यूक्रेन और अमेरिका के बीच खनिज संपदा को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता सौदा होने वाला था। जो दोनों देशों के नेताओं के बीच तनाव के कारण रुक गया है। इस समझौते के तहत यूक्रेन अपने विशाल खनिज भंडारों का एक बड़ा हिस्सा अमेरिकी कंपनियों को सौंपने पर सहमत था। हालांकि राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है और इस घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी नाराज हो गए हैं और उन्होंने ज़ेलेंस्की की जमकर आलोचना की है।
Trump-Zelensky Tensions Halt Mineral Deal
कुछ समय पहले रूस के राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप को प्रस्ताव दिया था कि वह रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी खनिज संपदा क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं। जिसके बाद ज़ेलेंस्की ने भी अमेरिका के साथ इस क्षेत्र को लेकर 28 फरवरी को एक बैठक की थी। इस दौरान अमेरिका और यूक्रेन के बीच बड़ी डील होने वाली थी। मगर ज़ेलेंस्की ने यह डील यह कहते हुए रद्द कर कि जब तक अमेरिका स्पष्ट रूप से उसकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर देता। वह इस सौदे को स्वीकार नहीं करेंगे।
समझौता रद्द होने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से ज़ेलेंस्की की आलोचना करते हुए उन्हें “तानाशाह” कहा, जो बिना चुनाव के सत्ता में बने हुए हैं। दूसरी ओर, ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि वह बिना स्पष्ट सुरक्षा गारंटी के इस तरह के समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं ऐसी डील पर साइन नहीं करूंगा जिसकी कीमत यूक्रेनवासियों की 10 पीढ़ियों को चुकानी पड़े।”
क्या है ट्रम्प-ज़ेलेंस्की की खनिज डील
यूक्रेन के पास पूरी दुनिया के कुल खनिजों का 5% है। जहां दुनिया के दुर्लभ खनिजों में से 17 धातुएं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। अमेरिका और यूक्रेन के बीच होने वाली यह डील करीब 1 ट्रिलियन डॉलर की थी। जिसमें रूस का भी हस्तक्षेप है। क्योंकि यूक्रेन के खनिज क्षेत्र के कुल 53% हिस्से पर रूस का कब्जा है। लंबे समय से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। जिससे बचने के लिए यूक्रेन अमेरिका के साथ यह समझौता कर रहा था। मगर सुरक्षा सुनिश्चित न होने के कारण यह डील रद्द हो चुकी है।