The Diplomat Movie Review: इसके आगे तो “द केरला स्टोरी फिल्म” भी कुछ नहीं, जानिए क्या हुआ था उज्मा अहमद के साथ

जॉन अब्राहम की The Diplomat Movie सिनेमाघर में दस्तक दे चुकी है। एक बार फिर जॉन अब्राहम ने साबित कर दिया है कि वह हिंदी सिनेमा की वर्सटाइल एक्टर है। फिल्म सच्ची घटना के आधार पर तैयार की गई है। जिसमें हिंदू-मुस्लिम और भारत-पाकिस्तान का एंगल रखा गया है। हर कोई फिल्म देखकर तारीफ कर रहा है। अगर आप भी यह फिल्म देखने की इच्छा रखते हैं तो आपको पहले इसके रिव्यू पढ़ लेना चाहिए।

The Diplomat Movie Cast

The Diplomat Movie का डायरेक्शन शिवम नायर द्वारा किया गया है। जिसमें जॉन अब्राहम और सादिया ने मुख्य भूमिका निभाई है। इनके अलावा फिल्म में जगजीत संधू, प्राप्ति शुक्ला, शारिब हाशमी और रामगोपाल जैसे कलाकारों ने सहायक भूमिका निभाई है। जिसमें उज्मा अहमद की वास्तविक कहानी दिखाई गई है।

The Diplomat Movie Story in Hindi

द डिप्लोमेट फिल्म की कहानी काफी दिलचस्प और सस्पेंस से भरपूर है। जो उज्मा अहमद (सादिया खातिब) नाम की भारतीय लड़की और ताहिर अली (जगजीत संधू) नाम के एक पाकिस्तानी लड़के के इर्द-गिर्द घूमती है। दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। ताहिर अली उज्मा को पहले मलेशिया ले जाता है और फिर बहला फुसला कर उसे अपने गांव पाकिस्तान ले जाता है। यहाँ से उसका व्यवहार पूरी तरह से बदल जाता है और वह उसका शोषण करना शुरू कर देता है।

इसके साथ ही ताहिर अली की पूर्व शादियों, बच्चों और उसके आतंकवादी संगठनों से कनेक्शन का पता उज्मा अहमद को चल जाता है। अब उज्मा अहमद अपने आप को बचाने के लिए कैसे भारतीय दूतावास तक पहुंचती है और कैसे उज्मा को जेपी सिंह भारत तक महफूज पहुंचाएंगे। यही सब कुछ इस फिल्म में दिखाया गया है।

द डिप्लोमैट मूवी रिव्यू (The Diplomat Movie Review)

द डिप्लोमेट फिल्म का स्क्रीन प्ले काफी मजबूत है. जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है। हालांकि इससे पहले भी भारत-पाकिस्तान को लेकर कई फिल्में बन चुकी है, मगर बेहतरीन फिल्मों की बात की जाए तो यह संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। जिसमें अब द डिप्लोमेट भी शामिल है। डायरेक्टर ने वाकई में काबिले तारीफ कारनामा किया है। फिल्म की कहानी पर आखिरी तक पकड़ बनी रहती है। सिनेमैटोग्राफी से लेकर शूटिंग सेट और बैकग्राउंड म्यूजिक अब फिल्म के साथ पूरी तरह से न्याय करते है। 

जिस तरह से एक मासूम लड़की को गहरे जाल में फसाया गया। वह एकदम वास्तविक लगता है। साथ ही जब फिल्म में एक्शन और भाग दौड़ शुरू होती है, तो दर्शकों को लगता है कि वे भी इसका हिस्सा है। फिल्म में एक भी गाना नहीं है। बावजूद इसके दर्शकों को गाने की याद तक नहीं आती।

कलाकारों का अभिनय कैसा है

जॉन अब्राहम ने अपने एक्शन हीरो वाले अवतार में फिर से छाप छोड़ी है। उनकी बॉडी लैंग्वेज और आक्रामक अंदाज उनके किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय करता है। हालांकि इमोशनल सींस में उनके एक्सप्रेशंस थोड़े कमजोर लगे। दूसरी ओर सादिया खातिब ने भी अपनी डेब्यू फिल्म में सराहनीय काम किया है। मगर उन्हें स्क्रिप्ट में ज्यादा गहराई नहीं मिली। राहुल देव ने विलेन के किरदार को पुराने नक्शे कदमों पर चलते हुए निभाया है। जो ठीक-ठाक है। जबकि सुषमा ने छोटी भूमिका में प्रभावशाली कारनामा किया है।

फिल्म देखें या नहीं?

अगर आप जॉन अब्राहम के पक्के फैन है तो यह फिल्म आपको जरूर रोमांचित करेगी। जिसमें रोमांस विश्वास घात और एक्शन का भरपूर डोज मिलेगा। फिल्म की कहानी पुरानी है, मगर इस नए कांसेप्ट के साथ पेश किया गया है जो आपको जरा भी निराश नहीं करेगी। 

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