बिटकॉइन आज के समय मे लगभग 96 हजार डॉलर कि कीमत पर पहुंच गया है। पिछले 4 से 5 सालों में बिटकॉइन ने जबरदस्त तेजी दिखाई है। जिससे लाखों बिटकॉइ निवेशक मालामाल हुए हैं। मगर दुनिया के कई निवेशक ऐसे भी है, जो बिटकॉइन से करोड़पति तो बन गए। मगर फिर भी उन्हें पैसा नहीं मिला। कुछ ऐसी ही कहानी है ब्रिटेन के जेम्स हॉवेल्स की। जिनके पास लगभग 6000 करोड़ के बिटकॉइन तो है, मगर जिस हार्ड ड्राइव में बिटकॉइन के कोड है, वह 1 लाख टन किलो कचरे के नीचे दबी है। जेम्स हॉवेल्स ने साल 2009 में लगभग 8000 बिटकॉइन की माइनिंग की थी। मगर अब वह हार्ड डिस्क हो चुकी है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला? और आखिर यह बड़ी मिस्टेक कैसे हुई।
6 हजार करोड़ के बिटकॉइन कचरें में
जेम्स हॉवेल्स कहते हैं कि उन्होंने साल 2009 में लगभग 8000 बिटकॉइन माइन किये थे और उनके कोड को एक हार्ड ड्राइव में सुरक्षित रखा था। मगर जेम्स हॉवेल्स की प्रेमिका हाफिना एडी इवांस ने वह हार्ड ड्राइव कचरे में फेंक दी। हाफिन ने अनजाने में यह बड़ी गलती कर दी।
इस कचरे को ब्रिटेन के न्यूपोर्ट के लैंडफिल में डंप किया गया था। जहां अब तक लगभग एक लाख टन किलो से भी ज्यादा कचरा डाला जा चुका है। मतलब बिटकॉइन कोड वाली हार्ड ड्राइव को फिर से हासिल करने के लिए लगभग 1 लाख टन कचरें को उथल-पुथल करना होगा। जो एक मुश्किल काम है। साथ ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया से भी गुजरना होगा। बावजूद इसके यह कहना मुश्किल होगा कि वह हार्ड ड्राइव फिर से मिल सकेगी। क्योंकि इतने सालों में हो सकता है हार्ड ड्राइव पूरी तरह से खराब हो गई हो।
हाफिन कहती है कि उसे बाद में पता चला कि उसने कूड़े में वह हार्ड ड्राइव भी फेंक दी है। जिसमें क्रिप्टो कोड थे। वह चाहती है कि अब कैसे-जैसे वह हार्ड ड्राइव मिल जाए। ताकि हॉवेल उसके बारे में बात करना बंद कर दें। क्योंकि इस हादसे के कारण दोनों की ही मानसिक स्थिति पर काफी बुरा असर पड़ा है।
सरकार का दरवाजा खटखटाया
हॉवेल्स ने कई बार न्यूपोर्ट सिटी काउंसिल के दफ्तर जाकर लैंडफिल की खुदाई करने की अनुमति मांगी है। मगर पर्यावरण को होने वाले नुकसान का हवाला देकर उसकी अपील को हर बार खारिज कर दिया जाता है। इसके बाद हॉवेल्स ने न्यूपोर्ट सिटी काउंसिल के खिलाफ यह आरोप लगाते हुए 4,900 करोड़ का मुकदमा दायर किया है, कि वह उसे लैंडफिल में दबी अपनी हार्ड ड्राइव तक पहुंचने से रोक रहे हैं।
हॉवेल्स का कहना है कि अगर बिटकॉइन वाली हार्ड ड्राइव मिल जाती है और सफलतापूर्वक बिटकॉइन रिकवर कर लिए जाते हैं, तो वह अपनी पूरी प्रॉपर्टी का 10% हिस्सा ब्रिटेन सरकार को डेवलपमेंट के लिए डोनेट करेगा। हालांकि हॉवेल्स कि यह कानूनी लड़ाई जारी है और दिसंबर में इस पर फैसला होगा।
इससे पहले भी ऐसे कई मामले आ चुके हैं जिसमें कई बिटकॉइन धारकों ने पासवर्ड भूलने या हार्ड ड्राइव लापता होने से अपना करोड़ों-अरबों रुपयों का नुकसान करवाया है। अमेरिका के डेवलपर स्टीफन थॉमस लगभग 7002 बिटकॉइन एक इंक्रिप्शन डिवाइस में सुरक्षित रखकर उसका पासवर्ड भूल गए थे। इस इंक्रिप्शन डिवाइस को अनलॉक करने के लिए अधिकतम 10 बार प्रयास किया जा सकता था। थॉमस सही पासवर्ड लगाने की आठ बार नाकाम कोशिश करने के बाद रुक गए और एक्सपर्ट की मदद ली। लगभग 2 साल बाद वे इस इंक्रिप्शन डिवाइस को खोलने में सफल रहे और बिटकॉइन रिकवर कर लिए गए। जिनकी आज के समय में कीमत करोड़ों में है।
ट्रंप सरकार बनते ही बिटकॉइन में 30% की तेजी आई
डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद क्रिप्टो बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। जिसके साथ बिटकॉइन में लगभग 30% का उछाल आया है। अब बिटकॉइन भारतीय मुद्रा में लगभग 81 लाख रुपए पर पहुंच गई है।