हालही में व्हाट्सएप ऐप में “व्हाट्सएप जीरो क्लिक वल्नरेबिलिटी” पाई गई है। जिसके जरिए किसी भी यूजर के स्मार्टफोन को रिमोटली हैक कर उसकी संपूर्ण जानकारी अटैकर अपने सर्वर पर डाउनलोड कर सकता है। इस बडी खामी ने व्हाट्सएप यूजर्स की सुरक्षा और प्राइवेसी पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। आइये जानते हैं जीरो क्लिक वल्नरेबिलिटी क्या है? और इससे कैसे बचा जा सकता है।
क्या है व्हाट्सएप जीरो क्लिक वल्नरेबिलिटी
व्हाट्सएप दुनिया के सबसे बड़े सोशल मैसेजिंग ऐप्स में से एक है। जिसके दुनिया के 180 से भी ज्यादा देशों में 2.95 बिलियन एक्टिव यूजर है। मगर हाल ही में व्हाट्सएप में व्हाट्सएप जीरो क्लिक वल्नरेबिलिटी पाई गई है। जिसने व्हाट्सएप यूजर्स की निजी जानकारी और डिवाइस की सुरक्षा को भी खतरे में ला दिया है। व्हाट्सएप जीरो क्लिक वल्नरेबिलिटी Pegasus Virus से भी ज्यादा खतरनाक बताईए जा रही है।
व्हाट्सएप जीरो क्लिक वल्नरेबिलिटी हैकर्स का साइबर अटैक करने का एक मॉडर्न तरीका है। जिसमें विक्टिम के डिवाइस पर किसी भी तरह की लिंक भेजने या फाइल डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं है। अटैकर व्हाट्सएप सॉफ्टवेयर की कमियों को ढूंढकर उसमें अपने कस्टम कोड (डेटा पैकेट) डालकर अपने विक्टिम के डिवाइस पर पूरा कंट्रोल हासिल कर लेता है। इस पूरी प्रक्रिया को जीरो क्लिक वल्नरेबिलिटी कहा जाता है।
इस तरह के साइबर अटैक की सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि विक्टिम को कभी पता ही नहीं चलता कि उसका डिवाइस किसी और के नियंत्रण में है और उसकी संपूर्ण निजी जानकारी अब अटैकर एक्सेस कर सकता है।
बचाव के लिए करें ये काम
- हमेशा ऑपरेटिंग सिस्टम और WhatsApp ऐप को लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखें।
- WhatsApp की सिक्योरिटी सेटिंग्स को मजबूत करें ताकि आपका डेटा सुरक्षित रहे।
- अपने डिवाइस में एंटीवायरस और एंटी-स्पाइवेयर सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें, ताकि किसी भी तरह के साइबर हमले से बचा जा सके।
- यदि डिवाइस में कोई असामान्य गतिविधि (डेटा और बैटरी अचानक खत्म होना) नज़र आए, तो तुरंत साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों से संपर्क करें। और अपने डिवाइस की गहन जाँच कराए।