Nalanda University Campus: देश के प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जून को नालंदा विश्वविद्यालय ने नए परिसर का उद्घाटन कर दिया है. जो की प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी कैंपस के खंडरो से लगभग 20 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है. लगभग 800 सालों पहले इसे बहार से आये आक्रमणकारियों ने जलाकर बर्बाद कर दिया था. लेकिन एक बार फिर मोदी सरकार ने इसका पुनर्जीर्णोउद्धार करवाया है। आइये Nalanda University के इतिहास और वर्तमान से जुडी कुछ रौचक जानकारी लेते है।
Nalanda University
नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) भारत के इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान रही है. जो अपने प्राचीनकाल से ही दुनियाभर में ज्ञान के केंद्र के रूप में जानी जाती थी। जिसकी स्थापना लगभग 5वीं सदी से मानी जाती है. जानकारी मिलती है की गुप्त साम्राज्य के समय में भारतीय साहित्य, धर्म, तथा विज्ञान के क्षेत्र में इसका बड़ा योगदान रहा। जिसमें विशेष रूप से बौद्ध धर्म की शिक्षा दी जाती थी।
यह एक बड़ा समृद्ध ज्ञान का केंद्र था. जहा से विभिन्न विषयों में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता था। ये विश्वविद्यालय क्षेत्रफल के नजरिये से काफी दूर तक फैला हुआ था. जिसमें अनेकों कक्षाएं, मठ और लाइब्रेरी (पुस्तकालय) शामिल थे।
शिक्षा एवं पाठ्यक्रम की बात करे तो इसमें बौद्ध दर्शन, संस्कृत व्याकरण, ज्योतिष, चिकित्सा और मुख्य रूप से बौद्ध धर्म की शिक्षा का व्यापक स्वरूप था। जानकारी मिलती है की इसमें लाखों हस्तलिखित किताबें मौजूद थी. जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा का केंद्र बनाती थी।
इस विश्वविद्यालय ने भारत की सभ्यता, संस्कृति और विचारधारा में बड़ा बदलाव किया है। लेकिन लगभग 12वीं सदी के आसपास तुर्क संगठन द्वारा किये गए हमलों में इसका अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया. जिसे फिर से 2024 में तैयार करने की योजना आगे बाद रही है।
Nalanda University Development
Nalanda University की अहमियत को ध्यान में रखते हुए आज के समय में इसका डेवेलोपमेंट फिर से करने की कोशिश की जा रही है. जिसमे भारत के साथ अंतरास्ट्रीय स्तर पर चीन पर अन्य कई देशों से भी योगदान मिल रहा है. इससे यह सुनिश्चित होता है की इसे वैश्विक धरा को भविष्य में भी जीवित रखा जाये। और शिक्षा और संस्कृति का केंद्र बिंदु के रूप में इसे आगे बढ़ाया जाये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी का दौरा किया। और इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय में नए कैंपस का उद्घाटन का कार्यक्रम सम्पन्न भी किया। जानकारी के लिए बता दे PM मोदी प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी के 1600 साल पुराने खंडहरो का भी दौरा किये है. इससे एक बात तो साफ हो गई है की अब मोदी सरकार नालंदा यूनिवर्सिटी को लेकर भी कुछ नई योजना पर विचार कर रही है. ताकि इस प्रचीन धरा को फिर से तैयार किया जाये।
2007 से बन रही है रूपरेखा
ऐसा नहीं है की इस यूनिवर्सिटी को फिर से जीवन देने का ये पहला प्रयास है, देश के राष्ट्रपति APJ अब्दुल कलम ने साल 2007 में इसके दुबारा निर्माण की रूपरेखा बनाई थी. जो प्रगतिशील रही. अब 2024 में देश के PM में इसे फिर से निर्मित करने के लिए कमान सम्भाल ली है। मोदीजी ने 19 जून को नए परिसर का उद्घाटन भी कर दिया है. चलिए जानते है की आखिर देश की इतनी अहमियत रखने वाली धरा का पतन कब कैसे और कितने किया !
स्थापना विकास और खूबियाँ
- यह यूनिवर्सिटी प्राचीनकाल में भारत की पहचान और वैभव हुआ करती थी. जिसमे लगभग 10 हज़ार से भी ज्यादा छात्र एक साथ अध्ययन करते थे.
- इसकी स्थापना गुप्त वंश के महान शासक कुमारगुप्त ने 425 ई. से 470 ई. तक की थी.
- गुप्तवंश में भारत की प्रसिद्दि पुरे विश्वभर में फैल गई. और ये शिक्षा का मूल केंद्र बन गया था।
- गुप्तवंश के पतन के बाद हर्षवर्धन के दौर में ये इसका विकास जारी रहा। लगभग 6 शताब्दियों तक ऐसे ही चलता रहा।
- यहाँ जापान, तिब्बत, कोरिया और पूर्व भारत से विद्यार्थी पड़ने आने लगे।
- इसकी लाइब्रेरी बहुत समृद्ध बन चुकी थी. जो लगभग 3 लाख से भी ज्यादा हस्तलिखित किताबों से सुसज्जित थी।
- इसमें 300 कमरे और 7 बड़े सभागार थे.
Nalanda University का पतन कैसे हुआ था ?
- Nalanda University पतन के लिए तुर्क आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी को जिम्मेदार ठहराया जाता है.
- इसमें यूनिवर्सिटी पर भयंकर हमला कर इसे बुरी तरह बर्बाद कर दिया।
- यहाँ के बौद्ध भिक्षुओं की जान ले ली।
- आक्रमणकारियों ने पूरी यूनिवर्सिटी में आग लगा दी थी. जिसमें देश की कला, संस्कृति और वैभव को सबसे बड़ी क्षति हुई।
- इसमें किताबों का भंडार था. ऐसा कहा जाता है की आक्रमणकारियों द्वारा लगाई गई आग लगभग 3 महीने तक जलती रही।
- इस प्रकार विश्विद्यालय का पतन हो गया.
निष्कर्ष : इस न्यूज़ लेख में Nalanda University से जुडी जानकारी उपलब्ध कराई गई है. जिसमे आगामी समय में नालंदा यूनिवर्सिटी में होने वाले डवलपमेंट और इतिहास पर बात की गई है. इसका सोर्स गूगल है. इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है. तो आप हमे सूचित करे। और लेख काम का लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।