थंडेल फिल्म रिव्यू: नागा चैतन्य और साईं पल्लवी स्टारर फिल्म थंडेल आज 7 फरवरी को थियेटर्स में रिलीज कर दी गई है। फिल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने वाले दर्शकों की ओर से फिल्म के रिव्यू मिल चुके हैं। अगर आप भी यह फिल्म देखना चाहते हैं तो आपको आवश्यक रूप से पहले इसके रिव्यू पर लेने चाहिए। चलिए थंडेल फिल्म रिव्यू जानते हैं।
फिल्म की कास्ट और क्रू
“थंडेल” में नागा चैतन्य और साई पल्लवी मुख्य भूमिकाओं में हैं। इनके अलावा प्रकाश बेलावाड़ी, राव रमेश, करुणाकरण, बब्लू पृथ्वीराज, कल्पा लता और कल्याणी नटराजन जैसे अनुभवी कलाकार भी फिल्म का हिस्सा बने हैं। गीता आर्ट्स के बैनर तले बनी इस फिल्म का डायरेक्शन कार्तिकेय फेम चंदू मोंडेती ने किया है।
थंडेल फिल्म की कहानी
थंडेल की कहानी मछुआरों के एक छोटे से गांव के एक मछुवारें श्रीकाकुलम के संघर्ष पर आधारित है, जो मछली पकड़ने के दौरान गलती से पाकिस्तानी जलक्षेत्र में पहुँच जाता है. जहाँ उसका सामना भयानक समुद्री लहरों से होता है। वह अपने आप को इस भयानक स्थिति से निकालने के लिए जो कठिन संघर्ष से करता है और कैसे-जैसे अपनी जान बचाकर बाहर निकलता है। वही सब कुछ इस फिल्म में दिखाया गया है। जिसमें प्रेम साहस और देशभक्ति भावनाओं का तड़का लगाया गया है।
थंडेल फिल्म रिव्यू
फिल्म अपने ट्रेलर के जरिए ही काफी चर्चा में आ गई थी। ट्रेलर देख दर्शकों में काफी ज्यादा उत्सुकता जाग उठी। मगर वह सब कुछ थियेटर्स में धरी की धरी रह गई। फिल्म का डायरेक्शन काफी कमजोर हुआ है। हालांकि सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक काफी बेहतरीन है। फिल्म का फर्स्ट हाफ पूरा होने तक भी फिल्म की कहानी और किरदार अपना अपना मोर्चा संभालने में नाकाम रहे।
इंटरवल के बाद फिल्म में बड़ा ट्वीट आता है और दर्शकों का शानदार मनोरंजन होता है। फिल्म की आखिरी 20 से 25 मिनट की अवधि दर्शकों को सबसे ज्यादा पसंद आई है। जिसमें जबरदस्त सस्पेंस ड्रामा और बहादुरी दिखाई गई है।
क्या कमी रह गई
- धीमी गति: फिल्म का पहला भाग काफी धीमा है, और कहानी प्री-इंटरवल तक ज्यादा आगे नहीं बढ़ती।
- लेखन: भारत-पाकिस्तान वाला पूरा दृश्य बनावटी लगता है, जिसके चलते फिल्म की कहानी बिना किसी मुद्दे के लम्बी खींचती चली जाती है.
- कनेक्शन की कमी: दूसरी कहानियां और उपकथाएं (किरदार) दर्शकों से जुड़ने में असफल रहती हैं।
थंडेल फिल्म देखें या नहीं
अगर आप नागा चैतन्य और साई पल्लवी के फैन हैं या आपको रोमांटिक-ड्रामा और देशभक्ति से जुड़ी कहानियां पसंद हैं, तो थंडेल जरूर देख सकते हैं. हालांकि, धीमी गति और कहानी में मौजूद कुछ खामियों को नजरअंदाज करना होगा। फिल्म के इमोशनल सीन, शानदार गाने और लाजवाब अभिनय इसे एक बार देखने लायक बनाते हैं।