काफी हसमुख और सावली सलोनी अभिनेत्री काजल किरण 70 के दशक में काफी सुर्खी में रही। उनकी सुंदरता और पहली ही हिट फिल्म के चर्चे अखबारों की हेडलाइन बने। जिनका न ही फिल्मी बैकग्राउंड था और न ही किसी बड़े डायरेक्टर तक पहुंच। मगर उनके अदाकारी और कला का हर कोई मुरीद बना। लेकिन काजल किरण अपना यह स्टारडम सस्टेन ना कर सकी और धीरे-धीरे करके न सिर्फ़ बॉलीवुड के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक रहस्य बनकर रह गई।
नासिर हुसैन की वजह बर्बाद हुआ फिल्मी करियर
नासिर हुसैन ने काजल किरण के साथ 3 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। जिसके कारण उन्हें 3 साल तक किसी दूसरी फिल्म में काम करने से वंचित किया गया। इसकी जानकारी सभी फिल्म मेकर्स को थी। जिसके कारण उन्होंने काजल को संपर्क नहीं किया और “बालिका वधू” और “अंखियों के झरोखे” जैसी कई हिट फिल्में अभिनेत्री के हाथ से निकल गई।
कॉन्ट्रैक्ट की अवधि पूरी होने के बाद 1980 के दशक में उन्होंने “अबकी बरस सावन” में गीता सिंह की भूमिका निभाई। जिसमें मौसमी चटर्जी और रेखा भी नजर आई। यह फिल्म भी बड़ी हिट साबित हुई। यह फिल्म साल की आठवीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई।
इसके बाद काजल किरण हॉरर फिल्म सबूत में नजर आई। यह एक फ्लोप फिल्म साबित हुई। इस फिल्म के बाद दर्शकों और एक्सपर्ट्स ने काजल को इस प्रकार की फिल्में न करने की सलाह दी। मगर उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया।
इसके बाद काजल “मोर्चा” में गीत “अबकी बरस सावन” में एक डांसर की भूमिका में नजर आई। जो दर्शकों को काफी इंप्रेस करता है. 1981 में एक जासूस थ्रिलर फिल्म वारदात में उनकी भूमिका मिथुन चक्रवर्ती की नायिका के रूप में सामने आई। जिसमें उनका अभिनय दर्शकों पर कोई खास प्रभाव नहीं डालता।
करियर को आगे बढ़ाते हुए अभिनेत्री ने हमसे बढ़कर कौन, हमसे है जमाना, दीवाने, राजू दादा, कुर्बानी रंग लाएगी जैसी फिल्मों से दर्शकों का दिल जीतने की कोशिश की मगर वह सफल न हो सकी। उनकी बैक टू बैक कई फिल्में फ्लॉप साबित हुई।
अभिनेत्री काजल किरण
अभिनेत्री काजल किरण का जन्म 18 अक्टूबर 1958 को मुंबई में हुआ था। इनका मूल नाम सुनीता कुलकर्णी था । मगर फिल्मों में आने के साथ ही इन्होंने अपना नाम बदलकर काजल किरण रख लिया। इसी नाम से ये पहचानी जाने लगी। यह महाराष्ट्रीयन मिडिल क्लास फैमिली से तालुकात रखती थी। बता दे, काजल किरण के परिवार और निजी जानकारी के बारे में बहुत कुछ पता नहीं है और जो जानकारी मिलती भी है। वह पुख्ता नहीं है। किरण ने अपनी निजी और पारिवारिक जानकारी को काफी किक्रेट रखा है। यहां तक की उनके करीबी दोस्तों को भी काफी कम जानकारी है।
ऐसे मिली पहली फ़िल्म
उनके पिता चाहते थे कि सुनीता कुलकर्णी यानी काजल किरण पढ़-लिखकर एक डॉक्टर बने। मगर काजल का मन एक्टिंग में ज्यादा लगता था। वह बचपन से ही एक्ट्रेस बनना चाहती थी। उन्होंने स्कूली समय में अपने दोस्तों के कहने पर फोटोशूट करवा कर कास्टिंग डायरेक्टर्स के पास भेजना शुरू किया। कई स्टूडियो के चक्कर लगाए और कई फिल्म मेकर्स से मुलाकात हुई। मगर इसका कोई निचोड़ ना निकला।
स्ट्रगलिंग सफर के दौरान ही उनकी मुलाकात होती है, प्रसिद्ध डायरेक्टर नासिर हुसैन से। जिनको पहली ही मुलाकात में काजल किरण ने काफी इंप्रेस किया। उनका स्टाइलिस्ट अंदाज, आकर्षक आंखें और बात करने का तवज्जो फिल्म मेकर को भा गया। और नासिर हुसैन ने काजल को “हम किसी से काम नहीं” फिल्म के लिए साइन कर लिया।
पहली ही फिल्म हुई हिट
काजल किरण की पहली फिल्म “हम किसी से कम नहीं” ऋषि कपूर की नायिका के रूप में 1977 में पर्दे पर रिलीज की गई। यह फिल्म एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म थी। जो बड़ी हिट साबित हुई। पहली फिल्म ने काजल किरण को सुपरस्टार बना दिया। इसके बाद लोगों को लगा कि अब उन्हें कई बड़े बैनर्स की फिल्में ऑफर होगी। ऐसा हुआ भी मगर उसका काजल किरण फायदा ना उठा सकी।
काजल किरण का आखिरी संघर्ष
कई फिल्मों के फ्लॉप होने के बाद अभिनेत्री ने 1990 में फिल्मी करियर से मुंह मोड़ लिया और संन्यास लेकर इंडस्ट्री से दूर हो गई। इसके बाद उनकी कई फिल्में रिलीज होती रही। जिनमें उनकी आखिरी फिल्म “आखिरी संघर्ष” 1997 में रिलीज हुई। आखिरी संघर्ष उनके फिल्मी करियर को बचाने का आखिरी संघर्ष था। इसके बाद अभिनेत्री ने एक NTI से शादी कर ली। और नीदरलैंड में जाकर बस गई।
खबरों की माने तो उनके दो बच्चे हैं। मगर इसकी भी कोई सटीक जानकारी नहीं है। वह फिल्मी दुनिया से संन्यास लेने के बाद किसी भी पार्टी अथवा शो में नजर नहीं आई। उनका जीवन कई रहस्य से भरा है। वह मीडिया में कभी खुलकर सामने नहीं आई और ना ही उनके निजी दोस्तों को उसके बारे में कोई खास जानकारी पता है।