धुरंधर फिल्म के रिलीज होते ही एक ऐसा नाम जिसने थियेटर्स में बैठी भीड़ को पहली ही एंट्री में चुप कर दिया वह है अक्षय खन्ना। रहमान डकैत के किरदार में अक्षय खन्ना ने थियेटर में आग लगा दी। उनकी एंट्री किसी सिनेमैटिक झटके से कम नहीं थी। अरबी बीट पर फिल्माया गया उनका वायरल इंट्रो गाना सोशल मीडिया पर जबरदस्त धमाल मचा रहा है। लोग इसकी धुन पर खुद को झूमने से रोक नहीं पा रहे हैं। कई बार अक्षय खन्ना ने फिल्म के हीरो को भी कड़ी टक्कर दी है। लीड रोल में रणवीर सिंह भी विलेन के आगे कमजोर पड़ते दिखे हैं। चलिए धुरंधर फिल्म के बाद अक्षय खन्ना का जो ऑरा सोशल मीडिया पर बना है उसके बारे में चर्चा करते हैं।
अक्षय खन्ना का ऑरा क्या है?
अक्षय खन्ना का ऑरा हमेशा अनोखा रहा है। कम बोलने वाला, तीखे एक्सप्रेशन वाला और स्क्रीन पर आते ही माहौल बदल देने वाला यह अभिनेता धुरंधर के बाद और भी जबरदस्त छा गया है। उनकी आंखों में एक शांति जरूर दिखती है, लेकिन वह अगले ही पल में खतरनाक मंजर में बदल जाती है। जो उन्हें दूसरे विलेन से कहीं ऊपर ले जाती है। रहमान डकैत के रूप में भी उनकी परफॉर्मेंस कुछ ऐसी ही थी। जिसे देखकर दर्शक खुद ब खुद साइड बदलकर विलेन की टीम में खड़े हो जाते हैं। यही हैं अक्षय खन्ना का असली ऑरा। जहां नेगेटिव किरदार भी ग्लो कर गया और लोग हीरो के बजाय विलेन की चर्चा करने लगे हैं।
विलेन बनकर भी लूट ली लाइमलाइट
वैसे तो हर फिल्म में सबसे ज्यादा चर्चा अगर किसी की होती है तो वह हीरो की ही। लेकिन धुरंधर के मामले में फैंस के सुर बदलते दिखे हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण है अक्षय खन्ना की साइलेंट आइडेंटिटी। जो बिना चिल्लाए और बिना ओवरएक्टिंग के भी डर पैदा कर देते हैं। उनके चेहरे के एक्सप्रेशन और दमदार परफॉर्मेंस दर्शकों को ऐसा फील कराती है जैसे वह खुद फिल्म का हिस्सा थे।
धुरंधर में अक्षय खन्ना के ऑरा का कमाल
साइकोलॉजी के मुताबिक दर्शक ऐसे विलेन को ज्यादा पसंद करते हैं जो हथियारों से नहीं बल्कि दिमाग से खेलते हैं। हर कदम पर एक नई चाल दशकों में सस्पेंस उत्पन्न करती है। जिससे दर्शक फिल्म को बीच में छोड़ नहीं पाते। धुरंधर फिल्म में भी अक्षय खन्ना का किरदार कुछ इसी कैटेगरी का था। वह स्मार्ट शांत शातिर और हीरो से दो कदम आगे रहकर अपना किरदार जी रहे थे। जो दर्शकों को ऐसा फील कराता हैं जैसे वही पूरी फिल्म की कहानी को कंट्रोल कर रहे हैं। जिससे दर्शकों में एक अलग ही आकर्षण पैदा होता है। कुल मिलाकर अक्षय खन्ना ने फिल्म में जो किरदार जिया है उसका एक अलग ही ऑरा बन गया है।
हीरो छोड़ विलेन के बने फैन
यह बात मानने से कोई गुरेज नहीं की रणवीर सिंह ने अपने किरदार को पूरी शिद्दत से निभाया है। मगर फिर भी फिल्म में कई बार एक्टिंग और परफॉर्मेंस के मामले में अक्षय खन्ना हीरो से दो कदम आगे निकल गए। उनकी स्क्रीन प्रेजेंस में एक ऐसी ऊर्जा दिखती है जो दर्शकों को फिल्मी दुनिया और हकीकत की दुनिया के बीच के अंतर को खत्म कर देती है। धुरंधर में यह अंतर साफ दिखता है कि एक्टिंग केवल डायलॉग चेहरे के एक्सप्रेशन और बॉडी लैंग्वेज का ही तालमेल बिठाना नहीं है। बल्कि एक्टिंग वह है जो दर्शकों की आंखों को एक्टिंग ना लगकर हकीकत लगे। अक्षय खन्ना की इसी दमदार परफॉर्मेंस के चलते लोग हीरो के बजाय की ज्यादा चर्चा कर रहे हैं।












