Bihar Politics News: बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव होंगे। जिसको लेकर इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया ने मतदाताओं के लिए नई नीति का ऐलान किया है। जिसके मुताबिक चुनाव से पहले वोटर लिस्ट की विशेष जांच की जाएगी और केवल योग्य मतदाताओं को ही वोट करने का अधिकार मिलेगा। तेजस्वी यादव ने इस नई नीति को बीजेपी और इलेक्शन कमीशन की साठगांठ बताते हुए निशान साधा है। चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
तेजस्वी यादव ने साधा चुनाव आयोग पर निशाना
RJD के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीजेपी और इलेक्शन कमीशन पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन बीजेपी के दिशा-निर्देशों पर चल रहा है। इसलिए गरीबों से वो कागज माँगे जा रहे हैं जो संभव नहीं है। तेजस्वी यादव आगे कहते हैं कि इस तरह तो सरकार गरीब लोगों का नाम मतदाता सूची से हटा देगी और आगे चलकर उन्हें राशन, पेंशन और योजनाओं का लाभ मिलना भी बंद हो जाएगा। ना उनका आधार कार्ड काम करेगा और ना ही मनरेगा कार्ड मान्य रहेगा।
गरीबों से छीन रहे है मतदान का अधिकार
तेजस्वी यादव ने इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया की इस नई नीति का जमकर विरोध किया है और इसे BJP सरकार की गरीब और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं से उनका वोट डालने का अधिकार छिनने की योजना बता रहे हैं। तेजस्वी यादव कहते हैं कि मतदाताओं से उनके पूर्वजों के जन्म प्रमाण पत्र तक मांगे जा रहे हैं। जो किसी भी स्थिति में उपलब्ध नहीं हो सकते। इस तरह दलित, शोषित वर्गों और गरीबों का मतदान डालने का अधिकार भी चला जाएगा।
बता दे, बिहार में आखिरी बार मतदाताओं का इस तरह निरीक्षण साल 2002 में किया गया था। जिसमें लगभग 2 साल लंबा समय लगा था। लेकिन इस बार इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया केवल 25 दिनों में ही यह पूरा काम निपटाने की योजना के साथ काम कर रहा है।