Dadasaheb Phalke Biopic Film: भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में दादासाहेब फाल्के को पिता का दर्जा दिया गया है। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया। उनके सम्मान में भारत सरकार भी उनके नाम से कई बड़े फिल्म पुरस्कार देती है। मगर सबसे चौका देने वाली बात यह है कि अब तक हिंदी सिनेमा में बाला साहब फाल्के बायोपिक फिल्म (Dadasaheb Phalke Biopic Film) नहीं बनी। मगर अब यह शिकायत भी दूर होने वाली है। हाल ही में राजकुमार हिरानी ने दादा साहेब फाल्के बायोपिक फिल्म की घोषणा की है। जिसमें आमिर खान मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। चलिए इस पर विस्तार से जानकारी लेते हैं।
राजकुमार हिरानी बनायेंगे Dadasaheb Phalke Biopic Film
डायरेक्टर राजकुमार हिरानी और अभिनेता आमिर खान दोनों की जोड़ी में दंगल और पीके जैसी फिल्मों ने इंडियन बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की है। अब राजकुमार और आमिर एक बार फिर जलवा बिखेरने के लिए तैयार है। हाल ही में राजकुमारी हिरानी ने दादा साहेब फाल्के बायोपिक फिल्म (Dadasaheb Phalke Biopic Film) की घोषणा की है। फिल्म में आमिर खान दादा साहब फाल्के के किरदार में नजर आएंगे। जिसकी पुष्टि दादा साहब फाल्के के पोते चंद्रशेखर पुसालकर ने की है।
Dadasaheb Phalke Biopic Film की शूटिंग अक्टूबर 2025 में शुरू कर दी जाएगी। जिसके लिए वीएफएक्स स्टूडियो और एआई डिजाइन पहले से तैयार किया जा चुके हैं। फिल्म की कहानी पर पिछले 4 सालों से काम किया जा रहा था।
दादा साहब फाल्के के पोते ने दिया सुझाव
Dadasaheb Phalke के पोते चंद्रशेखर ने बताया कि उन्हें यह बात जानकर बहुत खुशी हुई कि उनके दादा पर बायोपिक फिल्म बन रही है। जो बहुत जरूरी भी थी। चंद्रशेखर कहते है कि फिल्म निर्माताओं को फाल्के के परिवार से जरूर बात करनी चाहिए। क्योंकि परिवार ही उनके बारे में असली और प्रभावशाली घटनाएं बता सकते हैं।
इसके साथ ही चंद्रशेखर ने सुझाव भी दिया कि दादा साहब फाल्के के जीवन में उनकी पत्नी का बहुत बड़ा योगदान है। जब भी दादा साहेब फाल्के के किरदार के साथ उनकी पत्नी के रोल की बात आती है तो इसके लिए विद्या बालन एकदम परफेक्ट विकल्प होगी। जो उनकी पत्नी के किरदार को अच्छे से जी सकती है। विद्या बालन की पर्सनैलिटी और एक्सप्रेशन इस रोल के लिए पूरी तरह से फिट बैठते हैं।
कौन थे दादा साहब फाल्के | Who is Dadasaheb Phalke
दादा साहब फाल्के, जिनका असली नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के था. जिनको भारतीय सिनेमा का जनक माना जाता हैं। उन्होंने 1913 में भारत की पहली फुल-लेंथ फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई थी। उनका योगदान भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की नींव रखने में महत्वपूर्ण रहा। उनके सम्मान में भारत सरकार ने उनके नाम पर “दादा साहब फाल्के पुरस्कार” शुरू किया, जो फिल्मों के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है। अब उनके जीवन पर बनाई जा रही फिल्म उनको पर्दे पर हमेशा के लिए अमर कर देगी।