Maharashtra Election Result आ चुका है. 288 सीटों पर हुए मतदानों में बीजेपी की अगुवाई में महायुति ने 132 सीटों के साथ जीत हासिल की है। इनके अलावा महा विकास अघाड़ी को 47 सीटें और अन्य पार्टियों को मात्र 13 सीटें हासिल हुई है। महायुति को मिली इस तगड़ी बढ़त से हर कोई हैरान है। बीजेपी गठबंधन बहुमत हासिल करके महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सरकार महाराष्ट्र का नया लीडर 25 या 26 नवंबर को शपथ ले सकता है।
महाराष्ट्र में BJP की जीत से बौखलाए उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणामों ने सभी राजनीतिक पंडितों और भविष्यवाणी कर्ताओं को झूठा साबित कर दिया है। हर कोई शिवसेना की जीत के भ्रम में था। मगर नतीजे आने के बाद भाजपा को मिली सीटों के आंकड़ों ने हर किसी को हैरान किया है। इसके बाद ठाकरे ने भी मीडिया को सामूहिक रूप से इंटरव्यू दिया है। जिसमें उन्होंने परिणाम के नतीजों को अब तक के सबसे हैरतअंगेज और चौका देने वाले नतीजें बताया है। उन्होंने कहा है की महज 4-6 महीने की समय अवधि में ही महाराष्ट्र की जनता ने एक बड़ा पलट-फेर किया है।
Maharashtra Election Result किस पार्टी में कितनी सीटें मिली
पार्टी का नाम | जीती गई सीटें |
---|---|
भाजपा | 132 |
शिवसेना | 57 |
राकांपा | 41 |
शिवसेना (उबाठा) | 20 |
कांग्रेस | 16 |
राकांपा (एसपी) | 10 |
समाजवादी पार्टी | 02 |
जन सुराज्य शक्ति | 02 |
राष्ट्रीय युवा स्वाभिमानी पार्टी | 01 |
ष्ट्रीय समाज पक्ष | 01 |
एआईएमआईएम | 01 |
माकपा | 10 |
पीडब्लूपी | 01 |
राजर्षि साहू विकास आघाडी | 01 |
निर्दलीय | 02 |
हार के बाद उध्दव ठाकरे का बयान
महाराष्ट्र में चुनावी हार के बाद उद्धव ठाकरे काफी मायूस है। उन्होंने कहा कि “मुझे विश्वास नहीं हो रहा है, महाराष्ट्र जिसने कोरोना महामारी के दौरान मुझे अपने परिवार के मुखिया का दर्जा दिया था। उसी महाराष्ट्र ने हमारी पार्टी को हरा दिया है।” वे आगे कहते हैं कि महज 4 से 6 महीने की समय अवधि में ही विरोधी विजेता पार्टी ने ऐसा क्या कर दिया कि सत्ता उनके हाथों में चली गई। उन्होंने ऐसी अविश्वसनीय जीत के लिए कहाँ मोमबत्ती जलाई है?
उद्धव ठाकरे कहते हैं, कि चुनावी रेलियों के दौरान भी महायुति की रैलियां से ज्यादा लोग हमारी रेलियों में नजर आते थे। मगर चुनावी नतीजे इसके एकदम विपरीत है। लोगों ने मोदी और अमित शाह के भाषण सुनने के बजाय हमारी बातें सुनी. वे आगे व्यंग्यात्मक तरीके से कहते हैं कि क्या जनता ने मोदी की बातें सुने बिना ही उन्हें वोट देने का फैसला कर लिया था?
इसके बाद ठाकरे ने तमाम मुद्दों को दरकिनार करते हुए कहां की पिछले कई सालों से हमें हमारी पार्टी के नाम और चिन्ह को लेकर भी कोई निर्णय नहीं मिला है। मामला लंबे समय से अदालत में लंबित पड़ा है।
मसलन जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करके भाजपा के साथ गठबंधन किया था। जिससे शिवसेना दो भागों में बंट गई थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे के पक्ष में शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह आ गया। तब से ही ठाकरे अपनी पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के लिए कानूनी दांव पेच खेल रहे हैं।
लोगों ने EVM को ठहराया जिम्मेदार
राजनीतिक दल से जुड़े कुछ लोगों का कहना है, कि BJP की अगुवाई में महायुति को मिली इस जबरदस्त जीत के पीछे EVM का खेल है। EVM मशीन के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ करके महायुति के पक्ष में अधिकतम वोट डाले जाने की योजना बुनी गई है। मगर दूसरी और उद्धव ठाकरे से की गई वार्तालाप में उन्होंने कहा है कि कुछ लोग बेशक EVM को इसका जिम्मेदार ठहरायेंगे। मगर यह करना बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। EVM के दुरुपयोग से नतीजें नहीं बदले गए है। और बदलना संभव भी नहीं था।