Ceigall india IPO GPM News: Ceigall का आईपीओ 1 अगस्त को लांच हुआ था। जो 5 अगस्त (आज) तक खुला रहने वाला है। कंपनी का आईपीओ केवल दो दिनों में ही पूरा भर गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की ओर से मिली अपडेट के मुताबिक इश्यू IPO अब तक 1.23 गुना सब्सक्राइब किया जा चुका है। आईपीओ को ग्रे मार्केट में भी शानदार रिस्पांस मिला है। यह IPO इश्यू के अनलिस्ट शेयर, ग्रे मार्केट (GPM) में लगभग 19% प्रीमियम के साथ ट्रेड कर रहा है।
निवेशकों ने दिखाई रुचि
कंपनी के आईपीओ, इश्यू का प्राइस बैंड 380 से ₹401 के बीच है। 37 स्टॉक्स का एक लॉट होगा। जिसके मुताबिक एक लॉट के लिए कम से कम 1,4,837 रुपए निवेश करने होंगे। इसके साथ ही बता दे, एक रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट (अधिकतम 481 शेयर) की बोली लगा सकता है। एक रिटेल निवेशक अपर प्राइज बैंड के मुताबिक अधिकतम 1,92,881 रुपए इन्वेस्ट कर सकता हैं।
Ceigall India Ipo के माध्यम से लगभग 2,23,13,663 शेयर ऑफर किए गए थे। मगर निवेशकों ने आईपीओ में जबरदस्त रुचि दिखाई। निवेशकों ने 2,74,17,222 करोड़ शयरो के लिए बोली लगाई है।
कम्पनी जुटाना चाहती है 12.5 करोड़
कंपनी इस आईपीओ के माध्यम से लगभग 1252.66 करोड रुपए जुटाना चाहती है। जिसके लिए 684 करोड़ के 1,70,63,640 नए शेयर ऑफर कर रही है। जबकि कंपनी द्वारा मौजूदा निवेशको के लिये OFFS विंडो के जरिए लगभग 568 करोड़ के 1,14,74,840 शेयर की पेशकश की गई है।
Ceigall india IPO GPM
ग्रे मार्केट पर लगातार अपडेट देने वाली वेबसाइट आईपीओ वॉच से मिली जानकारी के मुताबिक Ceigall India Ipo का ग्रे मार्केट में लगभग 19 फ़ीसदी यानी ₹75 प्रति शेयर प्रीमियम का व्यापार हुआ है। इसके बाद शेयर का अपर प्राइज बैंड 401 से बढ़कर 476 पर पहुंच गया हैं। जिसके बाद अब शेयर 476 पर लिस्टिंग कर सकता है।
GPM क्या होता हैं
GPM: ग्रे मार्केट प्रीमियम. जब कंपनी पहली बार अपने शेयर आम जनता को बेचने के लिए ऑफर करती है, तो आईपीओ में शेयर की एक निश्चित कीमत रेंज निर्धारित की जाती है। इस निर्धारित की हुई राशि के ऊपर जो भी अतिरिक्त राशि होगी। वह जीपीएम (GPM) कहलाती है। जो शेयर बाजार में अनौपचारिक रूप से तय की जाती है। इसका अर्थ यह हुआ निवेशक आईपीओ के माध्यम से इस अतिरिक्त राशि को भी चुकाने के लिए तैयार होते हैं।
GPM कब बढ़ता हैं: जीपीएम बढ़ने का मुख्य कारण निवेशको द्वारा आईपीओ में ज्यादा रुचि दिखाना हैं। हालंकि कई बार अटकलबाजी (गड़बडी) के चलते भी GPM बढ़ सकता है।