एक गरीब लड़की से Bollywood की सबसे मशहूर Choreographer बनने की कहानी.. जानिए निर्मला सिंह उर्फ़ सरोज खान के जीवन से जुड़े अनसुने किस्से

By: महेश चौधरी

Last Update: June 1, 2025 11:12 AM

saroj khan
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फेमस कोरियोग्राफर सरोज खान भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया था। उन्होंने न सिर्फ डांस की परिभाषा बदली, बल्कि अपनी जबरदस्त कोरियोग्राफी से कई कलाकारों को रात-रात स्टार भी बनाया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरोज खान का असली नाम निर्मला सिंह था, उन्होंने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपनाया था. चलिए जानते हैं सरोज खान उर्फ निर्मला सिंह कौन थी और उन्होंने कैसे फिल्म इंडस्ट्री में इतना बड़ा मुकाम हासिल किया था।

कौन हैं निर्मला सिंह उर्फ़ सरोज खान

दिव्यंगत सरोज का जन्म 22 नवंबर 1948 को बॉम्बे (मुंबई) में हुआ था। उनका असली नाम निर्मला नागपाल (या निर्मला सिंह) है। पंजाबी हिन्दू परिवार में जन्मी निर्मला सिंह के माता-पिता भारत-पाक विभाजन के समय भारत आकर यही बस गए. आर्थिक हालात कमजोर होने के कारण महज 3 साल की उम्र से ही निर्मला ने फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करना शुरू कर दिया था। 13 साल की उम्र में उन्होंने मशहूर डांस मास्टर सोहनलाल से डांस की ट्रेनिंग ली और फिर उनसे ही शादी कर ली। और एक नई जीवन की शुरुआत की।

कैसे बनी निर्मला सिंह से सरोज खान

सरोज ने बहुत कम उम्र में जिंदगी के कई उतार-चढ़ाव देखे। सोहनलाल से शादी के बाद उन्हें एहसास हुआ कि समाज और रिश्तो की सच्चाई क्या होती है। उन्होंने अपने पति के साथ धार्मिक सामानता महसूस करने और पारिवारिक कारणों के चलते इस्लाम धर्म को अपना लिया। और अपना नाम निर्मला सिंह से बदलकर सरोज रख लिया। हालांकि उन्होंने धर्म परिवर्तन को धर्म प्रचार का हिस्सा नहीं बनने दिया और हमेशा अपनी कला के जरिए ही अपनी पहचान करवाई।

शादी के 1 साल बाद सरोज खान ने एक बेटे राजू खान को जन्म दिया। इस दौरान सरोज को सोहनलाल की पहली शादी के बारे में जानकारी हुई। जिससे वह पूरी तरह से टूट गई। साल 1965 में सरोज ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। मगर इस बच्चे की मौत हो गई। उसके बाद सोहनलाल ने सरोज और उसके बच्चे राजू खान को अपनाने से इनकार कर दिया। जिससे सरोज को बड़ा झटका लगा।

कोरियोग्राफी की दुनिया में बड़ा नाम कमाया

लंबे समय तक बैकग्राउंड डांसर के रूप में काम करने के बाद सरोज खान ने असिस्टेंट कोरियोग्राफर के तौर पर अपने कोरियोग्राफी करियर की शुरुआत की। कई सालों तक असिस्टेंट कोरियोग्राफर रहने के बाद उन्होंने साल 1974 में गीता मेरा नाम फिल्म से स्वतंत्र कोरियोग्राफर के तौर पर अपने करियर को एक नया मोड़ दिया। 

सरोज को कोरियोग्राफी के क्षेत्र में सबसे पहली बड़ी सफलता मिस्टर इंडिया फिल्म में श्रीदेवी के ऊपर फिल्माए गए हिट गाने “हवा हवाई” से मिली। इस जबरदस्त कोरियोग्राफी ने पुरी फिल्म इंडस्ट्री में सरोज खान का नाम गुंजा दिया। इसके बाद देवदास, शृंगारम,जब भी मेट और मौसम जैसी फिल्मों में कोरियोग्राफी कर सरोज ने काफी बड़ा नाम कमाया। 

200 से ज्यादा फिल्मों में कोरियोग्राफी की

सरोज खान ने अपने कोरियोग्राफी के सफर में लगभग 200 से ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम किया है। साथ ही कई अदाकाराओं को डांस की ट्रेनिंग भी दी है। बॉलीवुड की धक धक गर्ल माधुरी दीक्षित सरोज की सबसे प्रिय स्टूडेंट थी। एक लंबे सफर के बाद साल 2020 में सरोज ने 72 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने के कारण इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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