पिछले 4 और 5 दिसंबर 2025 को हुए 23वें इंडिया रसिया एनुअल सबमिट (भारत रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन) में भारत और रूस के बीच के रिश्तों को नई ऊर्जा दी गई है। मौके पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़े और महत्वपूर्ण समझौता पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। भारत रूस के नए व्यापारिक समझौतों ने अमेरिका और चीन को बेचैनी में डाल दिया है। चलिए जानते हैं भारत और उसके बीच क्या व्यापारिक समझौते हुए हैं।
भारत और रूस के बीच खास समझौते
रूस और भारत के बीच की रणनीति साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ कि यह बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण समझौतों पर मौहर लगाने का काम करी है। इसमें एक या दो नहीं बल्कि कई तरह के समझौते हुए हैं। जो दोनों देशों के बीच के संबंधों को और ज्यादा मजबूती देंगे। इसका फायदा राजनीतिक व्यापारिक, तकनीकी, चिकित्सा और विज्ञान सभी क्षेत्रों में होगा। इससे पहले भारत और रूस मुख्य रूप से केवल हथियार तेल और विमानों की ही साझेदारी कर रहे थे। अब शिक्षा विज्ञान मीडिया और अन्य दूसरे क्षेत्रों में भी साझेदारी होगी।
- भारत के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय तथा रूसी संघ के समुद्री बोर्ड के बीच सहयोग पर एक नया समझौता किया गया है। जिसका उद्देश्य नौ-वहन क्षमताओं और समुद्री संपर्क को मजबूत करना है। जिससे समुद्री व्यापार को मजबूती मिले।
- ध्रुवीय जल क्षेत्रों में काम करने वाले जहाजों के विशेषज्ञों के प्रशिक्षण के लिए भारत के बंदरगाह जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय और रूस के परिवहन मंत्रालय के बीच एक MoU पर हस्ताक्षर किया गया है।
- भारत और रूम की मीडिया के बीच पार्टनरशिप को मजबूत करने के लिए प्रसार भारती और बिग एशिया मीडिया ग्रुप के बीच प्रसारण एवं सहयोग के लिए समझौता हस्ताक्षर हुआ है।
- संयुक्त शैक्षणिक और वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने के लिए रक्षा उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान, पुणे और नेशनल टॉम्स्क स्टेट यूनिवर्सिटी (रूस) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है।
- डाक और लॉजिस्टिक को तेज और आसान बनाने के लिए भारत के डाक विभाग और रसिया पोस्ट के बीच द्विपक्षीय करार किया गया है।
- जेएससी यूरालकेम और भारत की नेशनल केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और इंडियन पोटाश लिमिटेड के बीच उर्वरक उत्पादन तथा आपूर्ति में सहयोग के लिए एक बड़ा MoU किया गया है.
- दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने और मीडिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रसार भारती और नेशनल मीडिया ग्रुप के बीच ब्रॉडकास्टिंग और कंटेंट एक्सचेंज का भी एक अतिरिक्त समझौता किया गया है।
- माल और वाहनों के मूवमेंट से जुड़ी जानकारी को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाए रखने के लिए भारतीय केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड और रूसी संघ की संघीय सीमा शुल्क सेवा के बीच खास प्रोटोकॉल स्थापित किया गया है।
- दोनों देशों के श्रमिकों को एक दूसरे देश में काम करने के अवसर देने और कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत और रूस के बीच अस्थाई श्रम गतिविधियों के लिए समझौता किया गया है।
- स्वास्थ्य सेवा, वैज्ञानिक अनुसंधान और चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय जबकि रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच सहयोग समझौता किया गया है।
- भारत के उपभोक्ता अधिकार संरक्षण और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में साझेदारी के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण तथा रूस की फेडरल सर्विस फॉर सर्विलांस ऑन कंज्यूमर राइट्स प्रोटेक्शन के बीच समझौता हुआ।
- अनियमित प्रवासन और अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसी के बीच सूचना साझा करने के लिए भारत और रूस ने एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। जो दोनों देशों की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूती देंगे है।
- भारत की प्रसार भारती और रूस की गज़प्रोम-मीडिया होल्डिंग के बीच मीडिया उत्पादन और प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग के लिए नया समझौता हुआ।
- मुंबई विश्वविद्यालय, लोमोनोसोव मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी, और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष के बीच शिक्षा, आविष्कार और शोध-विकास क्षेत्र में साझेदारी के लिए त्रिपक्षीय समझौता किया गया।
- प्रसार भारती और ANO “TV-Novosti” के बीच पहले से मौजूद मीडिया सहयोग समझौते में एक मुख्य विषय और जोड़ा गया, ताकि कंटेंट एक्सचेंज और संयुक्त प्रोग्राम निर्माण का दायरा और व्यापक हो सके।
अमेरिका और चीन की बड़ी टेंशन
भारत और रूस के बीच हो रहे समझौते ने अमेरिका और चीन जैसे दिग्गज देशों की भी टेंशन बढ़ा दी है। भारत ने रूस से सीधे रूप से तेल का आयात शुरू कर दिया था। जिसके बाद अमेरिका ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था। अगर भारत और रूस के बीच का संबंध लगातार मजबूत होते रहे तो भारत अमेरिका और चीन से अपनी निर्भरता खत्म कर लेगा। जो अमेरिका-चीन किसी भी हाल में नहीं चाहते। दूसरी और एस जयशंकर ने पुतिन के दौरे से भारत और अमेरिका के रिश्तों पर पड़ने वाले नकारात्मक का असर पर भी अपना तर्क दिया है। एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका या रूस के साथ हो रहे व्यापारिक समझौता पर भारत अपने किसानों, छोटे व्यापारियों, मज़दूरों और मध्यम वर्ग के लोगों के हितों की पूरी रक्षा करेगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौतों पर बातचीत 10 दिसंबर से शुरू हो सकती है। मौजूदा समय में भारत और अमेरिका के बीच सालाना 191 अरब डॉलर का व्यापार हो रहा है। जिसे 2030 तक 500 अरब डालर तक ले जाने का लक्ष्य रखा जा सकता है।












