Water Strike on Pakistan: क्या है 1960 की सिंधु जल संधि ? जो बनी हुई है पाकिस्तान की जीवनधारा

By: महेश चौधरी

On: Thursday, April 24, 2025 1:10 PM

Water Strike on Pakistan
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Water Strike on Pakistan: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को तोड़ते हुए पाकिस्तान में जाने वाले पानी को रोक दिया है। इस पानी से पाकिस्तान की लाखों एकड़ जमीन पर सिंचाई होती है। यह पानी पाकिस्तान के लिए बेहद जरूरी है। मोदी सरकार की इस कार्यवाही को वाटर स्ट्राइक का नाम दिया जा रहा है। चलिए जानते हैं 1960 सिंधु जल संधि क्या है? और यह कैसे पाकिस्तान के लिए जीवनधारा बनी हुई है।

क्या है 1960 की सिंधु जल संधि

ब्रिटिश शासन के दौरान दक्षिण पंजाब में सिंधु नदी घाटी पर एक बहुत बड़ी नहर का निर्माण किया गया। जिससे यहां के पूरे इलाके में सिंचाई और पेयजल की व्यवस्था हुई। मगर 1947 में भारत-पाक बंटवारे के दौरान पंजाब विभाजन के साथ ही सिंधु नदी घाटी और यहां की बड़ी-बड़ी नहरों का भी विभाजन किया गया। मगर फिर भी पाकिस्तान इनसे मिलने वाले पानी को हासिल करने के लिए पूरी तरह से भारत पर निर्भर हो गया।

बंटवारे से पहले तय हुआ की भारत 31 मार्च 1948 तक पाकिस्तान की जलापूर्ति को जारी रखेगा। मगर 1 अप्रैल 1948 तक इस पर कोई नया फैसला नहीं हुआ तो भारत ने दो बड़ी नहरों का पानी रोक दिया। जिसके चलते पाकिस्तान की लगभग 17 लाख एकड़ जमीन बंजर होने लगी। मजबूरन पाकिस्तान को एक बार फिर पानी के लिए भारत को गुहार लगानी पड़ी और भारत ने समझौते के बाद जलापूर्ति शुरू कर दी।

कई सालों तक इस पानी को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चहल-पहल होती रही और आखिर में 19 सितंबर 1960 को पंडित जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए।

पाकिस्तान के लिए बेहद जरूरी 

what is 1960 Indus Water Treaty
Image : Indus Water Treaty | Credit : Khabardaari.com

1960 की सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) के तहत सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का जल पाकिस्तान को और रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का जल भारत को दिया गया। भारत को पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) का 80% से अधिक पानी उपयोग करने की अनुमति है, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चेनाब) का लगभग 80% पानी मिलता है।

अगर किसी भी वजह से भारत इस पानी को पाकिस्तान में बहने से रोकता है तो पाकिस्तान की सिंचाई व्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ेगा। साथ ही पेयजल में भी कमी आएगी पाकिस्तान खेती और पीने के पानी की किल्लत से गुजरेगा।

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