प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार “वन नेशन वन इलेक्शन” (एक देश एक चुनाव) नीति पर जोर दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने NCC वार्षिक रैली के दौरान एनसीसी कैंडीडेट्स और माय-भारत के नौजवानों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने और वन नेशन वन इलेक्शन की डिबेट में भाग लेने का आग्रह किया है। मोदी जी ने लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव अलग-अलग कराने पर होने वाले नुकसान से भी अवगत कराया है।
वन नेशन वन इलेक्शन पर मोदीजी का बयान
राजनीतिक गलियारों में लंबे समय से वन नेशन वन इलेक्शन की बहस छिड़ी हुई है। सत्ताधारी सरकार चाहती है कि देश में लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ कराये जाए। जैसा एक समय हुआ करता था। जिससे देश को बड़ा फायदा पहुंचेगा। मगर विपक्ष दल का कहना है कि यह मोदी सरकार की एक बड़ी चाल है। जो जनता के लोकतांत्रिक मूल्यों को असुरक्षित करती है। और यह एक प्रकार से संविधान के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
मोदीजी ने युवाओं का संबोधन किया
देश की राजधानी के करिप्पा परेड मैदान में NCC (राष्ट्रीय कैडेट कोर) की वार्षिक रैली का आयोजन किया गया था। जिसमें मोदी जी भी शामिल थे। वे कहते है कि देश में बार-बार चुनाव होने से बड़ा नुकसान हो रहा है।
चुनावों में सरकारी शिक्षकों से लेकर पुलिस विभाग तक सभी प्रभावित होते हैं। और सरकारी कामकाज की व्यवस्था भंग होती है। विशेष रूप से चुनावी प्रक्रिया में सरकारी शिक्षकों का बड़ा योगदान होता है। जो चुनाव में जुट जाते हैं और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। तमाम चीजों को देखते हुए सरकार वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करना चाहती है। जिस पर लंबे समय से डिबेट चल रही है।
मोदी जी ने देश के युवाओं और विशेष रूप से एनसीसी छात्रों को इस डिबेट में शामिल होने का आग्रह किया है। मोदी जी आगे कहते हैं कि “भारत के युवाओं से मैं आग्रह करता हूं कि आप जहाँ भी हो “वन नेशन वन इलेक्शन” की इस बहस को आगे बढ़ाए और बड़ी संख्या में भाग ले। क्योंकि यह केवल राजनीति का नहीं, बल्कि आपके भविष्य से जुड़ा भी विषय है।