डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 6 नवंबर को अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में वापसी की है। ट्रंप 4 साल बाद फिर से राष्ट्रपति की गद्दी पर बैठने वाले हैं। उन्हें साल 2020 में बाइडेन से हार का सामना करना पड़ा था। ट्रंप की जीत के साथ ही काश पटेल का नाम भी चर्चा में आ गया है। कश्यप काश पटेल को अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) के डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
ट्रंप और काश के बीच काफी अच्छा संबंध है और पटेल हमेशा ही ट्रंप के कट्टर समर्थक भी रहे हैं। आईए जानते हैं कश्यप काश पटेल कौन है? और इनका भारत से क्या गहरा संबंध है?
ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही काश पटेल चर्चा में
6 नवंबर को 78 साल की उम्र में डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए हैं। अमेरिका के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक राजनीतिक वापसी हुई है। कथित तौर पर राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने के बाद से ही ट्रंप अपने प्रशासन के लिए उम्मीदवारों की सूची तैयार करने में जुटे हैं। यही वजह है कि कश्यप काश पटेल भी चर्चा में आ गए हैं। उन्हें CIA के डायरेक्टर के रूप के संभावित विकल्प के रूप में गिना जा रहा है।
ट्रंप कुछ ही दिनों में मंत्रिमंडल का चयन करने के साथ-साथ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की भी नियुक्ति करने वाले हैं। उम्मीद है कि कश्यप पटेल को राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग में एक बड़ी भूमिका मिलने वाली है।
काश पटेल कौन हैं?
काश पटेल का जन्म 25 फरवरी 1980 को न्यूयॉर्क में हुआ था। उनके माता-पिता पूर्वी अफ्रीका से आया एक भारतीय प्रवासी परिवार था। उनके माता-पिता भारत का गुजरात के वडोदरा से गहरा संबंध हैं। उनका लगाव आज भी गुजराती संस्कृति से जुड़ा हुआ है। उन्हें भारतीय मूल होने पर गर्व है। गुजराती संस्कृति से लगाव उनकी जीवन शैली और कार्य शैली में साफ झलकता है।
कश्यप काश पटेल डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक और करीबी है। वह अमेरिका की पृष्ठभूमि सुरक्षा और खुफिया दोनों ही क्क्षेत्रों में अव्वल दर्जे पर रहते हुए सेवाएं दे चुके है। डोनाल्ड ट्रंप के सफल राजनीतिक करियर के लिए कश्यप काश पटेल को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पटेल ने पेस यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री पूरी की है। इसके बाद लॉ फॉर्म में नौकरी के लिए उन्हें भाग-दौड़ करनी पड़ी। मगर आगे चलकर उन्होंने अमेरिकी न्याय विभाग में नौकरी शुरू की। जहां लगातार 9 सालों तक पब्लिक डिफेंडर के रूप में सेवाएं दी।
पब्लिक डिफेंडर के रूप में काम करते हुए उन्होंने नार्कों-तस्करी, राज्य और संघीय अदालत में जूरी ट्रायल में हत्या, जटिल वित्तीय अपराधों और अन्य कई संदिग्ध अपराधों की सुनवाई की है।
इसके बाद वे साल 2017 में इंटेलिजेंस में हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी के कर्मचारियों के रूप में चुने गए और अपने करियर को एक नई दिशा दी। काश पटेल ने जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनेताओं और सुरक्षा एजेंसी का ध्यान आकर्षित किया। वे हाई प्रोफाइल पदों पर रहते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग में अविश्वसनीय कारनामों के लिए जाने जाने लगे। आगे चलकर उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में डोनाल्ड ट्रंप के आतंकवादी विरोधी सलाहकार और बाद में कार्यवाहक रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में नियुक्त किया गया।
काश पटेल से जुडी खास बातें
- डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2020 में अपने शासन के अंतिम सप्ताह में कश्यप काश पटेल को CIA के उप निदेशक के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा था। मगर इसका कड़ा विरोध किया गया।
- कश्पकाश पटेल ने डोनाल्ड ट्रंप की कई शीर्ष प्राथमिकताओं को पूरा किया है। इसके अलावा अलकायदा के अल-बगदादी, ISI और कासिम अली-रिमी जैसे लोगों का सफाया करने में भी पटेल का बड़ा योगदान है।
- आतंकियों द्वारा अमेरिकी लोगों को बंधक बनाने के बाद पटेल ने उन्हें वापस लाने जैसे कारनामों से अपने आप को निखारा है।