महाकुंभ 2025 जा रहे हो तो इन 4 ऐतिहासिक स्थलों को देखना न भूलें, पूरी होंगी सभी इच्छायें

महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में होने जा रहा है। यह मेला न केवल हिंदू आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। बल्कि भारतीय परंपरा और इतिहास का भी एक अनमोल हिस्सा माना जाता है। यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने लाखों श्रद्धालु आते हैं। लेकिन महाकुंभ की यात्रा सिर्फ शाही स्नान तक ही सीमित नहीं है। अगर आप महाकुंभ 2025 में जा रहे हैं तो प्रयागराज में मौजूद कुछ दिव्य और ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों की यात्रा करनी चाहिए। आइए जानते हैं प्रयागराज में ऐसे कौन-से धार्मिक स्थल है, जो आपको जरुर देखने चाहिए।

शंकर विमान मंडपम

शंकर विमान मंडपम प्रयागराज का एक अद्भुत स्थापत्य और धार्मिक स्थल है। जो चार मंजिलों का है। कहा जाता है कि इसे बनाने में केवल 17 दिन लगे थे। इस मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय शैली में बनाई गई है। जो भगवान शिव, कामाक्षी देवी और भगवान नारायण को समर्पित है। यहां श्रद्धालु भगवान शंकर की भव्य मूर्ति के दर्शन कर सकते हैं। इसकी ऊंचाई, खूबसूरती और वास्तुकला श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। शाम के समय सूर्य की हल्की रोशनी का दृश्य भक्त जनों का मन मोह लेता है। 

शिवालय पार्क

प्रयागराज का शिवालय पार्क उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया है। करीब 11 एकड़ में फैला शिवालय पार्क 15 करोड़ की लागत में तैयार किया गया है। अगर आप शांत माहौल और हरियाली की बीच समय व्यतीत करना चाहते हैं तो आपके लिए शिवालय पार्क एक उत्तम विकल्प बनेगा। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह एक मनोरम स्थल है। जहां वे आराम कर सकते हैं। साथ ही भगवान शिव की विशाल प्रतिमा के दर्शन कर सकते हैं। महाकुंभ 2025 में शिवालय पार्क से केवल एक दिन की कमाई करीब 25 करोड़ होना आंकी गई है।

मनकामेश्वर मंदिर

मनकामेश्वर मंदिर लखनऊ, डालीगंज में गोमती नदी के पास है। जो भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है। यह मंदिर काफी पुराना है। ऐसा कहा जाता है की माता सीता को वनवास होने के बाद भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने यही रुककर भगवान शिव की तपस्या की थी। जिसे कालांतर में मनकामेश्वर मंदिर के नाम से पहचाना गया। अगर आप महाकुंभ मेला 2025 जा रहे हैं तो आपको यह मंदिर भी अवश्य देखना चाहिए।

श्री वेणी माधव मंदिर

श्री वेणी माधव मंदिर प्रयागराज के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक गिना जाता है। जो भगवान विष्णु के 12 स्वरूपों को समर्पित है। ऐसी मान्यता है की शाही स्नान करने के बाद इस मंदिर के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जो प्रयागराज के दारागंज इलाके में गंगा तट के करीब स्थित है।

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