UPS Pension Scheme को लेकर मोदी जी की बड़ी घोषणा 23 लाख कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से UPS Pension Scheme को लागू करने की घोषणा कर दी है। जिसके माध्यम से सरकारी कर्मचारियों को 12 महीने के एवरेज बेसिक वेतन का 50% निश्चित रूप से पेंशन के रूप में दिया जाएगा। जिसके लिए कुछ मापदंड निर्धारित किए गए हैं। यह योजना कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भी वित्तीय रूप से सुरक्षित रखने में मदद करती है। इसके अलावा उनकी डेथ कॉस्ट के बाद भी एश्योर्ड फैमिली पेंशन का भी नियम लागू किया गया है।

UPS Pension Scheme Yojana क्या हैं 

यूनिफाइड पेंशन योजना सरकार द्वारा शुरू की गई एक नई योजना है। जिसके माध्यम से सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय रूप से सहायता देना हैं। जिसके तहत 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का लगभग 50% हिस्सा उन्हें पेंशन के रूप में हर महीने दिया जाएगा। पेंशन-भोगी की अकाल मौत होने की स्थिति में भी उनके परिवार के सदस्य इस पेंशन के लिए हकदार होंगे। इस योजना के माध्यम से लगभग 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभान्वित किया जाएगा। पेंशन में मिलने वाली राशि महंगाई के साथ-साथ बढ़ाई भी जाएगी।

UPS Pension Scheme Yojana का लाभ केवल उन्हीं सरकारी कर्मचारियों को दिया जाएगा। जो कम से कम 25 वर्ष की सर्विस पूरी कर चुके हैं। इसके अलावा मिनिमम एश्योर्ड पेंशन का भी प्रावधान है। जिसके माध्यम से कम से कम 10 साल की नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों को प्रति महीना 10,000 की एक निश्चित राशि आर्थिक सहायता के रूप में दी जाएगी।

कर्मचारियों को देना होगा यूपीएस में कंट्रीब्यूशन

एनपीएस की तरह ही यूपीएस में भी सरकारी कर्मचारियों को अपनी सैलरी में से कुछ प्रतिशत कंट्रीब्यूशन देना होगा। एनपीएस में कर्मचारियों से लगभग 14% का कॉन्ट्रिब्यूशन लिया जाता है, जिसे यूपीएस के लिए बढढाकर 18.5% कर दिया गया है। इसके बाद कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक शानदार पेंशन की सुविधा मिलने वाली है।

60 हज़ार की सैलरी पर कितनी मिलेगी पेंशन

UPS Pension Scheme को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। जिसके लिए कर्मचारियों के पास यूपीएस और एनपीएस दोनों ही प्रकार के विकल्प उपलब्ध होंगे। यूपीएससी या एनपीएस में से कोई भी एक विकल्प चुनने के बाद कर्मचारी दोबारा उसमें संशोधन नहीं कर सकते। यदि किसी कर्मचारी की मासिक सैलरी लगभग 60 हज़ार रूपए है तो उसे रिटायरमेंट के बाद प्रति महीना ₹30000 सैलरी पेंशन के रूप में दी जाएगी। हालांकि इस पर DR यानी महंगाई राहत अनुदान अलग से जोड़ा जाएगा। जो समय के साथ बढ़ेगा।

NPS और UPS में क्या अंतर है?

  • एनपीएस एक प्रकार की पेंशन योजना है जबकि यूपीएस पेंशन के साथ-साथ बीमा योजना की भी सुविधा उपलब्ध कराती है। 
  • NPS भविष्य के लिए बचत की जो की है लेकिन यूपीएस में बचत के साथ-साथ निवेश और बीमा दोनों की सुविधा उपलब्ध है। 
  • एनपीएस में लॉक इन पीरियड होता है। जबकि यूपीएस में ऐसी कोई पाबंदी नहीं होती।
  • एनपीएस में सरकार द्वारा टैक्स पर छूट दी जाती है। जबकि यूपीएस में टैक्स में बहुत कम छूट मिलती है।

NPS या UPS किसमेें है ज्यादा फ़ायदा

एनपीएस में दो प्रकार के अकाउंट खोले जाते हैं। जिनमें एक टियर 1 और दूसरा टियर 2 है। टियर 1 खाते में से राशि केवल रिटायरमेंट के बाद ही इस्तेमाल की जा सकती है। जबकि टियर 2 खाते में निकासी रिटायरमेंट से पहले भी की जा सकती है। यदि आपको लगता है कि आपको अपने रिटायरमेंट से पहले ज्यादा पैसों की आवश्यकता पड़ सकती है, तो आपके लिए एनपीएस चुनना ज्यादा फायदेमंद होगा। इसके साथ ही एनपीएस से निकाली जाने वाली लगभग 60% राशि पर टैक्स फ्री होता है। जो बचत के नजरिया से एक बड़ा कदम साबित होगी।

UPS एनपीएस की तुलना में काफी आसान है। हालांकि इसमें NPS की तुलना में जोखिम की ज्यादा सम्भावना रहती है। क्योंकि माध्यम से इक्विटी और मनी मार्केट फंड में निवेश किया जाता है। कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले भी आंशिक रूप से निकासी कर सकते हैं।

NPS और UPS में कौनसा विकल्प चुनें। यह पूरी तरह से कर्मचारियों पर निर्भर करता है। वह अपनी आवश्यकता और सुविधाओं के मुताबिक दोनों में से किसी भी एक विकल्प के साथ आगे बढ़ सकते हैं। मगर ध्यान रहे किसी भी विकल्प का एक बार चयन करने के बाद दूसरे विकल्प के साथ बदल नहीं सकते। इसलिए एनपीएस और यूपीएस का चयन करते समय काफी सावधानी बरतनी चाहिए।

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