The Buckingham Murders Review (द बकिंघम मर्डर्स फिल्म हिन्दी रिव्यू)

The Buckingham Murders Review: द बकिंघम मर्डर्स फिल्म 13 सितंबर 2024 को थियेटर्स में रिलीज की गई थी। यह फिल्म जबरदस्त सस्पेंस और जासूसी थ्रिल के साथ दर्शकों को आखिरी तक सीट पर बांधे रखने का काम करती है। यह क्राईम थ्रिलर फिल्म करीना कपूर की मुख्य भूमिका में तैयार की गई है। जिसमें करीना ने एक अमेरिकी-भारतीय जासूस की भूमिका निभाई है। आईए जानते हैं आखिर द बकिंघम मर्डर्स फिल्म कैसी है? और यह फिल्म देखनी चाहिए या नहीं? साथ ही फिल्म से जुड़ी अन्य खास जानकारी।

द बकिंघम मर्डर्स फिल्म

द बकिंघम मर्डर्स फिल्म में करीना कपूर खान ने ‘जस’ उर्फ जसमीत बामरा की भूमिका निभाई हैं. इनके अलावा रणवीर बराड़ (दलजीत कोहली), रुक्कू नाहर, ऐश टंडन, प्रभलीन संधू, कपिल रेडेकर, कीथ एलन, जोनाथन न्याति और सारा-जेन डायस ने सहायक भूमिका निभाई है. फिल्म का डायरेक्शन हंसल मेहता द्वारा किया गया है. और फिल्म के प्रोडूसर एकता कपूर, शोभा कपूर और करीना कपूर खान हैं।

द बकिंघम मर्डर्स फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी फिल्म के मुख्य किरदार जसमीत बामरा के इर्द गिर्द घूमती है। जिसकी जिंदगी में दुखों की कोई कमी नहीं है। जसमीत की जिंदगी का सबसे बड़ा दुख उसका बेटा है। जिसकी हत्या एक कट्टरपंथी ने कर दी थी। वह अपने मर चुके बेटे को बहुत याद करती है। अपने बेटे के हत्यारे को सजा दिलाने के बाद वह बकिंघम शहर में ट्रांसफर करा लेती है। हालांकि उसे अपने बच्चे की याद अभी भी सताती है। इस नए शहर में डिटेक्टिव जसमीत बामरा के पास एक 10 साल के बच्चे (इशप्रीत कोहली) की हत्या का मामला आता है। जहां से फिल्म की कहानी एक नए मोड़ पर पहुंच जाती है। यहां से दर्शकों को जबरदस्त सस्पेंस, एक्शन और गहरें रहस्य का भरपूर आनंद मिलना शुरू होता है। जो फिल्म के आखिरी तक मिलता रहता है। अब जसमीत इशप्रीत कोहली की हत्या की गुत्थी कैसे सुलझाएगी और उसे किन-किन मुसीबतों का सामना करना होगा? यही सब कुछ इस फिल्म में दिखाया जाएगा।

द बकिंघम मर्डर्स का रिव्यू (The Buckingham Murders Review)

फिल्म के निर्देशक हंसल मेहता समाज की जटिल समस्याओं को बड़े ही रोचक तरीके से कुरेद कर दर्शकों के सामने परोसने में माहिरा हैं। फिल्म की कहानी कई हॉलीवुड फिल्मों के रेफरेंस से तैयार की गई है। मगर कहानी में सस्पेंस का ऐसा तड़का लगाया गया है कि दर्शकों को एकदम नया अनुभव मिला है। साथ ही करीना कपूर ने जसमीत की भूमिका में जान डाल दी है। जिसके बाद दर्शकों को एकदम फ्रेश कहानी का अनुभव मिला है। 

फिल्म की कहानी शुरुआत में काफी धीमी गति से आगे बढ़ती जाती है। मगर दर्शकों की बेचैनी भी कुछ नहीं होती। फिल्म को विदेशी बैकग्राउंड में दिखाया गया है। जिसमें धार्मिक मुद्दे, पारिवारिक रिश्ते और घरेलू हिंसा का सटीक उदाहरण देखने को मिला है।

फिल्म के डायरेक्शन में कोई खास कमी नजर नहीं आई। हर एक चीज को बारीकी से दिखाने का प्रयास किया गया है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक सीधें रूप से दर्शकों के सस्पेंस को बढ़ावा देता है। साथ ही सिनेमैटिक पर खास मेहनत की गई है। जो एम्मा डेल्समैन की देन है।

अभिनय

असल मायनों में कलाकारों के दमदार अभिनय ने ही फिल्म को साकार बनाया है। 40 साल की अधेड़ उम्र की महिला के किरदार में करीना कपूर खान ने जान डाल दी है। यह महिला अपने कलेजे के टुकड़े यानी बच्चे को खोने का दुख भी झेल चुकी है। जिसकी एक्टिंग वाकई में दर्शकों के आंसू बहा देती है। अपने फर्ज, तनावपूर्ण माहौल और बच्चे को खोने के दुख को एक पल्लू में सिमेटते हुए करीना कपूर दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। दूसरी ओर रणवीर ने भी पुलिस अधिकारी की भूमिका को जीवंत कर दिया है। सहायक कलाकारों ने भी अपने किरदार के उद्देश्य को पूरा किया है। कोई भी किरदार जबरन ठूंसा हुआ महसूस नहीं होता।

फिल्म देखें या नहीं

द बकिंघम मर्डर्स ना देखने का कोई ठोस कारण दूर-दूर तक नजर नहीं आता। अगर आपको सस्पेंस, क्राइम, इमोशनल और धार्मिक मुद्दों से जुड़ी फिल्में देखने का शौक है। तो यह सब कुछ एक ही फिल्म में आसानी से मिल सकता है। फिल्म को 8 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर भी रिलीज कर दिया गया है। यानी आप घर बैठे OTT पर भी फिल्म का आनंद उठा सकते हैं।

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