Costao Movie Review: भारत देश वीरों की धरती कहलाता है। जहां अपने देश के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगाने वाले वीरों की बिल्कुल भी कमी नहीं है। कुछ ऐसी ही कहानी है ZEE5 पर रिलीज हुई फिल्म कोस्टावा की। जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कस्टम ऑफिसर कॉस्ताव फर्नांडिस की भूमिका निभाई है। फिल्म को दशकों की ओर से खूब पसंद किया जा रहा है। चलिए Costao Movie Review और फिल्म से जुड़ी अन्य जानकारी पर चर्चा करते हैं.
Costao Movie Cast and Story
Costao Movie में नवाजुद्दीन सिद्दीकी (कॉस्ताव फर्नांडीस) और प्रिया बापट (मारिया फर्नांडीस) ने मुख्य भूमिका निभाई है. इनके आलावा किशोर कुमार जी (डी’मेलो), हुसैन दलाल (पीटर) और महिका शर्मा (कैसेंड्रा) जैसे कलाकर सहायक भूमिका में नजर आते हैं. फिल्म का डायरेक्शन सेजल शाह द्वारा किया गया है.
फिल्म की कहानी 90 के दशक से शुरू होती है। गोवा के समुद्र तट पर सोने की तस्करी हो रही है। जिसे रोकने के लिए कस्टम अधिकारी रेड मारते तो है। लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगता। इसी दौरान एक ईमानदार कस्टमर अधिकारी कॉस्ताव फर्नांडीस को लगभग 1500 किलो सोने की तस्करी की खबर मिलती है। जो भारत की अब तक की सबसे बड़ी सोने की तस्करी है।
इसे रोकने के लिए कॉस्ताव कार्यवाही तो करता है। मगर सोना गायब हो जाता है और कागजी कार्रवाई भी अटक जाती है। उसका सगा भाई पीटर मार दिया गया और कॉस्ताव पर भी हत्या का मुकदमा दर्ज हो जाता है। सब कुछ दांव पर लगाने के बावजूद कॉस्ताव खुद दलदल में फंस चुका है। अब वह इन सब मुसीबतों का कैसे सामना करेगा.. यह सब कुछ इस फिल्म में दिखाया गया है।
Costao Movie Review
डायरेक्टर सेजल शाह ने फिल्म का पूरा भार कस्टम ऑफिसर कॉस्ताव फर्नांडिस (नवाजुद्दीन) के कंधे पर डाल दिया। जिससे वह अपने किरदार को पूरी तरह से निभाने में असफल हुए। फिल्म की शुरुआत काफी जबरदस्त तरीके से होती है और दर्शकों की दिलचस्पी भी बढ़ती है। मगर जैसे-जैसे फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है, कमजोर पड़ी जाती है। असल में फिल्म का स्क्रीन प्ले और स्टोरी दोनों ही कमजोर है। जिसके चलते आखिरी तक दर्शकों का रुझान लगभग पूरी तरह से खत्म होने लगता है।
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक ठीक ठाक है। जो फिल्म की स्थिति पर जंचते तो हैं। हालांकि दर्शकों पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालने में असफल होते हैं।
कलाकारों का अभिनय कैसा है
नवाजुद्दीन सिद्दीकी सभी तरह के रोल निभाने के लिए जाने जाते हैं। मगर वह कॉस्ताव का अंदाज पकड़ने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुए हैं। हत्या का आरोपी बनने के बाद कॉस्ताव अपने आप को बचाने के लिए जो कुछ करते हैं। वह पूरी तरह से बनावटी लगता है।
दूसरी और प्रिया बापट ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी के रोल में अच्छा प्रदर्शन किया है। साथ ही गगन देव रियार और अन्य सहायक कलाकारों की भी भूमिका औसत रही।
फिल्म देखें या नहीं
अगर आप नवाजुद्दीन सिद्दीकी के कट्टर फैन है और देश भक्ति, बहादुरी और जज्बे को सलाम करती फिल्में देखने के शौकीन है तो आप यह फिल्म देख सकते हैं। हालांकि फिल्म की कमजोर कहानी आपको उबा सकती है।