से देखा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि कंपनी का सीईओ कुछ महीने पहले ही यहां से अपना बोरिया बिस्तर समेट विदेश शिफ्ट हो गया। अब एक सवाल जो हर कोई जानना चाहता है क्या टोरेस स्कैम घो का शिकार हुए लोगों को उनका पैसा वापस मिलेगा या फिर नहीं।

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