Khauf Season 1 Review: कमजोर दिल वाले भूलकर भी न देखें ये सीरीज, दिल-दिमाग में बैठ जायेगा डर और खौफ

By: महेश चौधरी

On: Saturday, April 19, 2025 11:23 AM

Khauf Season 1 Review In Hindi
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Khauf Season 1 हॉरर ड्रामा वेब सीरीज अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज कर दी गई है। इस सस्पेंस हॉरर ड्रामा सीरीज को 8 एपिसोड में तैयार किया गया है। जिसका प्रत्येक एपिसोड लगभग 40 से 45 मिनट के बीच रहने वाला है। सीरीज को काफी हटकर तरीके से तैयार किया गया है। जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। इसने हिंदी फिल्मों के कंटेंट को भी पूरी तरह पछाड़ दिया है। अगर आप भी खौफ वेब सीरीज सीजन 1 देखने की सोच रहे हैं तो आपको पहले Khauf Season 1 Review पढ़ लेने चाहिए।

क्या है Khauf Season 1 की खौफनाक कहानी

पंकज कुमार द्वारा निर्देशित खौफ वेब सीरीज में मोनिका पंवार, रजत कपूर और चुम दरंग मुख्य भूमिका में है. इनके आलावा शिल्पा शुक्ला, अभिषेक चौहान, गीतांजलि कुलकर्णी, रिया शुक्ला और प्रियंका सेतिया ने सहायक भूमिका निभाई है.

खौफ वेब सीरीज की कहानी मधु (मोनिका पंवार) के इर्द गिर्द घूमती है। जो ग्वालियर से दिल्ली शिफ्ट होती है। पैसे के अभाव में वह एक सस्ते होटल में एक महिला के साथ रहती है। मगर यह होटल पैरानॉर्मल एक्टिविटी से प्रभावित है। मधु के साथ पहले भी एक भयानक घटना हो चुकी है। जो अभी तक उसके दिमाग से नहीं निकली। मधु को उसकी सहेली से पता चलता है कि उसके होटल में कुछ रहस्यमई चीजे मौजूद है। जो उसे मार भी सकती है। मधु कुछ करती तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अब वह अपने आप को इस अदृश्य ताकत से कैसे बचाएगी और उसकी मदद कौन करेगा? यह तो आपको सीरीज देखकर ही पता चलेगा।

Khauf Season 1 Review 

सीरीज के डायरेक्टर पंकज कुमार ने इसे फिल्मी टोन से अलग रखते हुए अच्छा मसाला डाला है। जिस तरह फिल्मों में भूत छतों से उल्टे लटकते या सफेद कपड़ो में रात को घूमते दिखाया जाता है। वैसा सीरीज में कुछ नहीं है। सीरीज की शुरुआत थोड़ी स्लो जरूर होती है। मगर जैसे-जैसे कहानी जमती जाती है। दशकों में क्यूरियोसिटी उत्पन होती है। और दर्शक आखिरी तक बंधे रहते हैं।

सीरीज की सिनेमैटोग्राफी, लोकेशन चयन और बैकग्राउंड म्यूजिक काफी बेहतरीन है। जो दर्शकों को वाकई में खौफ का अनुभव करते हैं।

क्या कमी रह गई 

सीरीज की शुरुआत थोड़ी धीमी हुई है। शुरुआती 3 एपिसोड थोड़ी बोरियत महसूस कराते हैं। इसके अलावा सीरीज में कांस्टेबल इलू मिश्रा अपने लापता बेटे की खोज के साथ सब-प्लॉट बनाती है। जिससे सीरीज की मुख्य कहानी पटरी से उतरती है। असल में इलू मिश्रा के बेटे की लापता वाली कहानी इसमें पूरी तरह से बनावटी और बेस्वाद लगती है। इसके बिना भी सीरीज में कुछ खास असर नहीं पड़ता। बाकी सीरीज के आखिरी चार एपिसोड एकदम लाजवाब है।

खौफ वेब सीरीज देखें या नहीं

खौफ वेब सीरीज उन दर्शकों के लिए मनोरंजन का माध्यम है। जिन्हें हॉरर कंटेंट देखना ज्यादा पसंद है। हालांकि आपको शुरू में कहानी उलझी हुई जरूर लग सकती है। मगर एक बार पकड़ बनाने के बाद आखरी तक डेट रहोगे।

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