Machine Learning Course: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उद्भव इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है। जहां मशीन इंसानों की तरह सोचने समझने और किसी भी एक्शन को पूरा करने में सक्षम होती नजर आ रही है। जिसके पीछे मशीन लर्निंग की सबसे बड़ी भागीदारी है। मौजूदा समय में मशीन लर्निंग कोर्स की डिमांड भी काफी तेजी से बढ़ रही है। और आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग ही इंटरनेट का मूल आधार होगी। जिसके चलते इसमें जॉब अपॉर्चुनिटी बढ़ने के साथ-साथ हाई सैलेरी पैकेज भी देखने को मिलेगा। मशीन लर्निंग क्या है ? और इसे कैसे सीखा जा सकता है ? आईए इस बारे में डिटेल में जानकारी लेते हैं।
मशीन लर्निंग कोर्स क्या है?
मशीन लर्निंग एक ऐसा कारक होता है. जो मशीन को किसी भी ऑब्जेक्टिव को आईडेंटिफाई कराने में मदद करता है। यह उपलब्ध कराए गए मेटा-डाटा के आधार पर काम करता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी सॉफ्टवेयर को कैट का हुलिया और उसके बिहेवियर से जुड़ा डाटा उपलब्ध कराया जाता है, तो सॉफ्टवेयर में भविष्य में किसी भी ऑब्जेक्ट में बिल्ली जैसा बिहेवियर और उसके जैसा मिलता जुलता शारिरिक आकार मैच होता है, तो वह सॉफ्टवेयर उसकी पहचान बिल्ली के तौर पर करता है। मशीन लर्निंग में सॉफ्टवेयर को जितना ज्यादा डाटा उपलब्ध कराया जाता है। उसका परिणाम उतना ही बेहतर होता जाता है।
मशीन लर्निंग में उपलब्ध डाटा के आधार पर भी सॉफ्टवेयर खुद से सीखता है। उदाहरण के तौर पर यदि हमने सॉफ्टवेयर या कंप्यूटर को कुत्ते की फोटो और उसके बारे में कुछ जानकारी उपलब्ध कराई है। जिसे उसके पूछ होती है, चार पैर, कान आदि शारीरिक डाटा उपलब्ध कराया है। तो वह खुद से काफी कुछ सीखने की क्षमता डेवलप करेगा।
मशीन लर्निंग कोर्स की अवधि
Machine learning course शॉर्ट टर्म, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स के तौर पर किया जा सकता है। जिनकी अवधि अलग-अलग है। शॉर्ट टर्म में यह कोर्स 6 से 8 महीने में, जबकि डिप्लोमा करने पर 2 साल तक का समय लगता है। मशीन लर्निंग में डिग्री हासिल करने के लिए बैचलर या मास्टर डिग्री में मशीन लर्निंग को एक सब्जेक्ट के तौर पर चुना जाएगा।
मशीन लर्निंग सिलेबस
मशीन लर्निंग का पाठ्यक्रम काफी बड़ा है। जिसमें मुख्य रूप से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और एल्गोरिथम शामिल है। मशीन लर्निंग के पाठ्यक्रम का विवरण नीचे उपलब्ध कराया गया है।
- गणित: कैलकुलेशन, प्रोबेबिलिटी और लीनियर अलजेब्रा
- प्रोग्रामिंग: पाइथन, R (programming language)
- मशीन लर्निंग एल्गोरिदम: रीइन्फोर्समेंट लर्निंग, सुपरवाइज्ड लर्निंग और अनसुपरवाइज्ड लर्निंग
- डेटा साइंस: डेटा ट्रांसफॉर्मेशन, डेटा क्लीनिंग और डेटा विज़ुअलाइज़ेशन
- डीप लर्निंग: न्यूरल नेटवर्क, डीप लर्निंग फ्रेमवर्क (TensorFlow, PyTorch) आदि
मशीन लर्निंग कोर्स फीस
मशीन लर्निंग कोर्स शॉर्ट टर्म में करने पर इसकी फीस 60 हज़ार से 80 हज़ार तक रहती है। जबकि डिप्लोमा कोर्स 1.3 लाख और डिग्री कोर्स की फीस 2 लाख तक पहुंचती है। हालांकि मशीन लर्निंग कोर्स की फीस संस्थान द्वारा दी जाने वाली फैसिलिटी पर भी निर्भर करती है। मगर यह कोर्स ऑनलाइन माध्यम से 30 से 35 हज़ार में आसानी से किया जा सकता है।
मशीन लर्निंग की बढ़ती डिमांड
वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी में काफी मेजर चेंजेज देखने को मिल रहे हैं। जिसके चलते मशीन लर्निंग इंजीनियर की काफी ज्यादा डिमांड बढ़ रही है। हर कंपनी अपने प्रोजेक्ट में एआई और मशीन लर्निंग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। ऐसी स्थिति में अगर आप मशीन लर्निंग सीखकर अपना करियर शुरू करते हैं, तो यह एक फायदेमंद कदम साबित होगा। एक मशीन लर्निंग इंजीनियर को किसी एआई सॉफ्टवेयर या ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर के माध्यम से रिप्लेस करना लगभग नामुमकिन है। जो यह सुनिश्चित करता है, कि भविष्य में आपकी जॉब सुरक्षित होगी।
मशीन लर्निंग इंजीनियर सैलरी और जॉब रोल
मशीन लर्निंग इंजीनियर की सैलरी उसके अनुभव और स्किल पर निर्भर करती है। भारत में एक मशीन लर्निंग इंजीनियर की सालाना सैलरी 5 लाख से 10 लाख तक शुरुआती रहती है। जिसकी किसी भी कंपनी में भूमिका एक मशीन लर्निंग इंजीनियर, डाटा साइंटिस्ट, AI रिसर्चर और डाटा एनालिसिस के तौर पर देखने को मिलती है।