देश में उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा ही चर्चा का विषय रही है, क्योंकि यह राज्य सबसे अधिक लोकसभा सीटों के कारण राष्ट्रीय राजनीति में अहम भागीदारी निभाता है। यहां के क्षेत्रीय दलों और नेताओं की जड़ें बेहद मजबूत है। हालांकि सत्ता में रहकर राजनीति करना थोड़ा आसान होता है लेकिन कुछ नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने विपक्ष में रहते हुए प्रदेश की सत्ता सरकार को कड़ी चुनौती दी है। चलिए जानते हैं कौन से हैं वो नेता जिन्होंने उत्तर प्रदेश में अपना दबदबा बनाया हुआ है।
अखिलेश यादव
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव यूपी के सबसे प्रभावशाली और सक्रिय विपक्षी नेताओं में से एक है। जो लगातार योगी सरकार की नीतियों का विरोध करते हैं। वे खासकर बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात करते हैं। चुनावी रैलियों से लेकर सोशल मीडिया तक अखिलेश यादव का खास दबदबा बना हुआ है। 2027 के चुनावों में वे मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में भी उभर रहे हैं।
प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी सक्रियता रखने में खास रुचि दिखाई है। कांग्रेस की कमजोर स्थिति के बावजूद प्रियंका ने उत्तर प्रदेश में अपना खास रुतबा हासिल किया है। उनके “लड़की हूं लड़ सकती हूँ” जैसे अभियानों में कांग्रेस समर्थकों और खासकर महिलाओं में नई ऊर्जा पैदा की है। प्रियंका ने उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन, बेरोजगारी और बुलडोजर कार्यवाही जैसे मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाई है।
चंद्रशेखर आज़ाद
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद का दबदबा भी कुछ कम नहीं है। उन्हें हाल ही में 100 सबसे प्रभावशाली उभरते नेताओं की सूची में भी शामिल किया गया था। जो योगी सरकार के खिलाफ एक तेज धार हथियार की तरह काम करते हैं। चंद्रशेखर आजाद विशेष रूप से दलित समाज के हक और इंसाफ के लिए आवाज उठाते हैं। उनकी दलित और पिछड़ा वर्ग में गहरी पकड़ हैं। दलित वर्ग के अधिकारों, शिक्षा और सामाजिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर उनका आक्रामक रवैया सत्ता पक्ष के लिए बड़ी चुनौती है।