उत्तर प्रदेश जो एक समय केवल अपराध, राजनीति या खेती के लिए जाना जाता था वही उत्तर प्रदेश अब तेज़ी से उभरते बिज़नेस हब के रूप में जाना जाने लगा है। एक समय था जब उत्तर प्रदेश के लोग रोज़गार के लिए मुंबई या दिल्ली जाते थे, लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। 2025 में यूपी एक नई औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है और अब बिजनेस के मामले में देश की राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ चुका है। चलिए जानते है क्या है पूरी रिपोर्ट!
उत्तर प्रदेश बन रहा है नया बिजनेस हब
उत्तर प्रदेश की छवि लंबे समय तक एक खेती-केंद्रित राज्य की रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह तस्वीर तेजी से बदल नजर आ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में निवेश और इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट को लेकर कई नई नीतियां अपनाई गई हैं। जिन्होंने प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है. 2025 में उत्तर प्रदेश देश में ऑपरेशनल कंपनियों की संख्या के मामले में तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल को पीछे छोड़कर, महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर पहुँच गया है। इसके साथ ही नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ जैसे बड़े शहर अब इनवेस्टमेंट हब बनते जा रहे हैं। जिनसे न केवल लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि क्राइम रेट भी कम होगा।
पिछले 1 साल में UP में 15 हज़ार नई कंपनियाँ खुली
पिछले एक साल के आकड़ो पर नजर डालें तो पिछले एक साल में यूपी में 15,000 से भी ज्यादा नई कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि दिल्ली में ये संख्या मात्र 12,700 के करीब है। इससे यह साफ है कि निवेशकों का भरोसा अब उत्तर प्रदेश पर भी बनने लगा है। प्रदेश में लगातार IT, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, मनोरंजन और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में ज़बरदस्त विकास हो रहा है। यूपी अब देश का 6वां सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर बन चुका है।
यूपी में रहती है 24 करोड़ की आबादी
साल 2025 में उत्तर प्रदेश में करीब 24 करोड़ आबादी रही है. जो कंज्यूमर मार्केट और मज़बूत वर्कफोर्स दोनों को लीड करते हैं. बड़ा कंज्यूमर मार्केट और मज़बूत वर्कफोर्स ही यूपी की नई औद्योगिक नीतियों का आधार बने हुए है. साथ ही सरकार ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने, लॉ एंड ऑर्डर सुधारने और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में लगातार काम किया है। जिसके परिणामस्वरूप आज 14,000 से अधिक स्टार्टअप्स उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं।