लूट-डकैती और बेशकीमती चीजों की चोरी के बाद पुलिस और चोर के आधार वाली कहानियां फिल्म निर्माताओं का पहली चॉइस रही है। जिसमें ओसियन सीरीज, द इटालियन जॉब और मनी हाइस्ट जैसी विदेशी फिल्में और वेब सीरीज जबरदस्त सफल हुई है। इनके अलावा भारत में भी ज्वेल थीफ, आंखें और धूम फ्रेंचाइजी ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है।
अब इसी थीम में स्पेशल 26 के डायरेक्टर नीरज पांडे ने अपनी एक नई फिल्म सिकंदर का मुकद्दर पेश कि है। जो OTT पर रिलीज हो चुकी है। जिसकी रोमांचक कहानी और सस्पेंस दर्शकों को खूब पसंद आया है। अगर आप भी सिकंदर का मुकद्दर फिल्म देखना चाहते हैं तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानकारी लेते हैं।
सिकंदर का मुकद्दर फिल्म की कास्ट और क्रू
सिकंदर का मुकद्दर फिल्म में जिमी शेरगिल (जसविंदर सिंह), तमन्ना भाटिया (कामिनी सिंह), अविनाश तिवारी (सिकंदर शर्मा) और दिव्या दत्ता केंद्र भूमिका में है. फिल्म का डायरेक्शन नीरज पांडेय द्वारा किया गया है. जिसकी कहानी लक्ष्मीकांत शर्मा ने लिखी है।
सिकंदर का मुकद्दर फिल्म की कहानी क्या है?
फिल्म एक ऐसे पुलिस ऑफिसर की कहानी दिखाती है, जो किसी भी अपराध को घटनास्थल पर ही सुलझाने के लिए जाना जाता है। फिल्म में पांच बेशकीमती हीरो की चोरी होती है और इस पुलिस ऑफिसर (हरविंदर सिंह) को इस पूरी घटना का खुलासा करने का जिम्मा सौंपा जाता है। वह घटना स्थल पर पहुंचते हैं और तीन लोगों को चिन्हित करते हैं। ये तीन लोग कोई और नहीं बल्कि मंगेश देसाई (राजीव मेहता), इंजीनियर सिकंदर शर्मा (अविनाश तिवारी) और कामिनी सिंह (तमन्ना भाटिया) है।
हरविंदर सिंह को पूरा यकीन है कि हीरो की चोरी इन्हीं तीनों लोगों ने मिलकर की है। मगर जांच पड़ताल में वे यह साबित नहीं कर पाते और तीनों बरी हो जाते हैं। मगर हरविंदर सिंह इस पूरे मामले की तह तक जाने की ठान लेते हैं और काम पर लग जाते हैं।
15 साल बीत जाने के बावजूद हरविंदर ने इस केस का पीछा नहीं छोड़ा और निजी रूप से काम करते रहे। इस दौरान उन्हें अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा और पत्नी से भी दूर हो गये। वे पूरी तरह से कंगाल हो गए। मगर फिर भी उनकी यह राज जाने ने की सनक जरा भी कम नहीं हुई कि आखिर हीरो की चोरी किसने की है? और इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड कौन है? जो आपको भी फिल्म देखकर ही पता चलेगा।
सिकंदर का मुकद्दर फिल्म रिव्यू
फिल्म की कहानी की शुरुआत काफी रोमांचक अंदाज में होती है और काफी तेजी से पटरी पर आ जाती है। मगर 15 साल लंबे सफर के दौरान फिल्म डायरेक्टर कहानी को ठीक से फिल्माने में असफल रहे। जिससे कहानी का असर थोड़ा कमजोर पड़ गया। फिल्म में बहुत ट्विस्ट और टर्न आते हैं। जो दर्शकों को बांधे भी रखते हैं। मगर जिस तरह से रहस्यों से पर्दा उठता है। वह दर्शकों को ज्यादा चौंकते नहीं है।
डायरेक्टर यह दिखाने में असफल रहते हैं आखिर अपनी नौकरी और प्रोफेशनल जिंदगी के कारण हरविंदर की शादीशुदा जिंदगी पर क्या असर पड़ता है। ढाई घंटे लंबी फिल्म दर्शकों के मन में कई सवाल बिना जवाबों के छोड़ जाती है।
कलाकारों के अभिनय के मामले में शेरगिल ने अच्छी एक्टिंग की है और उनके साथ अविनाश तिवारी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। मगर तमन्ना भाटिया अपने किरदार के साथ अच्छा तालमेल बिठाने में असफल रही। बैकग्राउंड साउंड सस्पेंस बनाने की कोशिश तो करता है, मगर इसका असर ज्यादा देर तक नहीं रहता।
फिल्म देखें या नहीं
अगर आपको मनी हाइस्ट जैसी वेब सीरीज पसंद आती है, तो आपको सिकंदर का मुकद्दर फिल्म भी जरूर पसंद आएगी। फिल्म देखते समय आपको धूम फ्रेंचाइजी जरूर याद आएगी। हालांकि दोनों में एक बड़ा अंतर भी है। यह फिल्म आपको रोमांचक अनुभव कराएगी। जिसे आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।